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Home ताज़ा समाचार

‘वीर बाल दिवस’ पर सिख समाज ने कहा, पीएम मोदी ने वो करके दिखाया जो पिछली सरकार नहीं कर पाई

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December 26, 2024
in ताज़ा समाचार
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वाराणसी, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। आज देश भर में वीर बाल दिवस मनाया गया। दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया।

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वहीं, यूपी में वाराणसी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यालय में वीर बाल दिवस को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया। हर साल आज के दिन वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से सिख गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को समर्पित है। इन दोनों साहिबजादों ने छोटी उम्र में मुगल साम्राज्य के अत्याचारों का सामना करते हुए शहादत दी थी।

वीर बाल दिवस को लेकर सिख समुदाय के कुछ लोगों के साथ आईएएनएस ने बातचीत की।

हरमीत सिंह बग्गा ने कहा कि यह दिन हमें उस शहीदी की याद कराता है, जब धर्म की रक्षा करने के लिए गुरु महाराज के पूरे परिवार ने बलिदान दिया। इसे लेकर पहले की सरकार नहीं समझती थी। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस चीज को समझा है।

सतनाम ने कहा कि पहले की सरकारों ने ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस काम को शुरू किया है।

ऋचा बग्गा ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने किसी एक धर्म के लिए बलिदान नहीं दिया था। इंसानियत को बचाने के लिए बलिदान दिया था। नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने इस दिन वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। सिख समाज हमेशा उनका कर्जदार रहेगा। स्कूलों के सिलेबस में भी इसे पढ़ाया जाना चाहिए। वीर शिवाजी की कहानियां होनी चाहिए। हमें विदेशी इतिहास नहीं पढ़ना है, हमें अपना भारत का इतिहास पढ़ना है।

गुरजीत सिंह बग्गा ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं ,जिन्होंने आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले सिख समुदाय के लोग भी बेहद खुश हैं।

गुरुबाग गुरुद्वारा के ग्रंथी रंजीत सिंह ने कहा कि आज पूरे देश में वीर बाल दिवस मनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाहबजादों समेत शहीदों के सम्मान में 2022 में इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसी संदर्भ में यह दिन पूरे देश में मनाया जा रहा है।

सिख समुदाय के एक सदस्य ने बताया कि हम प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने 2022 में सिखों के लिए जो किया, वह पहले किसी सरकार ने नहीं किया। 26 दिसंबर 2022 को उन्होंने वीर बाल दिवस की घोषणा की, जिससे सिख समुदाय को सम्मान और उत्थान मिला है।

सेंट्रल सिंह सभा गुरुद्वारा के अध्यक्ष निर्मल सिंह ने कहा कि हम मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हैं। आज यह सरकार सही मायने में धर्म की सरकार है। हमें लगता है कि हम धर्म की निरंतरता का अनुभव कर रहे हैं और साथ ही हमारा पूरा समाज एकजुट है। यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, रविदास पंथ, कबीर पंथ, मठ समुदाय, हिंदू और सनातनवादी सभी लोग गुरु गोविंद सिंह जी और सिख शहीदों की महिमा गाने के लिए एक साथ आ रहे हैं।

जम्मू में भी वीर बाल दिवस मनाया गया। चांद नगर गुरुद्वारा के अध्यक्ष रंजीत सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने के लिए घोषणा की थी। हम लोगों ने तब भी उनका आभार व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि हमें ज्यादा खुशी तब और होती जब इस दिन को बाल दिवस की जगह साहिबजादा दिवस के नाम से मनाया जाता।

सुखदेव सिंह ने कहा कि हम उन क्रांतिकारियों के दिन को याद करते हैं जिन्होंने जुल्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इनमें चार साहिबजादे हैं, जिन्होंने अत्याचारी सरकार के आगे झुकने से इनकार कर दिया।

–आईएएनएस

डीकेएम/जीकेटी

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वाराणसी, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। आज देश भर में वीर बाल दिवस मनाया गया। दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया।

वहीं, यूपी में वाराणसी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यालय में वीर बाल दिवस को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया। हर साल आज के दिन वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से सिख गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को समर्पित है। इन दोनों साहिबजादों ने छोटी उम्र में मुगल साम्राज्य के अत्याचारों का सामना करते हुए शहादत दी थी।

वीर बाल दिवस को लेकर सिख समुदाय के कुछ लोगों के साथ आईएएनएस ने बातचीत की।

हरमीत सिंह बग्गा ने कहा कि यह दिन हमें उस शहीदी की याद कराता है, जब धर्म की रक्षा करने के लिए गुरु महाराज के पूरे परिवार ने बलिदान दिया। इसे लेकर पहले की सरकार नहीं समझती थी। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस चीज को समझा है।

सतनाम ने कहा कि पहले की सरकारों ने ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस काम को शुरू किया है।

ऋचा बग्गा ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने किसी एक धर्म के लिए बलिदान नहीं दिया था। इंसानियत को बचाने के लिए बलिदान दिया था। नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने इस दिन वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। सिख समाज हमेशा उनका कर्जदार रहेगा। स्कूलों के सिलेबस में भी इसे पढ़ाया जाना चाहिए। वीर शिवाजी की कहानियां होनी चाहिए। हमें विदेशी इतिहास नहीं पढ़ना है, हमें अपना भारत का इतिहास पढ़ना है।

गुरजीत सिंह बग्गा ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं ,जिन्होंने आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले सिख समुदाय के लोग भी बेहद खुश हैं।

गुरुबाग गुरुद्वारा के ग्रंथी रंजीत सिंह ने कहा कि आज पूरे देश में वीर बाल दिवस मनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाहबजादों समेत शहीदों के सम्मान में 2022 में इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसी संदर्भ में यह दिन पूरे देश में मनाया जा रहा है।

सिख समुदाय के एक सदस्य ने बताया कि हम प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने 2022 में सिखों के लिए जो किया, वह पहले किसी सरकार ने नहीं किया। 26 दिसंबर 2022 को उन्होंने वीर बाल दिवस की घोषणा की, जिससे सिख समुदाय को सम्मान और उत्थान मिला है।

सेंट्रल सिंह सभा गुरुद्वारा के अध्यक्ष निर्मल सिंह ने कहा कि हम मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हैं। आज यह सरकार सही मायने में धर्म की सरकार है। हमें लगता है कि हम धर्म की निरंतरता का अनुभव कर रहे हैं और साथ ही हमारा पूरा समाज एकजुट है। यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, रविदास पंथ, कबीर पंथ, मठ समुदाय, हिंदू और सनातनवादी सभी लोग गुरु गोविंद सिंह जी और सिख शहीदों की महिमा गाने के लिए एक साथ आ रहे हैं।

