जबलपुर. खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर चल रही खरीदी कार्य को 30 दिसंबर 2024 से 1 जनवरी 2025 तक 3 दिनों को लिए स्थगित किए जाने संबंधी आदेश मप्र शासन द्वारा प्रदेश के सभी संभागायुक्तों एवं कलेक्टरों को जारी किए गए हैं. 8 नवंबर 2024 को जारी आदेश क्रमांक खरीफ उपार्जन नीति एफ 5-1 (1-1 क)/34115/2024/29-1 का संदर्भ देते हुए पत्र में कहा गया हैं कि खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर 3.71 लाख किसानों से कुल 24.39 लाख मे. टन धान उपार्जन किया जा चुका है, जो कि इसी अवधि तक विगत वर्ष के उपार्जन की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक है.
समर्थन मूल्य पर धान की अत्याधिक आवक होने के कारण उपार्जित धान में से 7.87 लाख मैट्रिक टन धान समिति स्तरीय उपार्जन केन्द्रों एवं 2.83 लाख मे.टन गोदाम स्तरीय उपार्जन केन्द्रों पर गोदाम में भण्डारण/मिलर्स को प्रदाय किया जाना शेष है. जिलेवार सूची संलग्न करते हुए कहा गया हैं कि आगामी दिवसों में वर्षा की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए उपार्जन केन्द्रों पर उपलब्ध धान के सुरक्षित भण्डारण हेतु दिनांक 30. 31 दिसम्बर, 2024 एवं 01 जनवरी, 2025 को (केवल तीन दिवस) समर्थन मूल्य पर धान का उपार्जन कार्य स्थगित किया जाता है.
उक्त अवधि में धान विक्रय करने हेतु जिन किसानों द्वारा स्लॉट बुक किया गया है. उनके स्लॉट की वैधता अवधि 05 कार्य दिवस बढ़ाई जाती है एवं इसकी सूचना एसएमएस के माध्यम से किसानों को दी जा रही है. 02 जनवरी, 2025 से किसानों द्वारा नियमित रूप से धान का विक्रय उपार्जन केन्द्रों पर किया जा सकेगा. ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत किसानों को समर्थन मूल्य पर धान विक्रय का अवसर देने हेतु उपार्जन की अंतिम को भी 20 जनवरी 2025 से बढ़ाकर 23 जनवरी 2025 तक किया गया हैं. पत्र में असमायिक वर्षा से बचाव एवं सुरक्षित भण्डारण के निर्देश दिए गए हैं.
इसके लिए उपार्जन केन्द्रों पर भण्डारित धान का शीघ्रता से परिवहन कराकर मिलर्स को प्रदाय/गोदामों में भण्डारण कराए जाने, धान परिवहन हेतु अनुबंधित परिवहनकर्ताओं के माध्यम से अधिक से अधिक वाहन लगाए जाए एवं आवश्यक हो तो अन्य परिवहनकर्ता / वार्ता को अधिग्रहण कर धान का परिवहन कराए जाने, उपार्जन केंद्रों पर धान के वर्षा से बचाव हेतु समितियों के माध्यम से तिरपाल/इनेज की व्यवस्था कर धान को कवर किए जाने, गोदाम स्तरीय उपार्जन केन्द्र पर खुले में भण्डारित धान को सहकारी समितियों के माध्यम से गोदाम में धान की स्टेकिंग कराए जाने.
मिलर्स द्वारा अनुबंधित धान की मात्रा का उठाव शीघ्रता से कराया जाए तथा अनुबंध न करने वाले मिलर्स से भी शीघ्रता से अनुबंध कराकर धान का उठाव कराया जाने के निर्देया के साथ कहा गया हैं कि समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान असमायिक वर्षा से किसी भी दशा में भीग कर खराब न हो. भारत सरकार द्वारा निर्धारित एफएक्यू मापदंड अनुसार धान का उपार्जन कराए जाने के साथ ही मॉनीटरिंग हेतु अन्य विभाग के अमले को भी लगाए जाने, समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करने वाले किसानों के शीघ्र भुगतान हेतु स्वीकृति पत्रक शीघ्रता से जारी कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं.