उमरिया. उमरिया जिले में धान का उठाव न होने के कारण धान की खरीदी कर रही सहकारी समितियों के संचालन कर्त्ताओं की धड़कनें तेज हो गई है. सहकारी समितियों के लिए एक तरफ धान खरीदी करने का दबाव है,तो दुसरी ओर उसका उठाव न होने की समस्या से जुझना पड रहा है. जिले भर में धान खरीदी का काम विभिन्न क्षेत्रों सहकारी समितियों के माध्यम से जारी है , और सभी खरीदी केन्द्रों का हिसाब किया जाये तो अब तक लाखों क्विंटल की धान खरीदी की जा चुकी है.
लेकिन उठाव का काम न के बराबर हुआ है . धान खरीदी केंद्रों में क ई कृषक सप्ताह भर से धान लेकर केन्द्रो में डेरा डाल रखे हैं , लेकिन खरीदी केन्द्रों में बारदाना की उपलब्धता न होने के कारण धान खरीदी नहीं हो पा रही है. कृषकों की मुसीबतें बढ़ती जा रही है, कि उनकी खरीदी समय पर नहीं हो पा रही.
बिगड़ते मौसम ने किसानों और खरीदी केन्द्रों के संचालकों की परेशानी बढ़ा कर रख दी है. किसान खरीदी केन्द्रों में पडे धान बिक्री का इतंजार कर रहे हैं,तो खरीदी केन्द्रों के संचालकों का कहना है कि खरीदी गई धान मे जो सुखवन जायेगा उसकी भरपाई समिति कैसे कर पायेंगे.
धान खरीदी केन्द्रों के संचालकों का कहना है कि बदलते मौसम के कारण धान खरीद कर हम रखे हैं, अगर वर्षा हो गई और धान खराब होगी तो,इसका खामियाजा कौन भुगतेगा. इस तरह से देखा जाए कि उमरिया जिले का अमला उठाव कराने के मामले में असफल साबित हो रहा है . इस संवेदनशील मामले में जिला प्रशासन को समय रहते आवश्यक कदम उठाते हुए धान को सुरक्षित कराने आगे आना चाहिए .