जम्मू में भी वीर बाल दिवस मनाया गया। चांद नगर गुरुद्वारा के अध्यक्ष रंजीत सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने के लिए घोषणा की थी। हम लोगों ने तब भी उनका आभार व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि हमें ज्यादा खुशी तब और होती जब इस दिन को बाल दिवस की जगह साहिबजादा दिवस के नाम से मनाया जाता।

सुखदेव सिंह ने कहा कि हम उन क्रांतिकारियों के दिन को याद करते हैं जिन्होंने जुल्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इनमें चार साहिबजादे हैं, जिन्होंने अत्याचारी सरकार के आगे झुकने से इनकार कर दिया।

–आईएएनएस

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वाराणसी, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। आज देश भर में वीर बाल दिवस मनाया गया। दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया।

वहीं, यूपी में वाराणसी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यालय में वीर बाल दिवस को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया। हर साल आज के दिन वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से सिख गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को समर्पित है। इन दोनों साहिबजादों ने छोटी उम्र में मुगल साम्राज्य के अत्याचारों का सामना करते हुए शहादत दी थी।

वीर बाल दिवस को लेकर सिख समुदाय के कुछ लोगों के साथ आईएएनएस ने बातचीत की।

हरमीत सिंह बग्गा ने कहा कि यह दिन हमें उस शहीदी की याद कराता है, जब धर्म की रक्षा करने के लिए गुरु महाराज के पूरे परिवार ने बलिदान दिया। इसे लेकर पहले की सरकार नहीं समझती थी। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस चीज को समझा है।

सतनाम ने कहा कि पहले की सरकारों ने ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस काम को शुरू किया है।

ऋचा बग्गा ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने किसी एक धर्म के लिए बलिदान नहीं दिया था। इंसानियत को बचाने के लिए बलिदान दिया था। नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने इस दिन वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। सिख समाज हमेशा उनका कर्जदार रहेगा। स्कूलों के सिलेबस में भी इसे पढ़ाया जाना चाहिए। वीर शिवाजी की कहानियां होनी चाहिए। हमें विदेशी इतिहास नहीं पढ़ना है, हमें अपना भारत का इतिहास पढ़ना है।

गुरजीत सिंह बग्गा ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं ,जिन्होंने आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले सिख समुदाय के लोग भी बेहद खुश हैं।

गुरुबाग गुरुद्वारा के ग्रंथी रंजीत सिंह ने कहा कि आज पूरे देश में वीर बाल दिवस मनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाहबजादों समेत शहीदों के सम्मान में 2022 में इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसी संदर्भ में यह दिन पूरे देश में मनाया जा रहा है।

सिख समुदाय के एक सदस्य ने बताया कि हम प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने 2022 में सिखों के लिए जो किया, वह पहले किसी सरकार ने नहीं किया। 26 दिसंबर 2022 को उन्होंने वीर बाल दिवस की घोषणा की, जिससे सिख समुदाय को सम्मान और उत्थान मिला है।

सेंट्रल सिंह सभा गुरुद्वारा के अध्यक्ष निर्मल सिंह ने कहा कि हम मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हैं। आज यह सरकार सही मायने में धर्म की सरकार है। हमें लगता है कि हम धर्म की निरंतरता का अनुभव कर रहे हैं और साथ ही हमारा पूरा समाज एकजुट है। यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, रविदास पंथ, कबीर पंथ, मठ समुदाय, हिंदू और सनातनवादी सभी लोग गुरु गोविंद सिंह जी और सिख शहीदों की महिमा गाने के लिए एक साथ आ रहे हैं।

जम्मू में भी वीर बाल दिवस मनाया गया। चांद नगर गुरुद्वारा के अध्यक्ष रंजीत सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने के लिए घोषणा की थी। हम लोगों ने तब भी उनका आभार व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि हमें ज्यादा खुशी तब और होती जब इस दिन को बाल दिवस की जगह साहिबजादा दिवस के नाम से मनाया जाता।

सुखदेव सिंह ने कहा कि हम उन क्रांतिकारियों के दिन को याद करते हैं जिन्होंने जुल्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इनमें चार साहिबजादे हैं, जिन्होंने अत्याचारी सरकार के आगे झुकने से इनकार कर दिया।

–आईएएनएस

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वहीं, यूपी में वाराणसी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यालय में वीर बाल दिवस को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया। हर साल आज के दिन वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से सिख गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को समर्पित है। इन दोनों साहिबजादों ने छोटी उम्र में मुगल साम्राज्य के अत्याचारों का सामना करते हुए शहादत दी थी।

वीर बाल दिवस को लेकर सिख समुदाय के कुछ लोगों के साथ आईएएनएस ने बातचीत की।

हरमीत सिंह बग्गा ने कहा कि यह दिन हमें उस शहीदी की याद कराता है, जब धर्म की रक्षा करने के लिए गुरु महाराज के पूरे परिवार ने बलिदान दिया। इसे लेकर पहले की सरकार नहीं समझती थी। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस चीज को समझा है।

सतनाम ने कहा कि पहले की सरकारों ने ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस काम को शुरू किया है।

ऋचा बग्गा ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने किसी एक धर्म के लिए बलिदान नहीं दिया था। इंसानियत को बचाने के लिए बलिदान दिया था। नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने इस दिन वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। सिख समाज हमेशा उनका कर्जदार रहेगा। स्कूलों के सिलेबस में भी इसे पढ़ाया जाना चाहिए। वीर शिवाजी की कहानियां होनी चाहिए। हमें विदेशी इतिहास नहीं पढ़ना है, हमें अपना भारत का इतिहास पढ़ना है।

गुरजीत सिंह बग्गा ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं ,जिन्होंने आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले सिख समुदाय के लोग भी बेहद खुश हैं।

गुरुबाग गुरुद्वारा के ग्रंथी रंजीत सिंह ने कहा कि आज पूरे देश में वीर बाल दिवस मनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाहबजादों समेत शहीदों के सम्मान में 2022 में इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसी संदर्भ में यह दिन पूरे देश में मनाया जा रहा है।

सिख समुदाय के एक सदस्य ने बताया कि हम प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने 2022 में सिखों के लिए जो किया, वह पहले किसी सरकार ने नहीं किया। 26 दिसंबर 2022 को उन्होंने वीर बाल दिवस की घोषणा की, जिससे सिख समुदाय को सम्मान और उत्थान मिला है।

