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उद्योगों के विस्तार के साथ युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर तैयार कर रही योगी सरकार

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December 30, 2024
in राष्ट्रीय
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उद्योगों के विस्तार के साथ युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर तैयार कर रही योगी सरकार
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लखनऊ, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित कर रहा है। योगी सरकार का लक्ष्य प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलना है और इसके लिए कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं प्रारंभ की गई हैं। योगी सरकार ने न केवल औद्योगिक क्षेत्रों में बल्कि श्रम सुधारों और सामाजिक कल्याण की दिशा में भी व्यापक बदलाव किए हैं, बल्कि प्रदेश को व्यापार और निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य भी बनाया है।

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योगी सरकार ने रोजगार सृजन और उद्योगों के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। उद्योगों को त्वरित और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘वन टाइम रजिस्ट्रेशन’ की सुविधा शुरू की गई है। इसके तहत व्यापारियों और उद्यमियों को अनेक प्रक्रियाओं से मुक्त किया गया है।

महिला श्रमिकों को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गई हैं। पॉटरी, कारपेट, पीतल और ताला उद्योग में महिला श्रमिकों को रोजगार के विशेष अवसर दिए गए हैं। इन योजनाओं ने न केवल महिला श्रमिकों की भागीदारी बढ़ाई है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाया है।

आईटी और वस्त्र उद्योगों में कामकाजी घंटों को 8 से बढ़ाकर 12 किया गया है। इससे कार्यदक्षता और उत्पादकता में वृद्धि हुई है। साथ ही, टेक्सटाइल और अन्य उद्योगों में स्थायी रोजगार अनुबंध की अनुमति दी गई है। इसके परिणामस्वरूप रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं।

योगी सरकार ने 2017 से अब तक 7 प्रमुख श्रम कानूनों में संशोधन और सरलीकरण किया है। इन सुधारों के कारण उत्तर प्रदेश ने 2022 में ‘टॉप अचीवर’ की श्रेणी में स्थान प्राप्त किया। बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (बीआरएपी) के तहत 2018 में प्रदेश का स्थान 14वां था, जो अब दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। इन सुधारों ने न केवल औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिया है, बल्कि प्रदेश को एक आर्थिक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में एक मजबूत आधार भी तैयार किया है। सरकार ने छोटे और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को भी विशेष ध्यान दिया है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

‘श्रमिक कल्याण योजना’ के तहत उत्तर प्रदेश में श्रमिकों को स्वास्थ्य, आवास और शिक्षा में सुविधाएं दी जा रही हैं। महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं लागू की गई हैं, जिनसे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है। इन प्रयासों ने श्रमिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में मदद की है। सरकार ने श्रम कानूनों को सरल और पारदर्शी बनाया है। अब श्रमिक और नियोक्ता दोनों के लिए नियमों का पालन करना आसान हो गया है। इससे श्रम विवादों की संख्या में कमी आई है और उद्योगों की उत्पादकता में वृद्धि हुई है।

योगी सरकार ने डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार किया है। उद्योगों की पंजीकरण और अनुदान प्रक्रियाओं को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है। इस पहल ने उद्योगों के लिए समय और लागत की बचत की है। इसके अलावा, छोटे व्यापारियों के लिए विशेष कर योजनाएं लागू की गई हैं, जिससे उन्हें आर्थिक प्रोत्साहन मिला है। योगी सरकार ने ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के सिद्धांत को बढ़ावा देने के लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को प्रभावी ढंग से लागू किया है। यह व्यापारियों के लिए कराधान प्रक्रिया को सरल बनाता है और व्यापार करने में आसानी प्रदान करता है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने रोजगार और औद्योगिक विकास के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की हैं। इनमें टेक्सटाइल, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग हब्स शामिल हैं। सरकार ने छोटे और मध्यम उद्योगों को भी बढ़ावा दिया है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े हैं। इन हब्स के माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार मिला है। इसके साथ ही, सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भी कई उपाय किए हैं। उत्तर प्रदेश अब वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

योगी सरकार ने महिला श्रमिकों को विशेष प्राथमिकता दी है। उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और उनके लिए सुरक्षित कार्यस्थलों का निर्माण करने पर जोर दिया गया है। पॉटरी और वस्त्र उद्योग जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक अवसर दिए गए हैं। इसके अलावा, महिलाओं के लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को न केवल औद्योगिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान का मुख्य केंद्र बनाना है। टेक्सटाइल हब और अन्य औद्योगिक परियोजनाएं इस दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

औद्योगिक और आर्थिक विकास के माध्यम से सामाजिक विकास की दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने रोजगार सृजन, महिला सशक्तीकरण और डिजिटल प्रक्रियाओं के विस्तार पर जोर दिया है। योगी सरकार द्वारा किए गए प्रयास प्रदेश को आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक रूप से मजबूत बना रहे हैं। श्रम कानूनों में सुधार, डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार और महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं, यह सभी पहल प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के मार्ग पर अग्रसर कर रही हैं।

