कोलकाता, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या मामले में दो आरोपियों को जमानत मिलने के बाद सियासत जारी है। इसी बीच, पश्चिम बंगाल संयुक्त चिकित्सक मंच, राज्य के वरिष्ठ डॉक्टरों के संगठन कोलकाता की एक विशेष अदालत द्वारा आरोपियों दी गई डिफ़ॉल्ट जमानत की निंदा करने के लिए मंगलवार से 10 दिवसीय विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहा है।
दरअसल, संदीप घोष और अभिजीत मंडल पर एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए जघन्य बलात्कार और हत्या के मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप है। दोनों आरोपियों को जमानत मिल गई है क्योंकि सीबीआई उनकी गिरफ्तारी के दिन से 90 दिनों के भीतर उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर करने में विफल रही।
मध्य कोलकाता के डोरेना क्रॉसिंग पर यह विरोध-प्रदर्शन मंगलवार से शुरू होकर 26 दिसंबर तक जारी रहेगा। डॉक्टरों के संगठन ने पहले ही मध्य कोलकाता में विरोध प्रदर्शन के लिए मंच बनाने के लिए कोलकाता पुलिस से अनुमति मांगी है। एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने बताया कि पुलिस की अनुमति न मिलने की स्थिति में फोरम इसके लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा।
बता दें कि पिछले शुक्रवार को कोलकाता की विशेष अदालत ने आरजी कर के पूर्व और विवादास्पद प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के पूर्व एसएचओ अभिजीत मंडल को सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी के 90 दिनों के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने में विफल रहने के बाद डिफ़ॉल्ट ज़मानत दे दी। दोनों पर जांच को गुमराह करने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया था। सीबीआई ने अब तक इस मामले में केवल एक आरोप पत्र दायर किया है, जिसमें संजय रॉय को बलात्कार और हत्या के अपराध में एकमात्र मुख्य आरोपी के रूप में पहचाना गया है।
जूनियर डॉक्टरों के एक निकाय, पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने पहले ही आम लोगों को शामिल करते हुए मामले में अपने आंदोलन की अगली पंक्ति की रूपरेखा तैयार कर ली है। उन्होंने पिछले शनिवार को कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में साल्ट लेक में सीबीआई की विशेष अपराध इकाई के कार्यालय में एक विरोध रैली का आयोजन किया था। फ्रंट ने “कार्य विराम” विरोध प्रदर्शन को फिर से शुरू करने की धमकी दी है, जिसे उन्होंने व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए पहले वापस ले लिया था। पीड़ित डॉक्टर के माता-पिता ने भी दावा किया है कि आम लोगों को शामिल करते हुए सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करना ही अब एकमात्र रास्ता है।
–आईएएनएस
पीएसके/एएस