नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। दो दशक पहले एक ट्रैवल एजेंट के झांसे में आकर पाकिस्तान पहुंचने वाली भारतीय महिला हामिदा बानो 22 साल बाद वापस अपने वतन लौटी हैं।
भारत पहुंचने पर व्हीलचेयर पर बैठी हमीदा को विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को सौंप दिया गया।
जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद भारतीय आव्रजन एवं सीमा शुल्क विभाग ने उन्हें जिला प्रशासन के तहसीलदार अटारी के पास भेज दिया। इसके बाद हमीदा को इलाज के लिए अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल ले जाया गया।
हमीदा बानो ने अपनी दर्दनाक यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि मुझे एक ट्रैवल एजेंट ने धोखे से पाकिस्तान ले आया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत वापस आ पाऊंगी। लेकिन, एक साल पहले ही भारतीय दूतावास ने मुझसे संपर्क किया और मुझे बताया कि मैं वापस आ सकती हूं। इस घटना से पहले मैं मुंबई में रहती थी।
महिला ने बताया कि एक ट्रैवल एजेंट ने मुझे नौकरी के लिए दुबई ले जाने का वादा किया था, लेकिन वह मुझे पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हैदराबाद ले आया। मैं डर गई थी।
हमीदा ने पाकिस्तान में झेली गई कठिनाइयों का वर्णन करते हुए कहा कि वहां मेरा जीवन ‘जिंदा लाश’ जैसा था। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार ने मुझे कभी नुकसान नहीं पहुंचाया। मैं एक सिंधी व्यक्ति के साथ रहती थी जिसने मुझसे शादी की थी। लेकिन 12 साल बाद, उनका निधन हो गया।
हमीदा ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं भारत और पाकिस्तान दोनों सरकारों को वतन लौटने में उनकी सहायता के लिए धन्यवाद देना चाहती हूँ।
बता दें कि साल 2022 में एक स्थानीय यूट्यूबर वलीउल्लाह मारूफ की वजह से हमीदा की दुर्दशा की ओर सबका ध्यान गया। उन्होंने एक ब्लॉग में उनकी कहानी साझा की, जिससे उन्हें भारत में अपने परिवार से फिर से जुड़ने में मदद मिली। मारूफ की कोशिशों से हामीदा की बेटी यास्मीन उनसे फोन पर बात करने में सक्षम हुई।
2002 में भारत छोड़ने से पहले, हमीदा अपने पति की मृत्यु के बाद अपने चार बच्चों का आर्थिक रूप से भरण-पोषण कर रही थीं। धोखेबाज भर्ती एजेंट का शिकार होने से पहले उन्होंने बिना किसी परेशानी के दोहा, कतर, दुबई और सऊदी अरब में रसोइया के रूप में काम किया था।
–आईएएनएस
पीएसके/एमके
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नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। दो दशक पहले एक ट्रैवल एजेंट के झांसे में आकर पाकिस्तान पहुंचने वाली भारतीय महिला हामिदा बानो 22 साल बाद वापस अपने वतन लौटी हैं।
भारत पहुंचने पर व्हीलचेयर पर बैठी हमीदा को विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को सौंप दिया गया।
जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद भारतीय आव्रजन एवं सीमा शुल्क विभाग ने उन्हें जिला प्रशासन के तहसीलदार अटारी के पास भेज दिया। इसके बाद हमीदा को इलाज के लिए अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल ले जाया गया।
हमीदा बानो ने अपनी दर्दनाक यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि मुझे एक ट्रैवल एजेंट ने धोखे से पाकिस्तान ले आया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत वापस आ पाऊंगी। लेकिन, एक साल पहले ही भारतीय दूतावास ने मुझसे संपर्क किया और मुझे बताया कि मैं वापस आ सकती हूं। इस घटना से पहले मैं मुंबई में रहती थी।
महिला ने बताया कि एक ट्रैवल एजेंट ने मुझे नौकरी के लिए दुबई ले जाने का वादा किया था, लेकिन वह मुझे पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हैदराबाद ले आया। मैं डर गई थी।
हमीदा ने पाकिस्तान में झेली गई कठिनाइयों का वर्णन करते हुए कहा कि वहां मेरा जीवन ‘जिंदा लाश’ जैसा था। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार ने मुझे कभी नुकसान नहीं पहुंचाया। मैं एक सिंधी व्यक्ति के साथ रहती थी जिसने मुझसे शादी की थी। लेकिन 12 साल बाद, उनका निधन हो गया।