सेंट्रल सिंह सभा गुरुद्वारा के अध्यक्ष निर्मल सिंह ने कहा कि हम मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हैं। आज यह सरकार सही मायने में धर्म की सरकार है। हमें लगता है कि हम धर्म की निरंतरता का अनुभव कर रहे हैं और साथ ही हमारा पूरा समाज एकजुट है। यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, रविदास पंथ, कबीर पंथ, मठ समुदाय, हिंदू और सनातनवादी सभी लोग गुरु गोविंद सिंह जी और सिख शहीदों की महिमा गाने के लिए एक साथ आ रहे हैं।

जम्मू में भी वीर बाल दिवस मनाया गया। चांद नगर गुरुद्वारा के अध्यक्ष रंजीत सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने के लिए घोषणा की थी। हम लोगों ने तब भी उनका आभार व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि हमें ज्यादा खुशी तब और होती जब इस दिन को बाल दिवस की जगह साहिबजादा दिवस के नाम से मनाया जाता।

सुखदेव सिंह ने कहा कि हम उन क्रांतिकारियों के दिन को याद करते हैं जिन्होंने जुल्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इनमें चार साहिबजादे हैं, जिन्होंने अत्याचारी सरकार के आगे झुकने से इनकार कर दिया।

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वहीं, यूपी में वाराणसी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यालय में वीर बाल दिवस को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया। हर साल आज के दिन वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से सिख गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को समर्पित है। इन दोनों साहिबजादों ने छोटी उम्र में मुगल साम्राज्य के अत्याचारों का सामना करते हुए शहादत दी थी।

वीर बाल दिवस को लेकर सिख समुदाय के कुछ लोगों के साथ आईएएनएस ने बातचीत की।

हरमीत सिंह बग्गा ने कहा कि यह दिन हमें उस शहीदी की याद कराता है, जब धर्म की रक्षा करने के लिए गुरु महाराज के पूरे परिवार ने बलिदान दिया। इसे लेकर पहले की सरकार नहीं समझती थी। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस चीज को समझा है।

सतनाम ने कहा कि पहले की सरकारों ने ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस काम को शुरू किया है।

ऋचा बग्गा ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने किसी एक धर्म के लिए बलिदान नहीं दिया था। इंसानियत को बचाने के लिए बलिदान दिया था। नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने इस दिन वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। सिख समाज हमेशा उनका कर्जदार रहेगा। स्कूलों के सिलेबस में भी इसे पढ़ाया जाना चाहिए। वीर शिवाजी की कहानियां होनी चाहिए। हमें विदेशी इतिहास नहीं पढ़ना है, हमें अपना भारत का इतिहास पढ़ना है।

गुरजीत सिंह बग्गा ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं ,जिन्होंने आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले सिख समुदाय के लोग भी बेहद खुश हैं।

गुरुबाग गुरुद्वारा के ग्रंथी रंजीत सिंह ने कहा कि आज पूरे देश में वीर बाल दिवस मनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाहबजादों समेत शहीदों के सम्मान में 2022 में इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसी संदर्भ में यह दिन पूरे देश में मनाया जा रहा है।

सिख समुदाय के एक सदस्य ने बताया कि हम प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने 2022 में सिखों के लिए जो किया, वह पहले किसी सरकार ने नहीं किया। 26 दिसंबर 2022 को उन्होंने वीर बाल दिवस की घोषणा की, जिससे सिख समुदाय को सम्मान और उत्थान मिला है।

सेंट्रल सिंह सभा गुरुद्वारा के अध्यक्ष निर्मल सिंह ने कहा कि हम मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हैं। आज यह सरकार सही मायने में धर्म की सरकार है। हमें लगता है कि हम धर्म की निरंतरता का अनुभव कर रहे हैं और साथ ही हमारा पूरा समाज एकजुट है। यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, रविदास पंथ, कबीर पंथ, मठ समुदाय, हिंदू और सनातनवादी सभी लोग गुरु गोविंद सिंह जी और सिख शहीदों की महिमा गाने के लिए एक साथ आ रहे हैं।

जम्मू में भी वीर बाल दिवस मनाया गया। चांद नगर गुरुद्वारा के अध्यक्ष रंजीत सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने के लिए घोषणा की थी। हम लोगों ने तब भी उनका आभार व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि हमें ज्यादा खुशी तब और होती जब इस दिन को बाल दिवस की जगह साहिबजादा दिवस के नाम से मनाया जाता।

सुखदेव सिंह ने कहा कि हम उन क्रांतिकारियों के दिन को याद करते हैं जिन्होंने जुल्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इनमें चार साहिबजादे हैं, जिन्होंने अत्याचारी सरकार के आगे झुकने से इनकार कर दिया।

–आईएएनएस

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वहीं, यूपी में वाराणसी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यालय में वीर बाल दिवस को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया। हर साल आज के दिन वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से सिख गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को समर्पित है। इन दोनों साहिबजादों ने छोटी उम्र में मुगल साम्राज्य के अत्याचारों का सामना करते हुए शहादत दी थी।

वीर बाल दिवस को लेकर सिख समुदाय के कुछ लोगों के साथ आईएएनएस ने बातचीत की।

हरमीत सिंह बग्गा ने कहा कि यह दिन हमें उस शहीदी की याद कराता है, जब धर्म की रक्षा करने के लिए गुरु महाराज के पूरे परिवार ने बलिदान दिया। इसे लेकर पहले की सरकार नहीं समझती थी। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस चीज को समझा है।

सतनाम ने कहा कि पहले की सरकारों ने ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस काम को शुरू किया है।

ऋचा बग्गा ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने किसी एक धर्म के लिए बलिदान नहीं दिया था। इंसानियत को बचाने के लिए बलिदान दिया था। नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने इस दिन वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। सिख समाज हमेशा उनका कर्जदार रहेगा। स्कूलों के सिलेबस में भी इसे पढ़ाया जाना चाहिए। वीर शिवाजी की कहानियां होनी चाहिए। हमें विदेशी इतिहास नहीं पढ़ना है, हमें अपना भारत का इतिहास पढ़ना है।

गुरजीत सिंह बग्गा ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं ,जिन्होंने आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले सिख समुदाय के लोग भी बेहद खुश हैं।

गुरुबाग गुरुद्वारा के ग्रंथी रंजीत सिंह ने कहा कि आज पूरे देश में वीर बाल दिवस मनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाहबजादों समेत शहीदों के सम्मान में 2022 में इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसी संदर्भ में यह दिन पूरे देश में मनाया जा रहा है।

सिख समुदाय के एक सदस्य ने बताया कि हम प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने 2022 में सिखों के लिए जो किया, वह पहले किसी सरकार ने नहीं किया। 26 दिसंबर 2022 को उन्होंने वीर बाल दिवस की घोषणा की, जिससे सिख समुदाय को सम्मान और उत्थान मिला है।

