गाजियाबाद, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद मंगलवार को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल को लोकसभा में पेश किया गया। अब इसे संयुक्त सदन समिति (जेपीसी) में भेजा जाएगा। अब इस पर राजनीतिक प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है।
पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आईएएनएस से कहा, ” ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ देश के लिए बहुत अच्छा है। यह एक विधान, एक निशान और एक संविधान के सूत्र को मजबूत करता है। लेकिन अफसोस की बात है कि जब भारत के नए संसद का उद्घाटन और राम मंदिर बना तो कुछ लोगों के पेट में दर्द हुआ। तीन तलाक हटाया गया, श्री कल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास हुआ तब भी ऐसा हुआ। उनके पेट में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर भी दर्द हो रहा है। जॉर्ज सोरोस की संतानें हर उस फैसले का विरोध करेंगी, जो राष्ट्र की एकता के लिए आवश्यक है।”
संभल में पुराने मंदिर मिलने को प्रमोद कृष्णम ने चमत्कार बताया। उन्होंने कहा, “भगवान के अवतार होने से पहले का यह चमत्कार है। जहां तक संभल की बात है, यह भगवान कल्कि की अवतरण स्थली है और यहां पर भगवान खुद आएंगे। जहां भगवान का अवतार होता है, वहां पर पहले कुछ चमत्कार और उपद्रव भी होते हैं।”
उधर, बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर लोकसभा में पीएम मोदी का ऐतिहासिक कदम बताया।
उन्होंने कहा, “संविधान निर्माताओं की भावनाओ के अनुकूल आज़ादी के बाद 15 साल तक वैसे ही चुनाव होता था, लेकिन वंशवादी राजनीति और इमरजेंसी लगाने वालों ने ये क्रम तोड़ा। अब फिर से एक साथ चुनाव होगा, ताकि देश का विकास और तेज़ी से हो सके।”
शिवसेना से सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा, “एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महारी पार्टी ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का समर्थन किया है। यह आज की जरूरत है। जब हमें स्वतंत्रता मिली, तो सभी चुनाव एक साथ होते थे। लेकिन धीरे-धीरे कांग्रेस ने कई राज्यों में राष्ट्रपति शासन लागू किया, इसके कारण राज्यों के अलग-अलग चुनाव होने लगे। कांग्रेस ने इस क्रम को बिगाड़ा।”
पश्चिम बंगाल भाजपा के नेता सुभाष सरकार ने कहा, “पूरा देश ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ चाहता है। सालभर चुनाव होने में सरकार का कितना पैसा खर्च होता है। देशभक्त इसका समर्थन करेंगे। भाजपा केवल सत्ता के नहीं, बल्कि देश के लिए है। इसलिए इस बिल को लेकर आए हैं।”
विपक्ष द्वारा इस बिल के विरोध करने को लेकर उन्होंने कहा, “वह देश नहीं खुद के लिए सोच रहे हैं। जितना चुनाव होगा, उनकी जेब में उतना पैसा आएगा।”
–आईएएनएस
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