सिलचर, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय में रैगिंग के मामले के बाद, असम के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में फ्रेशर्स के उत्पीड़न को रोकने के लिए सख्त एहतियाती कदम उठाए गए हैं, जिसमें फ्रेशर्स को अलग हॉस्टल में रखना भी शामिल है।
सिलचर में असम विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने वरिष्ठ छात्रों से रैगिंग नहीं करने के लिए बांड भरने के लिए कहा है।
अधिकारियों ने छात्रों को किसी भी प्रकार की रैगिंग गतिविधि में शामिल नहीं होने के लिए छात्रों से ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए कहा है। विश्वविद्यालय के प्रत्येक छात्र को फॉर्म भरना होता है और रैगिंग के खिलाफ एक बांड देना होता है।
विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि, अगर किसी भी रैगिंग मामले में शामिल होने का सबूत मिलता है तो उस छात्र के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सिलचर मेडिकल कॉलेज और एनआईटी सिलचर के अधिकारियों ने नए भर्ती छात्रों के लिए अलग छात्रावास की व्यवस्था की है।
सिलचर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. बाबुल कुमार बेजबरुआ ने कहा कि, एहतियात के तौर पर एमबीबीएस कोर्स के नए छात्रों को कॉलेज में अलग छात्रावास में रखने की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा, नवनिर्मित पीजी छात्रावास में पीजी स्तर के प्रथम वर्ष के छात्रों के साथ एमबीबीएस फ्रेशर्स को भी समायोजित किया गया है। इस छात्रावास में पूरे प्रथम वर्ष रहने के बाद, अगले वर्ष उन्हें दूसरे छात्रावास में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जहां स्नातक स्तर के वरिष्ठ छात्र रह रहे हैं।
पिछले साल सिलचर मेडिकल कॉलेज के लड़कों के छात्रावास में रैगिंग के कारण आठ वरिष्ठ छात्रों को एक निश्चित अवधि के लिए निष्कासित कर दिया गया था।
मेडिकल कॉलेज के एक अधिकारी ने बताया कि, पिछले दिनों के अनुभव से पता चला है कि जब फ्रेश छात्रों को सीनियर्स के साथ एक ही हॉस्टल में रखा जाता है तो दिक्कत होती है।
इस बीच, एनआईटी सिलचर के छात्र कल्याण विभाग के डीन प्रांजीत बर्मन ने कहा कि नए छात्र एक साल तक अलग छात्रावास में रहेंगे, बाद में उन्हें वरिष्ठ छात्रों के साथ दूसरे छात्रावास में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
बर्मन ने आगे कहा कि, कैंपस में रैगिंग रोकने के लिए नए छात्रों को अलग हॉस्टल में रखने के अलावा अधिकारी पैनी नजर रख रहे हैं।
–आईएएनएस
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