पटना, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) अभ्यर्थियों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन और उनकी मांग का मामला गरमाता जा रहा है। इस बीच शनिवार दोपहर का अल्टीमेटम पूरा हो जाने के बाद जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर धरने पर बैठे छात्रों से मिलने गर्दनीबाग धरना स्थल पहुंचे।
प्रशांत किशोर ने पत्रकारों से चर्चा की दौरान कहा, “शनिवार दोपहर 12 बजे तक का समय सरकार को दिया गया था कि वह प्रदर्शनकारी बच्चों से आकर मिले। अभी मैं इनसे उनका विचार जानने आया हूं कि उनका मंतव्य क्या है। यहां कोई जुलूस मार्च नहीं है, मैं सिर्फ बच्चों से बात करने आया हूं।”
इससे पहले जन सुराज ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा था जिसमें कहा गया था, “स्वयं परीक्षार्थियों के प्रतिनिधिमंडल से बात करें और उनकी मांगों पर न्यायसंगत निर्णय लें। अगर 28 दिसंबर 2024 को दोपहर 12 बजे तक वह परीक्षार्थियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात नहीं करते हैं और कोई उचित समाधान नहीं निकालते हैं तो जन सुराज, छात्रों के इस आंदोलन में पूरी तरह से सहयोग करेगा और परीक्षार्थियों को लेकर जन सुराज, मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचेगा।”
दरअसल, 13 दिसंबर को आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में प्रदेश की राजधानी पटना के बापू भवन परीक्षा केंद्र में प्रश्न पत्र लीक होने की अफवाह फैल गई थी, जिसके बाद सैकड़ों उम्मीदवारों ने विरोध दर्ज कराने के लिए परीक्षा का बहिष्कार भी किया था।
बीपीएससी ने दावा किया कि ऐसी अफवाह फैलाने वाले असामाजिक तत्व थे। हालांकि, बीपीएससी ने बापू परिसर में आयोजित परीक्षा रद्द कर दी और फिर से परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया है।
छात्र पूरी परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर पटना के गर्दनीबाग में धरने पर बैठे हुए हैं।
दूसरी तरफ, बीपीएससी ने साफ कर दिया है कि अन्य केंद्रों में परीक्षा रद्द नहीं की जाएगी। बीपीएससी परीक्षा को लेकर सियासत भी गर्म है। विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह भी धरना स्थल पहुंचकर छात्रों का समर्थन कर चुके हैं। पूर्णिया के निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर बिहार बंद की घोषणा की है।
–आईएएनएस
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