सेंट्रल सिंह सभा गुरुद्वारा के अध्यक्ष निर्मल सिंह ने कहा कि हम मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हैं। आज यह सरकार सही मायने में धर्म की सरकार है। हमें लगता है कि हम धर्म की निरंतरता का अनुभव कर रहे हैं और साथ ही हमारा पूरा समाज एकजुट है। यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, रविदास पंथ, कबीर पंथ, मठ समुदाय, हिंदू और सनातनवादी सभी लोग गुरु गोविंद सिंह जी और सिख शहीदों की महिमा गाने के लिए एक साथ आ रहे हैं।

जम्मू में भी वीर बाल दिवस मनाया गया। चांद नगर गुरुद्वारा के अध्यक्ष रंजीत सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने के लिए घोषणा की थी। हम लोगों ने तब भी उनका आभार व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि हमें ज्यादा खुशी तब और होती जब इस दिन को बाल दिवस की जगह साहिबजादा दिवस के नाम से मनाया जाता।

सुखदेव सिंह ने कहा कि हम उन क्रांतिकारियों के दिन को याद करते हैं जिन्होंने जुल्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इनमें चार साहिबजादे हैं, जिन्होंने अत्याचारी सरकार के आगे झुकने से इनकार कर दिया।

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वहीं, यूपी में वाराणसी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यालय में वीर बाल दिवस को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया। हर साल आज के दिन वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से सिख गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को समर्पित है। इन दोनों साहिबजादों ने छोटी उम्र में मुगल साम्राज्य के अत्याचारों का सामना करते हुए शहादत दी थी।

वीर बाल दिवस को लेकर सिख समुदाय के कुछ लोगों के साथ आईएएनएस ने बातचीत की।

हरमीत सिंह बग्गा ने कहा कि यह दिन हमें उस शहीदी की याद कराता है, जब धर्म की रक्षा करने के लिए गुरु महाराज के पूरे परिवार ने बलिदान दिया। इसे लेकर पहले की सरकार नहीं समझती थी। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस चीज को समझा है।

सतनाम ने कहा कि पहले की सरकारों ने ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस काम को शुरू किया है।

ऋचा बग्गा ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने किसी एक धर्म के लिए बलिदान नहीं दिया था। इंसानियत को बचाने के लिए बलिदान दिया था। नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने इस दिन वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। सिख समाज हमेशा उनका कर्जदार रहेगा। स्कूलों के सिलेबस में भी इसे पढ़ाया जाना चाहिए। वीर शिवाजी की कहानियां होनी चाहिए। हमें विदेशी इतिहास नहीं पढ़ना है, हमें अपना भारत का इतिहास पढ़ना है।

गुरजीत सिंह बग्गा ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं ,जिन्होंने आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले सिख समुदाय के लोग भी बेहद खुश हैं।

गुरुबाग गुरुद्वारा के ग्रंथी रंजीत सिंह ने कहा कि आज पूरे देश में वीर बाल दिवस मनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाहबजादों समेत शहीदों के सम्मान में 2022 में इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसी संदर्भ में यह दिन पूरे देश में मनाया जा रहा है।

सिख समुदाय के एक सदस्य ने बताया कि हम प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने 2022 में सिखों के लिए जो किया, वह पहले किसी सरकार ने नहीं किया। 26 दिसंबर 2022 को उन्होंने वीर बाल दिवस की घोषणा की, जिससे सिख समुदाय को सम्मान और उत्थान मिला है।

सेंट्रल सिंह सभा गुरुद्वारा के अध्यक्ष निर्मल सिंह ने कहा कि हम मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हैं। आज यह सरकार सही मायने में धर्म की सरकार है। हमें लगता है कि हम धर्म की निरंतरता का अनुभव कर रहे हैं और साथ ही हमारा पूरा समाज एकजुट है। यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, रविदास पंथ, कबीर पंथ, मठ समुदाय, हिंदू और सनातनवादी सभी लोग गुरु गोविंद सिंह जी और सिख शहीदों की महिमा गाने के लिए एक साथ आ रहे हैं।

जम्मू में भी वीर बाल दिवस मनाया गया। चांद नगर गुरुद्वारा के अध्यक्ष रंजीत सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने के लिए घोषणा की थी। हम लोगों ने तब भी उनका आभार व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि हमें ज्यादा खुशी तब और होती जब इस दिन को बाल दिवस की जगह साहिबजादा दिवस के नाम से मनाया जाता।

सुखदेव सिंह ने कहा कि हम उन क्रांतिकारियों के दिन को याद करते हैं जिन्होंने जुल्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इनमें चार साहिबजादे हैं, जिन्होंने अत्याचारी सरकार के आगे झुकने से इनकार कर दिया।

–आईएएनएस

डीकेएम/जीकेटी

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वाराणसी, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। आज देश भर में वीर बाल दिवस मनाया गया। दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया।

वहीं, यूपी में वाराणसी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यालय में वीर बाल दिवस को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया। हर साल आज के दिन वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से सिख गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को समर्पित है। इन दोनों साहिबजादों ने छोटी उम्र में मुगल साम्राज्य के अत्याचारों का सामना करते हुए शहादत दी थी।

वीर बाल दिवस को लेकर सिख समुदाय के कुछ लोगों के साथ आईएएनएस ने बातचीत की।

हरमीत सिंह बग्गा ने कहा कि यह दिन हमें उस शहीदी की याद कराता है, जब धर्म की रक्षा करने के लिए गुरु महाराज के पूरे परिवार ने बलिदान दिया। इसे लेकर पहले की सरकार नहीं समझती थी। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस चीज को समझा है।

सतनाम ने कहा कि पहले की सरकारों ने ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस काम को शुरू किया है।

ऋचा बग्गा ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने किसी एक धर्म के लिए बलिदान नहीं दिया था। इंसानियत को बचाने के लिए बलिदान दिया था। नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने इस दिन वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। सिख समाज हमेशा उनका कर्जदार रहेगा। स्कूलों के सिलेबस में भी इसे पढ़ाया जाना चाहिए। वीर शिवाजी की कहानियां होनी चाहिए। हमें विदेशी इतिहास नहीं पढ़ना है, हमें अपना भारत का इतिहास पढ़ना है।

गुरजीत सिंह बग्गा ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं ,जिन्होंने आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले सिख समुदाय के लोग भी बेहद खुश हैं।

गुरुबाग गुरुद्वारा के ग्रंथी रंजीत सिंह ने कहा कि आज पूरे देश में वीर बाल दिवस मनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाहबजादों समेत शहीदों के सम्मान में 2022 में इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसी संदर्भ में यह दिन पूरे देश में मनाया जा रहा है।