–आईएएनएस

एसके/

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लखनऊ, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित कर रहा है। योगी सरकार का लक्ष्य प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलना है और इसके लिए कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं प्रारंभ की गई हैं। योगी सरकार ने न केवल औद्योगिक क्षेत्रों में बल्कि श्रम सुधारों और सामाजिक कल्याण की दिशा में भी व्यापक बदलाव किए हैं, बल्कि प्रदेश को व्यापार और निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य भी बनाया है।

योगी सरकार ने रोजगार सृजन और उद्योगों के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। उद्योगों को त्वरित और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘वन टाइम रजिस्ट्रेशन’ की सुविधा शुरू की गई है। इसके तहत व्यापारियों और उद्यमियों को अनेक प्रक्रियाओं से मुक्त किया गया है।

महिला श्रमिकों को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गई हैं। पॉटरी, कारपेट, पीतल और ताला उद्योग में महिला श्रमिकों को रोजगार के विशेष अवसर दिए गए हैं। इन योजनाओं ने न केवल महिला श्रमिकों की भागीदारी बढ़ाई है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाया है।

आईटी और वस्त्र उद्योगों में कामकाजी घंटों को 8 से बढ़ाकर 12 किया गया है। इससे कार्यदक्षता और उत्पादकता में वृद्धि हुई है। साथ ही, टेक्सटाइल और अन्य उद्योगों में स्थायी रोजगार अनुबंध की अनुमति दी गई है। इसके परिणामस्वरूप रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं।

योगी सरकार ने 2017 से अब तक 7 प्रमुख श्रम कानूनों में संशोधन और सरलीकरण किया है। इन सुधारों के कारण उत्तर प्रदेश ने 2022 में ‘टॉप अचीवर’ की श्रेणी में स्थान प्राप्त किया। बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (बीआरएपी) के तहत 2018 में प्रदेश का स्थान 14वां था, जो अब दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। इन सुधारों ने न केवल औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिया है, बल्कि प्रदेश को एक आर्थिक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में एक मजबूत आधार भी तैयार किया है। सरकार ने छोटे और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को भी विशेष ध्यान दिया है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

‘श्रमिक कल्याण योजना’ के तहत उत्तर प्रदेश में श्रमिकों को स्वास्थ्य, आवास और शिक्षा में सुविधाएं दी जा रही हैं। महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं लागू की गई हैं, जिनसे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है। इन प्रयासों ने श्रमिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में मदद की है। सरकार ने श्रम कानूनों को सरल और पारदर्शी बनाया है। अब श्रमिक और नियोक्ता दोनों के लिए नियमों का पालन करना आसान हो गया है। इससे श्रम विवादों की संख्या में कमी आई है और उद्योगों की उत्पादकता में वृद्धि हुई है।

योगी सरकार ने डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार किया है। उद्योगों की पंजीकरण और अनुदान प्रक्रियाओं को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है। इस पहल ने उद्योगों के लिए समय और लागत की बचत की है। इसके अलावा, छोटे व्यापारियों के लिए विशेष कर योजनाएं लागू की गई हैं, जिससे उन्हें आर्थिक प्रोत्साहन मिला है। योगी सरकार ने ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के सिद्धांत को बढ़ावा देने के लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को प्रभावी ढंग से लागू किया है। यह व्यापारियों के लिए कराधान प्रक्रिया को सरल बनाता है और व्यापार करने में आसानी प्रदान करता है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने रोजगार और औद्योगिक विकास के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की हैं। इनमें टेक्सटाइल, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग हब्स शामिल हैं। सरकार ने छोटे और मध्यम उद्योगों को भी बढ़ावा दिया है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े हैं। इन हब्स के माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार मिला है। इसके साथ ही, सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भी कई उपाय किए हैं। उत्तर प्रदेश अब वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

योगी सरकार ने महिला श्रमिकों को विशेष प्राथमिकता दी है। उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और उनके लिए सुरक्षित कार्यस्थलों का निर्माण करने पर जोर दिया गया है। पॉटरी और वस्त्र उद्योग जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक अवसर दिए गए हैं। इसके अलावा, महिलाओं के लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को न केवल औद्योगिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान का मुख्य केंद्र बनाना है। टेक्सटाइल हब और अन्य औद्योगिक परियोजनाएं इस दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

औद्योगिक और आर्थिक विकास के माध्यम से सामाजिक विकास की दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने रोजगार सृजन, महिला सशक्तीकरण और डिजिटल प्रक्रियाओं के विस्तार पर जोर दिया है। योगी सरकार द्वारा किए गए प्रयास प्रदेश को आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक रूप से मजबूत बना रहे हैं। श्रम कानूनों में सुधार, डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार और महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं, यह सभी पहल प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के मार्ग पर अग्रसर कर रही हैं।