हमीदा ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं भारत और पाकिस्तान दोनों सरकारों को वतन लौटने में उनकी सहायता के लिए धन्यवाद देना चाहती हूँ।
बता दें कि साल 2022 में एक स्थानीय यूट्यूबर वलीउल्लाह मारूफ की वजह से हमीदा की दुर्दशा की ओर सबका ध्यान गया। उन्होंने एक ब्लॉग में उनकी कहानी साझा की, जिससे उन्हें भारत में अपने परिवार से फिर से जुड़ने में मदद मिली। मारूफ की कोशिशों से हामीदा की बेटी यास्मीन उनसे फोन पर बात करने में सक्षम हुई।
2002 में भारत छोड़ने से पहले, हमीदा अपने पति की मृत्यु के बाद अपने चार बच्चों का आर्थिक रूप से भरण-पोषण कर रही थीं। धोखेबाज भर्ती एजेंट का शिकार होने से पहले उन्होंने बिना किसी परेशानी के दोहा, कतर, दुबई और सऊदी अरब में रसोइया के रूप में काम किया था।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। दो दशक पहले एक ट्रैवल एजेंट के झांसे में आकर पाकिस्तान पहुंचने वाली भारतीय महिला हामिदा बानो 22 साल बाद वापस अपने वतन लौटी हैं।
भारत पहुंचने पर व्हीलचेयर पर बैठी हमीदा को विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को सौंप दिया गया।
जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद भारतीय आव्रजन एवं सीमा शुल्क विभाग ने उन्हें जिला प्रशासन के तहसीलदार अटारी के पास भेज दिया। इसके बाद हमीदा को इलाज के लिए अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल ले जाया गया।
हमीदा बानो ने अपनी दर्दनाक यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि मुझे एक ट्रैवल एजेंट ने धोखे से पाकिस्तान ले आया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत वापस आ पाऊंगी। लेकिन, एक साल पहले ही भारतीय दूतावास ने मुझसे संपर्क किया और मुझे बताया कि मैं वापस आ सकती हूं। इस घटना से पहले मैं मुंबई में रहती थी।
महिला ने बताया कि एक ट्रैवल एजेंट ने मुझे नौकरी के लिए दुबई ले जाने का वादा किया था, लेकिन वह मुझे पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हैदराबाद ले आया। मैं डर गई थी।
हमीदा ने पाकिस्तान में झेली गई कठिनाइयों का वर्णन करते हुए कहा कि वहां मेरा जीवन ‘जिंदा लाश’ जैसा था। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार ने मुझे कभी नुकसान नहीं पहुंचाया। मैं एक सिंधी व्यक्ति के साथ रहती थी जिसने मुझसे शादी की थी। लेकिन 12 साल बाद, उनका निधन हो गया।
हमीदा ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं भारत और पाकिस्तान दोनों सरकारों को वतन लौटने में उनकी सहायता के लिए धन्यवाद देना चाहती हूँ।
बता दें कि साल 2022 में एक स्थानीय यूट्यूबर वलीउल्लाह मारूफ की वजह से हमीदा की दुर्दशा की ओर सबका ध्यान गया। उन्होंने एक ब्लॉग में उनकी कहानी साझा की, जिससे उन्हें भारत में अपने परिवार से फिर से जुड़ने में मदद मिली। मारूफ की कोशिशों से हामीदा की बेटी यास्मीन उनसे फोन पर बात करने में सक्षम हुई।
2002 में भारत छोड़ने से पहले, हमीदा अपने पति की मृत्यु के बाद अपने चार बच्चों का आर्थिक रूप से भरण-पोषण कर रही थीं। धोखेबाज भर्ती एजेंट का शिकार होने से पहले उन्होंने बिना किसी परेशानी के दोहा, कतर, दुबई और सऊदी अरब में रसोइया के रूप में काम किया था।
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नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। दो दशक पहले एक ट्रैवल एजेंट के झांसे में आकर पाकिस्तान पहुंचने वाली भारतीय महिला हामिदा बानो 22 साल बाद वापस अपने वतन लौटी हैं।
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जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद भारतीय आव्रजन एवं सीमा शुल्क विभाग ने उन्हें जिला प्रशासन के तहसीलदार अटारी के पास भेज दिया। इसके बाद हमीदा को इलाज के लिए अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल ले जाया गया।
हमीदा बानो ने अपनी दर्दनाक यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि मुझे एक ट्रैवल एजेंट ने धोखे से पाकिस्तान ले आया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत वापस आ पाऊंगी। लेकिन, एक साल पहले ही भारतीय दूतावास ने मुझसे संपर्क किया और मुझे बताया कि मैं वापस आ सकती हूं। इस घटना से पहले मैं मुंबई में रहती थी।