सिख समुदाय के एक सदस्य ने बताया कि हम प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने 2022 में सिखों के लिए जो किया, वह पहले किसी सरकार ने नहीं किया। 26 दिसंबर 2022 को उन्होंने वीर बाल दिवस की घोषणा की, जिससे सिख समुदाय को सम्मान और उत्थान मिला है।

सेंट्रल सिंह सभा गुरुद्वारा के अध्यक्ष निर्मल सिंह ने कहा कि हम मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हैं। आज यह सरकार सही मायने में धर्म की सरकार है। हमें लगता है कि हम धर्म की निरंतरता का अनुभव कर रहे हैं और साथ ही हमारा पूरा समाज एकजुट है। यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, रविदास पंथ, कबीर पंथ, मठ समुदाय, हिंदू और सनातनवादी सभी लोग गुरु गोविंद सिंह जी और सिख शहीदों की महिमा गाने के लिए एक साथ आ रहे हैं।

जम्मू में भी वीर बाल दिवस मनाया गया। चांद नगर गुरुद्वारा के अध्यक्ष रंजीत सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने के लिए घोषणा की थी। हम लोगों ने तब भी उनका आभार व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि हमें ज्यादा खुशी तब और होती जब इस दिन को बाल दिवस की जगह साहिबजादा दिवस के नाम से मनाया जाता।

सुखदेव सिंह ने कहा कि हम उन क्रांतिकारियों के दिन को याद करते हैं जिन्होंने जुल्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इनमें चार साहिबजादे हैं, जिन्होंने अत्याचारी सरकार के आगे झुकने से इनकार कर दिया।

–आईएएनएस

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वहीं, यूपी में वाराणसी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यालय में वीर बाल दिवस को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया। हर साल आज के दिन वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से सिख गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को समर्पित है। इन दोनों साहिबजादों ने छोटी उम्र में मुगल साम्राज्य के अत्याचारों का सामना करते हुए शहादत दी थी।

वीर बाल दिवस को लेकर सिख समुदाय के कुछ लोगों के साथ आईएएनएस ने बातचीत की।

हरमीत सिंह बग्गा ने कहा कि यह दिन हमें उस शहीदी की याद कराता है, जब धर्म की रक्षा करने के लिए गुरु महाराज के पूरे परिवार ने बलिदान दिया। इसे लेकर पहले की सरकार नहीं समझती थी। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस चीज को समझा है।

सतनाम ने कहा कि पहले की सरकारों ने ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस काम को शुरू किया है।

ऋचा बग्गा ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने किसी एक धर्म के लिए बलिदान नहीं दिया था। इंसानियत को बचाने के लिए बलिदान दिया था। नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने इस दिन वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। सिख समाज हमेशा उनका कर्जदार रहेगा। स्कूलों के सिलेबस में भी इसे पढ़ाया जाना चाहिए। वीर शिवाजी की कहानियां होनी चाहिए। हमें विदेशी इतिहास नहीं पढ़ना है, हमें अपना भारत का इतिहास पढ़ना है।

गुरजीत सिंह बग्गा ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं ,जिन्होंने आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले सिख समुदाय के लोग भी बेहद खुश हैं।

गुरुबाग गुरुद्वारा के ग्रंथी रंजीत सिंह ने कहा कि आज पूरे देश में वीर बाल दिवस मनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाहबजादों समेत शहीदों के सम्मान में 2022 में इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसी संदर्भ में यह दिन पूरे देश में मनाया जा रहा है।

सिख समुदाय के एक सदस्य ने बताया कि हम प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने 2022 में सिखों के लिए जो किया, वह पहले किसी सरकार ने नहीं किया। 26 दिसंबर 2022 को उन्होंने वीर बाल दिवस की घोषणा की, जिससे सिख समुदाय को सम्मान और उत्थान मिला है।

सेंट्रल सिंह सभा गुरुद्वारा के अध्यक्ष निर्मल सिंह ने कहा कि हम मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हैं। आज यह सरकार सही मायने में धर्म की सरकार है। हमें लगता है कि हम धर्म की निरंतरता का अनुभव कर रहे हैं और साथ ही हमारा पूरा समाज एकजुट है। यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, रविदास पंथ, कबीर पंथ, मठ समुदाय, हिंदू और सनातनवादी सभी लोग गुरु गोविंद सिंह जी और सिख शहीदों की महिमा गाने के लिए एक साथ आ रहे हैं।

जम्मू में भी वीर बाल दिवस मनाया गया। चांद नगर गुरुद्वारा के अध्यक्ष रंजीत सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने के लिए घोषणा की थी। हम लोगों ने तब भी उनका आभार व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि हमें ज्यादा खुशी तब और होती जब इस दिन को बाल दिवस की जगह साहिबजादा दिवस के नाम से मनाया जाता।

सुखदेव सिंह ने कहा कि हम उन क्रांतिकारियों के दिन को याद करते हैं जिन्होंने जुल्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इनमें चार साहिबजादे हैं, जिन्होंने अत्याचारी सरकार के आगे झुकने से इनकार कर दिया।

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वहीं, यूपी में वाराणसी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यालय में वीर बाल दिवस को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया। हर साल आज के दिन वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से सिख गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को समर्पित है। इन दोनों साहिबजादों ने छोटी उम्र में मुगल साम्राज्य के अत्याचारों का सामना करते हुए शहादत दी थी।

वीर बाल दिवस को लेकर सिख समुदाय के कुछ लोगों के साथ आईएएनएस ने बातचीत की।

हरमीत सिंह बग्गा ने कहा कि यह दिन हमें उस शहीदी की याद कराता है, जब धर्म की रक्षा करने के लिए गुरु महाराज के पूरे परिवार ने बलिदान दिया। इसे लेकर पहले की सरकार नहीं समझती थी। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस चीज को समझा है।

सतनाम ने कहा कि पहले की सरकारों ने ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस काम को शुरू किया है।

ऋचा बग्गा ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने किसी एक धर्म के लिए बलिदान नहीं दिया था। इंसानियत को बचाने के लिए बलिदान दिया था। नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने इस दिन वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। सिख समाज हमेशा उनका कर्जदार रहेगा। स्कूलों के सिलेबस में भी इसे पढ़ाया जाना चाहिए। वीर शिवाजी की कहानियां होनी चाहिए। हमें विदेशी इतिहास नहीं पढ़ना है, हमें अपना भारत का इतिहास पढ़ना है।

गुरजीत सिंह बग्गा ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं ,जिन्होंने आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले सिख समुदाय के लोग भी बेहद खुश हैं।

गुरुबाग गुरुद्वारा के ग्रंथी रंजीत सिंह ने कहा कि आज पूरे देश में वीर बाल दिवस मनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाहबजादों समेत शहीदों के सम्मान में 2022 में इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसी संदर्भ में यह दिन पूरे देश में मनाया जा रहा है।