–आईएएनएस

एसके/

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लखनऊ, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित कर रहा है। योगी सरकार का लक्ष्य प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलना है और इसके लिए कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं प्रारंभ की गई हैं। योगी सरकार ने न केवल औद्योगिक क्षेत्रों में बल्कि श्रम सुधारों और सामाजिक कल्याण की दिशा में भी व्यापक बदलाव किए हैं, बल्कि प्रदेश को व्यापार और निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य भी बनाया है।

योगी सरकार ने रोजगार सृजन और उद्योगों के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। उद्योगों को त्वरित और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘वन टाइम रजिस्ट्रेशन’ की सुविधा शुरू की गई है। इसके तहत व्यापारियों और उद्यमियों को अनेक प्रक्रियाओं से मुक्त किया गया है।

महिला श्रमिकों को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गई हैं। पॉटरी, कारपेट, पीतल और ताला उद्योग में महिला श्रमिकों को रोजगार के विशेष अवसर दिए गए हैं। इन योजनाओं ने न केवल महिला श्रमिकों की भागीदारी बढ़ाई है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाया है।

आईटी और वस्त्र उद्योगों में कामकाजी घंटों को 8 से बढ़ाकर 12 किया गया है। इससे कार्यदक्षता और उत्पादकता में वृद्धि हुई है। साथ ही, टेक्सटाइल और अन्य उद्योगों में स्थायी रोजगार अनुबंध की अनुमति दी गई है। इसके परिणामस्वरूप रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं।

योगी सरकार ने 2017 से अब तक 7 प्रमुख श्रम कानूनों में संशोधन और सरलीकरण किया है। इन सुधारों के कारण उत्तर प्रदेश ने 2022 में ‘टॉप अचीवर’ की श्रेणी में स्थान प्राप्त किया। बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (बीआरएपी) के तहत 2018 में प्रदेश का स्थान 14वां था, जो अब दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। इन सुधारों ने न केवल औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिया है, बल्कि प्रदेश को एक आर्थिक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में एक मजबूत आधार भी तैयार किया है। सरकार ने छोटे और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को भी विशेष ध्यान दिया है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

‘श्रमिक कल्याण योजना’ के तहत उत्तर प्रदेश में श्रमिकों को स्वास्थ्य, आवास और शिक्षा में सुविधाएं दी जा रही हैं। महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं लागू की गई हैं, जिनसे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है। इन प्रयासों ने श्रमिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में मदद की है। सरकार ने श्रम कानूनों को सरल और पारदर्शी बनाया है। अब श्रमिक और नियोक्ता दोनों के लिए नियमों का पालन करना आसान हो गया है। इससे श्रम विवादों की संख्या में कमी आई है और उद्योगों की उत्पादकता में वृद्धि हुई है।

योगी सरकार ने डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार किया है। उद्योगों की पंजीकरण और अनुदान प्रक्रियाओं को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है। इस पहल ने उद्योगों के लिए समय और लागत की बचत की है। इसके अलावा, छोटे व्यापारियों के लिए विशेष कर योजनाएं लागू की गई हैं, जिससे उन्हें आर्थिक प्रोत्साहन मिला है। योगी सरकार ने ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के सिद्धांत को बढ़ावा देने के लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को प्रभावी ढंग से लागू किया है। यह व्यापारियों के लिए कराधान प्रक्रिया को सरल बनाता है और व्यापार करने में आसानी प्रदान करता है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने रोजगार और औद्योगिक विकास के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की हैं। इनमें टेक्सटाइल, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग हब्स शामिल हैं। सरकार ने छोटे और मध्यम उद्योगों को भी बढ़ावा दिया है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े हैं। इन हब्स के माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार मिला है। इसके साथ ही, सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भी कई उपाय किए हैं। उत्तर प्रदेश अब वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

योगी सरकार ने महिला श्रमिकों को विशेष प्राथमिकता दी है। उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और उनके लिए सुरक्षित कार्यस्थलों का निर्माण करने पर जोर दिया गया है। पॉटरी और वस्त्र उद्योग जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक अवसर दिए गए हैं। इसके अलावा, महिलाओं के लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को न केवल औद्योगिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान का मुख्य केंद्र बनाना है। टेक्सटाइल हब और अन्य औद्योगिक परियोजनाएं इस दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

औद्योगिक और आर्थिक विकास के माध्यम से सामाजिक विकास की दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने रोजगार सृजन, महिला सशक्तीकरण और डिजिटल प्रक्रियाओं के विस्तार पर जोर दिया है। योगी सरकार द्वारा किए गए प्रयास प्रदेश को आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक रूप से मजबूत बना रहे हैं। श्रम कानूनों में सुधार, डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार और महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं, यह सभी पहल प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के मार्ग पर अग्रसर कर रही हैं।