महिला ने बताया कि एक ट्रैवल एजेंट ने मुझे नौकरी के लिए दुबई ले जाने का वादा किया था, लेकिन वह मुझे पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हैदराबाद ले आया। मैं डर गई थी।
हमीदा ने पाकिस्तान में झेली गई कठिनाइयों का वर्णन करते हुए कहा कि वहां मेरा जीवन ‘जिंदा लाश’ जैसा था। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार ने मुझे कभी नुकसान नहीं पहुंचाया। मैं एक सिंधी व्यक्ति के साथ रहती थी जिसने मुझसे शादी की थी। लेकिन 12 साल बाद, उनका निधन हो गया।
हमीदा ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं भारत और पाकिस्तान दोनों सरकारों को वतन लौटने में उनकी सहायता के लिए धन्यवाद देना चाहती हूँ।
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2002 में भारत छोड़ने से पहले, हमीदा अपने पति की मृत्यु के बाद अपने चार बच्चों का आर्थिक रूप से भरण-पोषण कर रही थीं। धोखेबाज भर्ती एजेंट का शिकार होने से पहले उन्होंने बिना किसी परेशानी के दोहा, कतर, दुबई और सऊदी अरब में रसोइया के रूप में काम किया था।
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नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। दो दशक पहले एक ट्रैवल एजेंट के झांसे में आकर पाकिस्तान पहुंचने वाली भारतीय महिला हामिदा बानो 22 साल बाद वापस अपने वतन लौटी हैं।
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जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद भारतीय आव्रजन एवं सीमा शुल्क विभाग ने उन्हें जिला प्रशासन के तहसीलदार अटारी के पास भेज दिया। इसके बाद हमीदा को इलाज के लिए अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल ले जाया गया।
हमीदा बानो ने अपनी दर्दनाक यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि मुझे एक ट्रैवल एजेंट ने धोखे से पाकिस्तान ले आया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत वापस आ पाऊंगी। लेकिन, एक साल पहले ही भारतीय दूतावास ने मुझसे संपर्क किया और मुझे बताया कि मैं वापस आ सकती हूं। इस घटना से पहले मैं मुंबई में रहती थी।
महिला ने बताया कि एक ट्रैवल एजेंट ने मुझे नौकरी के लिए दुबई ले जाने का वादा किया था, लेकिन वह मुझे पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हैदराबाद ले आया। मैं डर गई थी।
हमीदा ने पाकिस्तान में झेली गई कठिनाइयों का वर्णन करते हुए कहा कि वहां मेरा जीवन ‘जिंदा लाश’ जैसा था। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार ने मुझे कभी नुकसान नहीं पहुंचाया। मैं एक सिंधी व्यक्ति के साथ रहती थी जिसने मुझसे शादी की थी। लेकिन 12 साल बाद, उनका निधन हो गया।
हमीदा ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं भारत और पाकिस्तान दोनों सरकारों को वतन लौटने में उनकी सहायता के लिए धन्यवाद देना चाहती हूँ।
बता दें कि साल 2022 में एक स्थानीय यूट्यूबर वलीउल्लाह मारूफ की वजह से हमीदा की दुर्दशा की ओर सबका ध्यान गया। उन्होंने एक ब्लॉग में उनकी कहानी साझा की, जिससे उन्हें भारत में अपने परिवार से फिर से जुड़ने में मदद मिली। मारूफ की कोशिशों से हामीदा की बेटी यास्मीन उनसे फोन पर बात करने में सक्षम हुई।
2002 में भारत छोड़ने से पहले, हमीदा अपने पति की मृत्यु के बाद अपने चार बच्चों का आर्थिक रूप से भरण-पोषण कर रही थीं। धोखेबाज भर्ती एजेंट का शिकार होने से पहले उन्होंने बिना किसी परेशानी के दोहा, कतर, दुबई और सऊदी अरब में रसोइया के रूप में काम किया था।
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नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। दो दशक पहले एक ट्रैवल एजेंट के झांसे में आकर पाकिस्तान पहुंचने वाली भारतीय महिला हामिदा बानो 22 साल बाद वापस अपने वतन लौटी हैं।
भारत पहुंचने पर व्हीलचेयर पर बैठी हमीदा को विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को सौंप दिया गया।
जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद भारतीय आव्रजन एवं सीमा शुल्क विभाग ने उन्हें जिला प्रशासन के तहसीलदार अटारी के पास भेज दिया। इसके बाद हमीदा को इलाज के लिए अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल ले जाया गया।