सिख समुदाय के एक सदस्य ने बताया कि हम प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने 2022 में सिखों के लिए जो किया, वह पहले किसी सरकार ने नहीं किया। 26 दिसंबर 2022 को उन्होंने वीर बाल दिवस की घोषणा की, जिससे सिख समुदाय को सम्मान और उत्थान मिला है।

सेंट्रल सिंह सभा गुरुद्वारा के अध्यक्ष निर्मल सिंह ने कहा कि हम मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हैं। आज यह सरकार सही मायने में धर्म की सरकार है। हमें लगता है कि हम धर्म की निरंतरता का अनुभव कर रहे हैं और साथ ही हमारा पूरा समाज एकजुट है। यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, रविदास पंथ, कबीर पंथ, मठ समुदाय, हिंदू और सनातनवादी सभी लोग गुरु गोविंद सिंह जी और सिख शहीदों की महिमा गाने के लिए एक साथ आ रहे हैं।

जम्मू में भी वीर बाल दिवस मनाया गया। चांद नगर गुरुद्वारा के अध्यक्ष रंजीत सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने के लिए घोषणा की थी। हम लोगों ने तब भी उनका आभार व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि हमें ज्यादा खुशी तब और होती जब इस दिन को बाल दिवस की जगह साहिबजादा दिवस के नाम से मनाया जाता।

सुखदेव सिंह ने कहा कि हम उन क्रांतिकारियों के दिन को याद करते हैं जिन्होंने जुल्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इनमें चार साहिबजादे हैं, जिन्होंने अत्याचारी सरकार के आगे झुकने से इनकार कर दिया।

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वहीं, यूपी में वाराणसी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यालय में वीर बाल दिवस को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया। हर साल आज के दिन वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से सिख गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को समर्पित है। इन दोनों साहिबजादों ने छोटी उम्र में मुगल साम्राज्य के अत्याचारों का सामना करते हुए शहादत दी थी।

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सतनाम ने कहा कि पहले की सरकारों ने ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस काम को शुरू किया है।

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गुरजीत सिंह बग्गा ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं ,जिन्होंने आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले सिख समुदाय के लोग भी बेहद खुश हैं।

गुरुबाग गुरुद्वारा के ग्रंथी रंजीत सिंह ने कहा कि आज पूरे देश में वीर बाल दिवस मनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाहबजादों समेत शहीदों के सम्मान में 2022 में इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसी संदर्भ में यह दिन पूरे देश में मनाया जा रहा है।

सिख समुदाय के एक सदस्य ने बताया कि हम प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने 2022 में सिखों के लिए जो किया, वह पहले किसी सरकार ने नहीं किया। 26 दिसंबर 2022 को उन्होंने वीर बाल दिवस की घोषणा की, जिससे सिख समुदाय को सम्मान और उत्थान मिला है।

सेंट्रल सिंह सभा गुरुद्वारा के अध्यक्ष निर्मल सिंह ने कहा कि हम मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हैं। आज यह सरकार सही मायने में धर्म की सरकार है। हमें लगता है कि हम धर्म की निरंतरता का अनुभव कर रहे हैं और साथ ही हमारा पूरा समाज एकजुट है। यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, रविदास पंथ, कबीर पंथ, मठ समुदाय, हिंदू और सनातनवादी सभी लोग गुरु गोविंद सिंह जी और सिख शहीदों की महिमा गाने के लिए एक साथ आ रहे हैं।

जम्मू में भी वीर बाल दिवस मनाया गया। चांद नगर गुरुद्वारा के अध्यक्ष रंजीत सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने के लिए घोषणा की थी। हम लोगों ने तब भी उनका आभार व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि हमें ज्यादा खुशी तब और होती जब इस दिन को बाल दिवस की जगह साहिबजादा दिवस के नाम से मनाया जाता।

सुखदेव सिंह ने कहा कि हम उन क्रांतिकारियों के दिन को याद करते हैं जिन्होंने जुल्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इनमें चार साहिबजादे हैं, जिन्होंने अत्याचारी सरकार के आगे झुकने से इनकार कर दिया।

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वहीं, यूपी में वाराणसी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यालय में वीर बाल दिवस को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया। हर साल आज के दिन वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से सिख गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को समर्पित है। इन दोनों साहिबजादों ने छोटी उम्र में मुगल साम्राज्य के अत्याचारों का सामना करते हुए शहादत दी थी।

वीर बाल दिवस को लेकर सिख समुदाय के कुछ लोगों के साथ आईएएनएस ने बातचीत की।

हरमीत सिंह बग्गा ने कहा कि यह दिन हमें उस शहीदी की याद कराता है, जब धर्म की रक्षा करने के लिए गुरु महाराज के पूरे परिवार ने बलिदान दिया। इसे लेकर पहले की सरकार नहीं समझती थी। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस चीज को समझा है।

सतनाम ने कहा कि पहले की सरकारों ने ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस काम को शुरू किया है।

ऋचा बग्गा ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने किसी एक धर्म के लिए बलिदान नहीं दिया था। इंसानियत को बचाने के लिए बलिदान दिया था। नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने इस दिन वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। सिख समाज हमेशा उनका कर्जदार रहेगा। स्कूलों के सिलेबस में भी इसे पढ़ाया जाना चाहिए। वीर शिवाजी की कहानियां होनी चाहिए। हमें विदेशी इतिहास नहीं पढ़ना है, हमें अपना भारत का इतिहास पढ़ना है।

गुरजीत सिंह बग्गा ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं ,जिन्होंने आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले सिख समुदाय के लोग भी बेहद खुश हैं।

गुरुबाग गुरुद्वारा के ग्रंथी रंजीत सिंह ने कहा कि आज पूरे देश में वीर बाल दिवस मनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाहबजादों समेत शहीदों के सम्मान में 2022 में इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसी संदर्भ में यह दिन पूरे देश में मनाया जा रहा है।

सिख समुदाय के एक सदस्य ने बताया कि हम प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने 2022 में सिखों के लिए जो किया, वह पहले किसी सरकार ने नहीं किया। 26 दिसंबर 2022 को उन्होंने वीर बाल दिवस की घोषणा की, जिससे सिख समुदाय को सम्मान और उत्थान मिला है।

सेंट्रल सिंह सभा गुरुद्वारा के अध्यक्ष निर्मल सिंह ने कहा कि हम मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हैं। आज यह सरकार सही मायने में धर्म की सरकार है। हमें लगता है कि हम धर्म की निरंतरता का अनुभव कर रहे हैं और साथ ही हमारा पूरा समाज एकजुट है। यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, रविदास पंथ, कबीर पंथ, मठ समुदाय, हिंदू और सनातनवादी सभी लोग गुरु गोविंद सिंह जी और सिख शहीदों की महिमा गाने के लिए एक साथ आ रहे हैं।

