पन्ना/जबलपुर. पन्ना जिले में चाइनीज मांझे फिर कहर देखने को मिला है. चाइनीज मांझे ने एक 7 साल की मासूम बच्ची गंभीर रूप से घायल कर दिया. जिसे गंभीर अवस्था में प्राथमिक उपचार के बाद स्थिति गंभीर होने की वजह से नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल जबलपुर रेफर किया गया. पन्ना की तरह जबलपुर में भी जिम्मेदार अब भी नहीं जाग रहे हैं न तो चाइनीज मांझा बेचने वालों पर रोक लग पा रही हैं न हीं बड़े पैमाने पर एकत्रित स्टॉक जब्त किया जा रहा हैं जबकि प्रदेश के इंदौर सहित अन्य महानगरों में प्रतिबंधित चाइनीज मांझे के खिलाफ कार्रवाई करते हुए स्टॉक जब्त किया जा रहा हैं, हालहीं में पड़ोस के छिंदवाड़ा जिले में 2 लाख रुपए का चाइनीज मांझा जब्त किया गया.
जबलपुर जिले से समूचे महाकौशल को चाइनीज मांझे की आपूर्ति की जा रही हैं, पड़ोस के जिले में भी कार्रवाई हो जाने के बावजूद जिले में अब तक जिम्मेदारों ने न तो शहर में खुलेआम बिक रहे चाइनीज मांझे की जांच की न ही किसी दुकान से इसका स्टॉक जब्त किया. जबकि जिले में कई लोमहर्षक हादसों की वजह बन चुके इस मांझे की धड़ल्ले से बिक्री जारी हैं. प्रदेश के अन्य शहरों में स्थानीय प्रशासन द्वारा जहां चाइनीज मांझे को बेचने या स्टॉक रखने पर प्रतिबंध लगाते हुए भारतीय नागरिक संहिता की धारा-163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया हैं वहींं जिले में चाइनीज मांझा बेचने वालों के प्रति किसी का ध्यान नहीं हैं.
पन्ना में 7 साल की बच्ची की स्थिति गंभीर
पन्ना जिले में एक सात साल की बच्ची इस खतरनाक मांझे की चपेट में आ गई. पन्ना की गहरा निवासी श्रद्धा कुशवाहा के दोनों हाथ और पैर बुरी तरह जख्मी हो गए. बालिका की स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि डॉक्टरों को दोनों पैरों में 44 टांके लगाने पड़े. जिला चिकित्सालय में प्राथमिक इलाज के बाद बच्ची को बेहतर उपचार के लिए जबलपुर रैफर कर दिया गया है. वहीं, जिला अस्पताल के सिविल सर्जन का कहना है कि बच्ची गंभीर रूप से जख्मी हुई है.
प्राथमिक तौर पर इलाज पन्ना जिला चिकित्सालय में कर दिया गया है लेकिन स्थिति गंभीर होने के चलते उसे जबलपुर रेफर किया गया है. इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि प्रतिबंध चाइनीज मांझे के बावजूद खतरनाक चाइना मांझा बाजार में कैसे पहुंच रहा है. प्रशासन को ऐसे मामलों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए, ताकि कोई और मासूम इस तरह की दर्दनाक घटना का शिकार न हो.