हमीदा बानो ने अपनी दर्दनाक यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि मुझे एक ट्रैवल एजेंट ने धोखे से पाकिस्तान ले आया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत वापस आ पाऊंगी। लेकिन, एक साल पहले ही भारतीय दूतावास ने मुझसे संपर्क किया और मुझे बताया कि मैं वापस आ सकती हूं। इस घटना से पहले मैं मुंबई में रहती थी।
महिला ने बताया कि एक ट्रैवल एजेंट ने मुझे नौकरी के लिए दुबई ले जाने का वादा किया था, लेकिन वह मुझे पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हैदराबाद ले आया। मैं डर गई थी।
हमीदा ने पाकिस्तान में झेली गई कठिनाइयों का वर्णन करते हुए कहा कि वहां मेरा जीवन ‘जिंदा लाश’ जैसा था। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार ने मुझे कभी नुकसान नहीं पहुंचाया। मैं एक सिंधी व्यक्ति के साथ रहती थी जिसने मुझसे शादी की थी। लेकिन 12 साल बाद, उनका निधन हो गया।
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भारत पहुंचने पर व्हीलचेयर पर बैठी हमीदा को विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को सौंप दिया गया।
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हमीदा बानो ने अपनी दर्दनाक यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि मुझे एक ट्रैवल एजेंट ने धोखे से पाकिस्तान ले आया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत वापस आ पाऊंगी। लेकिन, एक साल पहले ही भारतीय दूतावास ने मुझसे संपर्क किया और मुझे बताया कि मैं वापस आ सकती हूं। इस घटना से पहले मैं मुंबई में रहती थी।
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हमीदा ने पाकिस्तान में झेली गई कठिनाइयों का वर्णन करते हुए कहा कि वहां मेरा जीवन ‘जिंदा लाश’ जैसा था। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार ने मुझे कभी नुकसान नहीं पहुंचाया। मैं एक सिंधी व्यक्ति के साथ रहती थी जिसने मुझसे शादी की थी। लेकिन 12 साल बाद, उनका निधन हो गया।
हमीदा ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं भारत और पाकिस्तान दोनों सरकारों को वतन लौटने में उनकी सहायता के लिए धन्यवाद देना चाहती हूँ।
बता दें कि साल 2022 में एक स्थानीय यूट्यूबर वलीउल्लाह मारूफ की वजह से हमीदा की दुर्दशा की ओर सबका ध्यान गया। उन्होंने एक ब्लॉग में उनकी कहानी साझा की, जिससे उन्हें भारत में अपने परिवार से फिर से जुड़ने में मदद मिली। मारूफ की कोशिशों से हामीदा की बेटी यास्मीन उनसे फोन पर बात करने में सक्षम हुई।
2002 में भारत छोड़ने से पहले, हमीदा अपने पति की मृत्यु के बाद अपने चार बच्चों का आर्थिक रूप से भरण-पोषण कर रही थीं। धोखेबाज भर्ती एजेंट का शिकार होने से पहले उन्होंने बिना किसी परेशानी के दोहा, कतर, दुबई और सऊदी अरब में रसोइया के रूप में काम किया था।
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नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। दो दशक पहले एक ट्रैवल एजेंट के झांसे में आकर पाकिस्तान पहुंचने वाली भारतीय महिला हामिदा बानो 22 साल बाद वापस अपने वतन लौटी हैं।
भारत पहुंचने पर व्हीलचेयर पर बैठी हमीदा को विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को सौंप दिया गया।
जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद भारतीय आव्रजन एवं सीमा शुल्क विभाग ने उन्हें जिला प्रशासन के तहसीलदार अटारी के पास भेज दिया। इसके बाद हमीदा को इलाज के लिए अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल ले जाया गया।
हमीदा बानो ने अपनी दर्दनाक यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि मुझे एक ट्रैवल एजेंट ने धोखे से पाकिस्तान ले आया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत वापस आ पाऊंगी। लेकिन, एक साल पहले ही भारतीय दूतावास ने मुझसे संपर्क किया और मुझे बताया कि मैं वापस आ सकती हूं। इस घटना से पहले मैं मुंबई में रहती थी।
महिला ने बताया कि एक ट्रैवल एजेंट ने मुझे नौकरी के लिए दुबई ले जाने का वादा किया था, लेकिन वह मुझे पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हैदराबाद ले आया। मैं डर गई थी।