जम्मू में भी वीर बाल दिवस मनाया गया। चांद नगर गुरुद्वारा के अध्यक्ष रंजीत सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने के लिए घोषणा की थी। हम लोगों ने तब भी उनका आभार व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि हमें ज्यादा खुशी तब और होती जब इस दिन को बाल दिवस की जगह साहिबजादा दिवस के नाम से मनाया जाता।

सुखदेव सिंह ने कहा कि हम उन क्रांतिकारियों के दिन को याद करते हैं जिन्होंने जुल्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इनमें चार साहिबजादे हैं, जिन्होंने अत्याचारी सरकार के आगे झुकने से इनकार कर दिया।

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सतनाम ने कहा कि पहले की सरकारों ने ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस काम को शुरू किया है।

ऋचा बग्गा ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने किसी एक धर्म के लिए बलिदान नहीं दिया था। इंसानियत को बचाने के लिए बलिदान दिया था। नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने इस दिन वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। सिख समाज हमेशा उनका कर्जदार रहेगा। स्कूलों के सिलेबस में भी इसे पढ़ाया जाना चाहिए। वीर शिवाजी की कहानियां होनी चाहिए। हमें विदेशी इतिहास नहीं पढ़ना है, हमें अपना भारत का इतिहास पढ़ना है।

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गुरुबाग गुरुद्वारा के ग्रंथी रंजीत सिंह ने कहा कि आज पूरे देश में वीर बाल दिवस मनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाहबजादों समेत शहीदों के सम्मान में 2022 में इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसी संदर्भ में यह दिन पूरे देश में मनाया जा रहा है।

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सेंट्रल सिंह सभा गुरुद्वारा के अध्यक्ष निर्मल सिंह ने कहा कि हम मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हैं। आज यह सरकार सही मायने में धर्म की सरकार है। हमें लगता है कि हम धर्म की निरंतरता का अनुभव कर रहे हैं और साथ ही हमारा पूरा समाज एकजुट है। यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, रविदास पंथ, कबीर पंथ, मठ समुदाय, हिंदू और सनातनवादी सभी लोग गुरु गोविंद सिंह जी और सिख शहीदों की महिमा गाने के लिए एक साथ आ रहे हैं।

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सुखदेव सिंह ने कहा कि हम उन क्रांतिकारियों के दिन को याद करते हैं जिन्होंने जुल्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इनमें चार साहिबजादे हैं, जिन्होंने अत्याचारी सरकार के आगे झुकने से इनकार कर दिया।

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वहीं, यूपी में वाराणसी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यालय में वीर बाल दिवस को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया। हर साल आज के दिन वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से सिख गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को समर्पित है। इन दोनों साहिबजादों ने छोटी उम्र में मुगल साम्राज्य के अत्याचारों का सामना करते हुए शहादत दी थी।

वीर बाल दिवस को लेकर सिख समुदाय के कुछ लोगों के साथ आईएएनएस ने बातचीत की।

हरमीत सिंह बग्गा ने कहा कि यह दिन हमें उस शहीदी की याद कराता है, जब धर्म की रक्षा करने के लिए गुरु महाराज के पूरे परिवार ने बलिदान दिया। इसे लेकर पहले की सरकार नहीं समझती थी। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस चीज को समझा है।

सतनाम ने कहा कि पहले की सरकारों ने ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस काम को शुरू किया है।

ऋचा बग्गा ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने किसी एक धर्म के लिए बलिदान नहीं दिया था। इंसानियत को बचाने के लिए बलिदान दिया था। नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने इस दिन वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। सिख समाज हमेशा उनका कर्जदार रहेगा। स्कूलों के सिलेबस में भी इसे पढ़ाया जाना चाहिए। वीर शिवाजी की कहानियां होनी चाहिए। हमें विदेशी इतिहास नहीं पढ़ना है, हमें अपना भारत का इतिहास पढ़ना है।

गुरजीत सिंह बग्गा ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं ,जिन्होंने आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले सिख समुदाय के लोग भी बेहद खुश हैं।

गुरुबाग गुरुद्वारा के ग्रंथी रंजीत सिंह ने कहा कि आज पूरे देश में वीर बाल दिवस मनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाहबजादों समेत शहीदों के सम्मान में 2022 में इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसी संदर्भ में यह दिन पूरे देश में मनाया जा रहा है।

सिख समुदाय के एक सदस्य ने बताया कि हम प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने 2022 में सिखों के लिए जो किया, वह पहले किसी सरकार ने नहीं किया। 26 दिसंबर 2022 को उन्होंने वीर बाल दिवस की घोषणा की, जिससे सिख समुदाय को सम्मान और उत्थान मिला है।

सेंट्रल सिंह सभा गुरुद्वारा के अध्यक्ष निर्मल सिंह ने कहा कि हम मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हैं। आज यह सरकार सही मायने में धर्म की सरकार है। हमें लगता है कि हम धर्म की निरंतरता का अनुभव कर रहे हैं और साथ ही हमारा पूरा समाज एकजुट है। यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, रविदास पंथ, कबीर पंथ, मठ समुदाय, हिंदू और सनातनवादी सभी लोग गुरु गोविंद सिंह जी और सिख शहीदों की महिमा गाने के लिए एक साथ आ रहे हैं।

जम्मू में भी वीर बाल दिवस मनाया गया। चांद नगर गुरुद्वारा के अध्यक्ष रंजीत सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने के लिए घोषणा की थी। हम लोगों ने तब भी उनका आभार व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि हमें ज्यादा खुशी तब और होती जब इस दिन को बाल दिवस की जगह साहिबजादा दिवस के नाम से मनाया जाता।

सुखदेव सिंह ने कहा कि हम उन क्रांतिकारियों के दिन को याद करते हैं जिन्होंने जुल्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इनमें चार साहिबजादे हैं, जिन्होंने अत्याचारी सरकार के आगे झुकने से इनकार कर दिया।

–आईएएनएस

डीकेएम/जीकेटी

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वाराणसी, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। आज देश भर में वीर बाल दिवस मनाया गया। दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया।

वहीं, यूपी में वाराणसी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यालय में वीर बाल दिवस को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया। हर साल आज के दिन वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से सिख गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को समर्पित है। इन दोनों साहिबजादों ने छोटी उम्र में मुगल साम्राज्य के अत्याचारों का सामना करते हुए शहादत दी थी।

