इटावा, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के इटावा में हिंदी सेवा निधि के 32वें वार्षिक अधिवेशन एवं हिंदी सेवा सम्मान समारोह का कार्यक्रम इस्लामिया इंटर कॉलेज में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पहुंचे।
अपने संबोधन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि देश या दुनिया के अंदर भाषा देश की पहचान होती है और हिंदी भाषा भारत की आत्मा और पहचान है। आज भी दुनिया के अंदर हम जब शासन पद्धतियों को देखते हैं, उस समय भारत की एकता को रखने में भाषा का बड़ा महत्व है। संविधान निर्माण के दौरान भी इसके निर्माताओं ने माना कि भारत में भाषा एकता का प्रतीक है।
हिंदी भाषा सब को जोड़ने का कम करती है, इसलिए इसे भारत की आत्मा माना जाता है। पहले कोर्ट में सिर्फ अंग्रेजी में काम होता था लेकिन अब 22 भाषाओं में काम हो रहा है। हमने हिंदी के माध्यम से मानवीय संवेदनाओं को व्यक्त किया है। आजादी की लड़ाई लड़ने में भाषा का और साहित्यकारों का बहुत बड़ा योगदान था।
बिरला ने कहा कि आज टेक्नोलॉजी का जमाना है, इससे भाषा का तुरंत आदान-प्रदान होता है। भारत में ऐसे लोग हुए, जिन्होंने हिंदी भाषा को आगे बढ़ाने का काम किया। ये समारोह इसलिए किए जाते हैं कि आने वाली पीढ़ी अपनी भाषा पर गर्व करे। नहीं तो आने वह गुलामी की मानसिकता वाली भाषाओं पर गर्व करेगी। प्रधानमंत्री मोदी हर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिंदी का प्रयोग करते हैं। भारतीय भाषा की विविधता बहुत बड़ी है। दुनिया में हिंदी भाषा सिखाने की लिए कई संस्थान काम कर रहे हैं। दुनिया के लोग हिंदी भाषा में रुचि रखते हैं। हमारे साहित्यकारों का हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने हिंदी को दुनिया में पहुंचने का काम किया है। आज डिजिटल युग में भी हिंदी का विस्तार हो रहा है।
कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया व इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल मौजूद रहे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का स्वागत इटावा लोक सभा के सांसद और सदर विधायक ने किया। यह कार्यक्रम न्यायमूर्ति स्वर्गीय प्रेम शंकर गुप्त की याद में आयोजित किया जाता है।
–आईएएनएस
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