हमीदा ने पाकिस्तान में झेली गई कठिनाइयों का वर्णन करते हुए कहा कि वहां मेरा जीवन ‘जिंदा लाश’ जैसा था। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार ने मुझे कभी नुकसान नहीं पहुंचाया। मैं एक सिंधी व्यक्ति के साथ रहती थी जिसने मुझसे शादी की थी। लेकिन 12 साल बाद, उनका निधन हो गया।
हमीदा ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं भारत और पाकिस्तान दोनों सरकारों को वतन लौटने में उनकी सहायता के लिए धन्यवाद देना चाहती हूँ।
बता दें कि साल 2022 में एक स्थानीय यूट्यूबर वलीउल्लाह मारूफ की वजह से हमीदा की दुर्दशा की ओर सबका ध्यान गया। उन्होंने एक ब्लॉग में उनकी कहानी साझा की, जिससे उन्हें भारत में अपने परिवार से फिर से जुड़ने में मदद मिली। मारूफ की कोशिशों से हामीदा की बेटी यास्मीन उनसे फोन पर बात करने में सक्षम हुई।
2002 में भारत छोड़ने से पहले, हमीदा अपने पति की मृत्यु के बाद अपने चार बच्चों का आर्थिक रूप से भरण-पोषण कर रही थीं। धोखेबाज भर्ती एजेंट का शिकार होने से पहले उन्होंने बिना किसी परेशानी के दोहा, कतर, दुबई और सऊदी अरब में रसोइया के रूप में काम किया था।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। दो दशक पहले एक ट्रैवल एजेंट के झांसे में आकर पाकिस्तान पहुंचने वाली भारतीय महिला हामिदा बानो 22 साल बाद वापस अपने वतन लौटी हैं।
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जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद भारतीय आव्रजन एवं सीमा शुल्क विभाग ने उन्हें जिला प्रशासन के तहसीलदार अटारी के पास भेज दिया। इसके बाद हमीदा को इलाज के लिए अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल ले जाया गया।
हमीदा बानो ने अपनी दर्दनाक यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि मुझे एक ट्रैवल एजेंट ने धोखे से पाकिस्तान ले आया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत वापस आ पाऊंगी। लेकिन, एक साल पहले ही भारतीय दूतावास ने मुझसे संपर्क किया और मुझे बताया कि मैं वापस आ सकती हूं। इस घटना से पहले मैं मुंबई में रहती थी।
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हमीदा ने पाकिस्तान में झेली गई कठिनाइयों का वर्णन करते हुए कहा कि वहां मेरा जीवन ‘जिंदा लाश’ जैसा था। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार ने मुझे कभी नुकसान नहीं पहुंचाया। मैं एक सिंधी व्यक्ति के साथ रहती थी जिसने मुझसे शादी की थी। लेकिन 12 साल बाद, उनका निधन हो गया।
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बता दें कि साल 2022 में एक स्थानीय यूट्यूबर वलीउल्लाह मारूफ की वजह से हमीदा की दुर्दशा की ओर सबका ध्यान गया। उन्होंने एक ब्लॉग में उनकी कहानी साझा की, जिससे उन्हें भारत में अपने परिवार से फिर से जुड़ने में मदद मिली। मारूफ की कोशिशों से हामीदा की बेटी यास्मीन उनसे फोन पर बात करने में सक्षम हुई।
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जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद भारतीय आव्रजन एवं सीमा शुल्क विभाग ने उन्हें जिला प्रशासन के तहसीलदार अटारी के पास भेज दिया। इसके बाद हमीदा को इलाज के लिए अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल ले जाया गया।
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हमीदा ने पाकिस्तान में झेली गई कठिनाइयों का वर्णन करते हुए कहा कि वहां मेरा जीवन ‘जिंदा लाश’ जैसा था। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार ने मुझे कभी नुकसान नहीं पहुंचाया। मैं एक सिंधी व्यक्ति के साथ रहती थी जिसने मुझसे शादी की थी। लेकिन 12 साल बाद, उनका निधन हो गया।
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नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। दो दशक पहले एक ट्रैवल एजेंट के झांसे में आकर पाकिस्तान पहुंचने वाली भारतीय महिला हामिदा बानो 22 साल बाद वापस अपने वतन लौटी हैं।