वीर बाल दिवस को लेकर सिख समुदाय के कुछ लोगों के साथ आईएएनएस ने बातचीत की।

हरमीत सिंह बग्गा ने कहा कि यह दिन हमें उस शहीदी की याद कराता है, जब धर्म की रक्षा करने के लिए गुरु महाराज के पूरे परिवार ने बलिदान दिया। इसे लेकर पहले की सरकार नहीं समझती थी। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस चीज को समझा है।

सतनाम ने कहा कि पहले की सरकारों ने ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस काम को शुरू किया है।

ऋचा बग्गा ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने किसी एक धर्म के लिए बलिदान नहीं दिया था। इंसानियत को बचाने के लिए बलिदान दिया था। नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने इस दिन वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। सिख समाज हमेशा उनका कर्जदार रहेगा। स्कूलों के सिलेबस में भी इसे पढ़ाया जाना चाहिए। वीर शिवाजी की कहानियां होनी चाहिए। हमें विदेशी इतिहास नहीं पढ़ना है, हमें अपना भारत का इतिहास पढ़ना है।

गुरजीत सिंह बग्गा ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं ,जिन्होंने आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले सिख समुदाय के लोग भी बेहद खुश हैं।

गुरुबाग गुरुद्वारा के ग्रंथी रंजीत सिंह ने कहा कि आज पूरे देश में वीर बाल दिवस मनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाहबजादों समेत शहीदों के सम्मान में 2022 में इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसी संदर्भ में यह दिन पूरे देश में मनाया जा रहा है।

सिख समुदाय के एक सदस्य ने बताया कि हम प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने 2022 में सिखों के लिए जो किया, वह पहले किसी सरकार ने नहीं किया। 26 दिसंबर 2022 को उन्होंने वीर बाल दिवस की घोषणा की, जिससे सिख समुदाय को सम्मान और उत्थान मिला है।

सेंट्रल सिंह सभा गुरुद्वारा के अध्यक्ष निर्मल सिंह ने कहा कि हम मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हैं। आज यह सरकार सही मायने में धर्म की सरकार है। हमें लगता है कि हम धर्म की निरंतरता का अनुभव कर रहे हैं और साथ ही हमारा पूरा समाज एकजुट है। यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, रविदास पंथ, कबीर पंथ, मठ समुदाय, हिंदू और सनातनवादी सभी लोग गुरु गोविंद सिंह जी और सिख शहीदों की महिमा गाने के लिए एक साथ आ रहे हैं।

जम्मू में भी वीर बाल दिवस मनाया गया। चांद नगर गुरुद्वारा के अध्यक्ष रंजीत सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने के लिए घोषणा की थी। हम लोगों ने तब भी उनका आभार व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि हमें ज्यादा खुशी तब और होती जब इस दिन को बाल दिवस की जगह साहिबजादा दिवस के नाम से मनाया जाता।

सुखदेव सिंह ने कहा कि हम उन क्रांतिकारियों के दिन को याद करते हैं जिन्होंने जुल्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इनमें चार साहिबजादे हैं, जिन्होंने अत्याचारी सरकार के आगे झुकने से इनकार कर दिया।

–आईएएनएस

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वाराणसी, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। आज देश भर में वीर बाल दिवस मनाया गया। दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया।

वहीं, यूपी में वाराणसी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यालय में वीर बाल दिवस को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया। हर साल आज के दिन वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से सिख गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को समर्पित है। इन दोनों साहिबजादों ने छोटी उम्र में मुगल साम्राज्य के अत्याचारों का सामना करते हुए शहादत दी थी।

वीर बाल दिवस को लेकर सिख समुदाय के कुछ लोगों के साथ आईएएनएस ने बातचीत की।

हरमीत सिंह बग्गा ने कहा कि यह दिन हमें उस शहीदी की याद कराता है, जब धर्म की रक्षा करने के लिए गुरु महाराज के पूरे परिवार ने बलिदान दिया। इसे लेकर पहले की सरकार नहीं समझती थी। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस चीज को समझा है।

सतनाम ने कहा कि पहले की सरकारों ने ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस काम को शुरू किया है।

ऋचा बग्गा ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने किसी एक धर्म के लिए बलिदान नहीं दिया था। इंसानियत को बचाने के लिए बलिदान दिया था। नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने इस दिन वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। सिख समाज हमेशा उनका कर्जदार रहेगा। स्कूलों के सिलेबस में भी इसे पढ़ाया जाना चाहिए। वीर शिवाजी की कहानियां होनी चाहिए। हमें विदेशी इतिहास नहीं पढ़ना है, हमें अपना भारत का इतिहास पढ़ना है।

गुरजीत सिंह बग्गा ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं ,जिन्होंने आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले सिख समुदाय के लोग भी बेहद खुश हैं।

गुरुबाग गुरुद्वारा के ग्रंथी रंजीत सिंह ने कहा कि आज पूरे देश में वीर बाल दिवस मनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाहबजादों समेत शहीदों के सम्मान में 2022 में इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसी संदर्भ में यह दिन पूरे देश में मनाया जा रहा है।

सिख समुदाय के एक सदस्य ने बताया कि हम प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने 2022 में सिखों के लिए जो किया, वह पहले किसी सरकार ने नहीं किया। 26 दिसंबर 2022 को उन्होंने वीर बाल दिवस की घोषणा की, जिससे सिख समुदाय को सम्मान और उत्थान मिला है।

सेंट्रल सिंह सभा गुरुद्वारा के अध्यक्ष निर्मल सिंह ने कहा कि हम मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हैं। आज यह सरकार सही मायने में धर्म की सरकार है। हमें लगता है कि हम धर्म की निरंतरता का अनुभव कर रहे हैं और साथ ही हमारा पूरा समाज एकजुट है। यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, रविदास पंथ, कबीर पंथ, मठ समुदाय, हिंदू और सनातनवादी सभी लोग गुरु गोविंद सिंह जी और सिख शहीदों की महिमा गाने के लिए एक साथ आ रहे हैं।

जम्मू में भी वीर बाल दिवस मनाया गया। चांद नगर गुरुद्वारा के अध्यक्ष रंजीत सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब आज के दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने के लिए घोषणा की थी। हम लोगों ने तब भी उनका आभार व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि हमें ज्यादा खुशी तब और होती जब इस दिन को बाल दिवस की जगह साहिबजादा दिवस के नाम से मनाया जाता।

सुखदेव सिंह ने कहा कि हम उन क्रांतिकारियों के दिन को याद करते हैं जिन्होंने जुल्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इनमें चार साहिबजादे हैं, जिन्होंने अत्याचारी सरकार के आगे झुकने से इनकार कर दिया।

–आईएएनएस

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