जबलपुर. दीक्षितपुरा स्थित एक दुकान को नगर निगम के अतिक्रमणकारी दस्ते ने अचानक पहुंचकर तोड दिया. दल में शामिल कर्मचारी का व्यवहार ऐसा था कि वह दादागिरी कर रहे है. इस कार्यवाही की सूचना सांसद तक पहुंच गई है. निष्पक्ष कार्यवाही के संबंध में अतिक्रमण विभाग के प्रभारी को मौन धारण करना पडा.
प्राप्त जानकारी के अनुसार राम मंदिर दीक्षितपुरा के समीप विक्रम सिंह ठाकुर नामक युवक की एक दुकान थी. जिस जमीन पर दुकान थी,उस पर युवक के परिजन लगभग सात दशक से काबिज थे. इसके अलावा उसके द्वारा नगर निगम को सम्पत्ति कर अदा किया जाता था. दुकान में नियमानुसार बिल का मीटर भी लगा हुआ था. युवक भाजपा के व्यापारी प्रकोष्ठ का पूर्व पदाधिकारी रह चूका है. जिसके कारण दूसरी पार्टी का स्थानीय नेता उससे द्वेष रखते थे.
युवक ने राजनीतिक द्वेष के कारण संभावित कार्यवाही के मद्देनजर रखते हुए न्यायालय की शरण ली गयी थी. युवक की अनुपस्थिति में नगर निगम के अतिक्रमणकारी दस्ते ने दुकान को तोड दिया. नगर निगम के कर्मचारियों ने मांगने पर दुकान तोड़ने का आदेश भी प्रस्तुत नहीं किया. अतिक्रमण विभाग की इस कार्यवाही के संबंध में जब सांसद आषीष दुबे तथा नगर निगम अध्यक्ष रिंकू ब्रिज को जानकारी मिली तो उन्होने अतिक्रमण विभाग के प्रभारी सागर बोरकर से जानकारी प्राप्त की. अतिक्रमण विभाग के प्रभारी को निष्पक्ष कार्यवाही नहीं होने के कारण मौन धारण करना पडा.
पीडित पक्ष का कहना है कि अतिक्रमण के नाम पर सिर्फ उसकी दुकान तोडी गयी. इस मार्ग पर कई अतिक्रमण है उन्हें नहीं तोडा गया और नगर निगम को टैक्स रसीद,बिजली बिल सहित अन्य दस्तावेज होने के बावजूद भी उसकी दुकान को तोड दिया गया. उनका परिवार विगत सात दषक से उक्त जमीन पर काबिज है.