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हमीदा ने पाकिस्तान में झेली गई कठिनाइयों का वर्णन करते हुए कहा कि वहां मेरा जीवन ‘जिंदा लाश’ जैसा था। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार ने मुझे कभी नुकसान नहीं पहुंचाया। मैं एक सिंधी व्यक्ति के साथ रहती थी जिसने मुझसे शादी की थी। लेकिन 12 साल बाद, उनका निधन हो गया।
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भारत पहुंचने पर व्हीलचेयर पर बैठी हमीदा को विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को सौंप दिया गया।
जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद भारतीय आव्रजन एवं सीमा शुल्क विभाग ने उन्हें जिला प्रशासन के तहसीलदार अटारी के पास भेज दिया। इसके बाद हमीदा को इलाज के लिए अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल ले जाया गया।
हमीदा बानो ने अपनी दर्दनाक यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि मुझे एक ट्रैवल एजेंट ने धोखे से पाकिस्तान ले आया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत वापस आ पाऊंगी। लेकिन, एक साल पहले ही भारतीय दूतावास ने मुझसे संपर्क किया और मुझे बताया कि मैं वापस आ सकती हूं। इस घटना से पहले मैं मुंबई में रहती थी।
महिला ने बताया कि एक ट्रैवल एजेंट ने मुझे नौकरी के लिए दुबई ले जाने का वादा किया था, लेकिन वह मुझे पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हैदराबाद ले आया। मैं डर गई थी।
हमीदा ने पाकिस्तान में झेली गई कठिनाइयों का वर्णन करते हुए कहा कि वहां मेरा जीवन ‘जिंदा लाश’ जैसा था। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार ने मुझे कभी नुकसान नहीं पहुंचाया। मैं एक सिंधी व्यक्ति के साथ रहती थी जिसने मुझसे शादी की थी। लेकिन 12 साल बाद, उनका निधन हो गया।
हमीदा ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं भारत और पाकिस्तान दोनों सरकारों को वतन लौटने में उनकी सहायता के लिए धन्यवाद देना चाहती हूँ।
बता दें कि साल 2022 में एक स्थानीय यूट्यूबर वलीउल्लाह मारूफ की वजह से हमीदा की दुर्दशा की ओर सबका ध्यान गया। उन्होंने एक ब्लॉग में उनकी कहानी साझा की, जिससे उन्हें भारत में अपने परिवार से फिर से जुड़ने में मदद मिली। मारूफ की कोशिशों से हामीदा की बेटी यास्मीन उनसे फोन पर बात करने में सक्षम हुई।
2002 में भारत छोड़ने से पहले, हमीदा अपने पति की मृत्यु के बाद अपने चार बच्चों का आर्थिक रूप से भरण-पोषण कर रही थीं। धोखेबाज भर्ती एजेंट का शिकार होने से पहले उन्होंने बिना किसी परेशानी के दोहा, कतर, दुबई और सऊदी अरब में रसोइया के रूप में काम किया था।
–आईएएनएस
पीएसके/एमके
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नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। दो दशक पहले एक ट्रैवल एजेंट के झांसे में आकर पाकिस्तान पहुंचने वाली भारतीय महिला हामिदा बानो 22 साल बाद वापस अपने वतन लौटी हैं।
भारत पहुंचने पर व्हीलचेयर पर बैठी हमीदा को विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को सौंप दिया गया।
जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद भारतीय आव्रजन एवं सीमा शुल्क विभाग ने उन्हें जिला प्रशासन के तहसीलदार अटारी के पास भेज दिया। इसके बाद हमीदा को इलाज के लिए अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल ले जाया गया।
हमीदा बानो ने अपनी दर्दनाक यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि मुझे एक ट्रैवल एजेंट ने धोखे से पाकिस्तान ले आया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत वापस आ पाऊंगी। लेकिन, एक साल पहले ही भारतीय दूतावास ने मुझसे संपर्क किया और मुझे बताया कि मैं वापस आ सकती हूं। इस घटना से पहले मैं मुंबई में रहती थी।
महिला ने बताया कि एक ट्रैवल एजेंट ने मुझे नौकरी के लिए दुबई ले जाने का वादा किया था, लेकिन वह मुझे पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हैदराबाद ले आया। मैं डर गई थी।
हमीदा ने पाकिस्तान में झेली गई कठिनाइयों का वर्णन करते हुए कहा कि वहां मेरा जीवन ‘जिंदा लाश’ जैसा था। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार ने मुझे कभी नुकसान नहीं पहुंचाया। मैं एक सिंधी व्यक्ति के साथ रहती थी जिसने मुझसे शादी की थी। लेकिन 12 साल बाद, उनका निधन हो गया।
हमीदा ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं भारत और पाकिस्तान दोनों सरकारों को वतन लौटने में उनकी सहायता के लिए धन्यवाद देना चाहती हूँ।
बता दें कि साल 2022 में एक स्थानीय यूट्यूबर वलीउल्लाह मारूफ की वजह से हमीदा की दुर्दशा की ओर सबका ध्यान गया। उन्होंने एक ब्लॉग में उनकी कहानी साझा की, जिससे उन्हें भारत में अपने परिवार से फिर से जुड़ने में मदद मिली। मारूफ की कोशिशों से हामीदा की बेटी यास्मीन उनसे फोन पर बात करने में सक्षम हुई।
2002 में भारत छोड़ने से पहले, हमीदा अपने पति की मृत्यु के बाद अपने चार बच्चों का आर्थिक रूप से भरण-पोषण कर रही थीं। धोखेबाज भर्ती एजेंट का शिकार होने से पहले उन्होंने बिना किसी परेशानी के दोहा, कतर, दुबई और सऊदी अरब में रसोइया के रूप में काम किया था।
–आईएएनएस
पीएसके/एमके
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नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। दो दशक पहले एक ट्रैवल एजेंट के झांसे में आकर पाकिस्तान पहुंचने वाली भारतीय महिला हामिदा बानो 22 साल बाद वापस अपने वतन लौटी हैं।
भारत पहुंचने पर व्हीलचेयर पर बैठी हमीदा को विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को सौंप दिया गया।
जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद भारतीय आव्रजन एवं सीमा शुल्क विभाग ने उन्हें जिला प्रशासन के तहसीलदार अटारी के पास भेज दिया। इसके बाद हमीदा को इलाज के लिए अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल ले जाया गया।
हमीदा बानो ने अपनी दर्दनाक यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि मुझे एक ट्रैवल एजेंट ने धोखे से पाकिस्तान ले आया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत वापस आ पाऊंगी। लेकिन, एक साल पहले ही भारतीय दूतावास ने मुझसे संपर्क किया और मुझे बताया कि मैं वापस आ सकती हूं। इस घटना से पहले मैं मुंबई में रहती थी।
महिला ने बताया कि एक ट्रैवल एजेंट ने मुझे नौकरी के लिए दुबई ले जाने का वादा किया था, लेकिन वह मुझे पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हैदराबाद ले आया। मैं डर गई थी।
हमीदा ने पाकिस्तान में झेली गई कठिनाइयों का वर्णन करते हुए कहा कि वहां मेरा जीवन ‘जिंदा लाश’ जैसा था। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार ने मुझे कभी नुकसान नहीं पहुंचाया। मैं एक सिंधी व्यक्ति के साथ रहती थी जिसने मुझसे शादी की थी। लेकिन 12 साल बाद, उनका निधन हो गया।
हमीदा ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं भारत और पाकिस्तान दोनों सरकारों को वतन लौटने में उनकी सहायता के लिए धन्यवाद देना चाहती हूँ।
बता दें कि साल 2022 में एक स्थानीय यूट्यूबर वलीउल्लाह मारूफ की वजह से हमीदा की दुर्दशा की ओर सबका ध्यान गया। उन्होंने एक ब्लॉग में उनकी कहानी साझा की, जिससे उन्हें भारत में अपने परिवार से फिर से जुड़ने में मदद मिली। मारूफ की कोशिशों से हामीदा की बेटी यास्मीन उनसे फोन पर बात करने में सक्षम हुई।
2002 में भारत छोड़ने से पहले, हमीदा अपने पति की मृत्यु के बाद अपने चार बच्चों का आर्थिक रूप से भरण-पोषण कर रही थीं। धोखेबाज भर्ती एजेंट का शिकार होने से पहले उन्होंने बिना किसी परेशानी के दोहा, कतर, दुबई और सऊदी अरब में रसोइया के रूप में काम किया था।
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नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। दो दशक पहले एक ट्रैवल एजेंट के झांसे में आकर पाकिस्तान पहुंचने वाली भारतीय महिला हामिदा बानो 22 साल बाद वापस अपने वतन लौटी हैं।
भारत पहुंचने पर व्हीलचेयर पर बैठी हमीदा को विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को सौंप दिया गया।
जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद भारतीय आव्रजन एवं सीमा शुल्क विभाग ने उन्हें जिला प्रशासन के तहसीलदार अटारी के पास भेज दिया। इसके बाद हमीदा को इलाज के लिए अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल ले जाया गया।
हमीदा बानो ने अपनी दर्दनाक यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि मुझे एक ट्रैवल एजेंट ने धोखे से पाकिस्तान ले आया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत वापस आ पाऊंगी। लेकिन, एक साल पहले ही भारतीय दूतावास ने मुझसे संपर्क किया और मुझे बताया कि मैं वापस आ सकती हूं। इस घटना से पहले मैं मुंबई में रहती थी।
महिला ने बताया कि एक ट्रैवल एजेंट ने मुझे नौकरी के लिए दुबई ले जाने का वादा किया था, लेकिन वह मुझे पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हैदराबाद ले आया। मैं डर गई थी।
हमीदा ने पाकिस्तान में झेली गई कठिनाइयों का वर्णन करते हुए कहा कि वहां मेरा जीवन ‘जिंदा लाश’ जैसा था। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार ने मुझे कभी नुकसान नहीं पहुंचाया। मैं एक सिंधी व्यक्ति के साथ रहती थी जिसने मुझसे शादी की थी। लेकिन 12 साल बाद, उनका निधन हो गया।
हमीदा ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं भारत और पाकिस्तान दोनों सरकारों को वतन लौटने में उनकी सहायता के लिए धन्यवाद देना चाहती हूँ।
बता दें कि साल 2022 में एक स्थानीय यूट्यूबर वलीउल्लाह मारूफ की वजह से हमीदा की दुर्दशा की ओर सबका ध्यान गया। उन्होंने एक ब्लॉग में उनकी कहानी साझा की, जिससे उन्हें भारत में अपने परिवार से फिर से जुड़ने में मदद मिली। मारूफ की कोशिशों से हामीदा की बेटी यास्मीन उनसे फोन पर बात करने में सक्षम हुई।
2002 में भारत छोड़ने से पहले, हमीदा अपने पति की मृत्यु के बाद अपने चार बच्चों का आर्थिक रूप से भरण-पोषण कर रही थीं। धोखेबाज भर्ती एजेंट का शिकार होने से पहले उन्होंने बिना किसी परेशानी के दोहा, कतर, दुबई और सऊदी अरब में रसोइया के रूप में काम किया था।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। दो दशक पहले एक ट्रैवल एजेंट के झांसे में आकर पाकिस्तान पहुंचने वाली भारतीय महिला हामिदा बानो 22 साल बाद वापस अपने वतन लौटी हैं।
भारत पहुंचने पर व्हीलचेयर पर बैठी हमीदा को विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को सौंप दिया गया।
जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद भारतीय आव्रजन एवं सीमा शुल्क विभाग ने उन्हें जिला प्रशासन के तहसीलदार अटारी के पास भेज दिया। इसके बाद हमीदा को इलाज के लिए अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल ले जाया गया।
हमीदा बानो ने अपनी दर्दनाक यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि मुझे एक ट्रैवल एजेंट ने धोखे से पाकिस्तान ले आया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत वापस आ पाऊंगी। लेकिन, एक साल पहले ही भारतीय दूतावास ने मुझसे संपर्क किया और मुझे बताया कि मैं वापस आ सकती हूं। इस घटना से पहले मैं मुंबई में रहती थी।
महिला ने बताया कि एक ट्रैवल एजेंट ने मुझे नौकरी के लिए दुबई ले जाने का वादा किया था, लेकिन वह मुझे पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हैदराबाद ले आया। मैं डर गई थी।
हमीदा ने पाकिस्तान में झेली गई कठिनाइयों का वर्णन करते हुए कहा कि वहां मेरा जीवन ‘जिंदा लाश’ जैसा था। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार ने मुझे कभी नुकसान नहीं पहुंचाया। मैं एक सिंधी व्यक्ति के साथ रहती थी जिसने मुझसे शादी की थी। लेकिन 12 साल बाद, उनका निधन हो गया।
हमीदा ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं भारत और पाकिस्तान दोनों सरकारों को वतन लौटने में उनकी सहायता के लिए धन्यवाद देना चाहती हूँ।
बता दें कि साल 2022 में एक स्थानीय यूट्यूबर वलीउल्लाह मारूफ की वजह से हमीदा की दुर्दशा की ओर सबका ध्यान गया। उन्होंने एक ब्लॉग में उनकी कहानी साझा की, जिससे उन्हें भारत में अपने परिवार से फिर से जुड़ने में मदद मिली। मारूफ की कोशिशों से हामीदा की बेटी यास्मीन उनसे फोन पर बात करने में सक्षम हुई।
2002 में भारत छोड़ने से पहले, हमीदा अपने पति की मृत्यु के बाद अपने चार बच्चों का आर्थिक रूप से भरण-पोषण कर रही थीं। धोखेबाज भर्ती एजेंट का शिकार होने से पहले उन्होंने बिना किसी परेशानी के दोहा, कतर, दुबई और सऊदी अरब में रसोइया के रूप में काम किया था।