–आईएएनएस

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लखनऊ, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित कर रहा है। योगी सरकार का लक्ष्य प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलना है और इसके लिए कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं प्रारंभ की गई हैं। योगी सरकार ने न केवल औद्योगिक क्षेत्रों में बल्कि श्रम सुधारों और सामाजिक कल्याण की दिशा में भी व्यापक बदलाव किए हैं, बल्कि प्रदेश को व्यापार और निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य भी बनाया है।

योगी सरकार ने रोजगार सृजन और उद्योगों के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। उद्योगों को त्वरित और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘वन टाइम रजिस्ट्रेशन’ की सुविधा शुरू की गई है। इसके तहत व्यापारियों और उद्यमियों को अनेक प्रक्रियाओं से मुक्त किया गया है।

महिला श्रमिकों को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गई हैं। पॉटरी, कारपेट, पीतल और ताला उद्योग में महिला श्रमिकों को रोजगार के विशेष अवसर दिए गए हैं। इन योजनाओं ने न केवल महिला श्रमिकों की भागीदारी बढ़ाई है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाया है।

आईटी और वस्त्र उद्योगों में कामकाजी घंटों को 8 से बढ़ाकर 12 किया गया है। इससे कार्यदक्षता और उत्पादकता में वृद्धि हुई है। साथ ही, टेक्सटाइल और अन्य उद्योगों में स्थायी रोजगार अनुबंध की अनुमति दी गई है। इसके परिणामस्वरूप रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं।

योगी सरकार ने 2017 से अब तक 7 प्रमुख श्रम कानूनों में संशोधन और सरलीकरण किया है। इन सुधारों के कारण उत्तर प्रदेश ने 2022 में ‘टॉप अचीवर’ की श्रेणी में स्थान प्राप्त किया। बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (बीआरएपी) के तहत 2018 में प्रदेश का स्थान 14वां था, जो अब दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। इन सुधारों ने न केवल औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिया है, बल्कि प्रदेश को एक आर्थिक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में एक मजबूत आधार भी तैयार किया है। सरकार ने छोटे और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को भी विशेष ध्यान दिया है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

‘श्रमिक कल्याण योजना’ के तहत उत्तर प्रदेश में श्रमिकों को स्वास्थ्य, आवास और शिक्षा में सुविधाएं दी जा रही हैं। महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं लागू की गई हैं, जिनसे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है। इन प्रयासों ने श्रमिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में मदद की है। सरकार ने श्रम कानूनों को सरल और पारदर्शी बनाया है। अब श्रमिक और नियोक्ता दोनों के लिए नियमों का पालन करना आसान हो गया है। इससे श्रम विवादों की संख्या में कमी आई है और उद्योगों की उत्पादकता में वृद्धि हुई है।

योगी सरकार ने डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार किया है। उद्योगों की पंजीकरण और अनुदान प्रक्रियाओं को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है। इस पहल ने उद्योगों के लिए समय और लागत की बचत की है। इसके अलावा, छोटे व्यापारियों के लिए विशेष कर योजनाएं लागू की गई हैं, जिससे उन्हें आर्थिक प्रोत्साहन मिला है। योगी सरकार ने ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के सिद्धांत को बढ़ावा देने के लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को प्रभावी ढंग से लागू किया है। यह व्यापारियों के लिए कराधान प्रक्रिया को सरल बनाता है और व्यापार करने में आसानी प्रदान करता है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने रोजगार और औद्योगिक विकास के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की हैं। इनमें टेक्सटाइल, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग हब्स शामिल हैं। सरकार ने छोटे और मध्यम उद्योगों को भी बढ़ावा दिया है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े हैं। इन हब्स के माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार मिला है। इसके साथ ही, सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भी कई उपाय किए हैं। उत्तर प्रदेश अब वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

योगी सरकार ने महिला श्रमिकों को विशेष प्राथमिकता दी है। उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और उनके लिए सुरक्षित कार्यस्थलों का निर्माण करने पर जोर दिया गया है। पॉटरी और वस्त्र उद्योग जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक अवसर दिए गए हैं। इसके अलावा, महिलाओं के लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को न केवल औद्योगिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान का मुख्य केंद्र बनाना है। टेक्सटाइल हब और अन्य औद्योगिक परियोजनाएं इस दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

औद्योगिक और आर्थिक विकास के माध्यम से सामाजिक विकास की दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने रोजगार सृजन, महिला सशक्तीकरण और डिजिटल प्रक्रियाओं के विस्तार पर जोर दिया है। योगी सरकार द्वारा किए गए प्रयास प्रदेश को आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक रूप से मजबूत बना रहे हैं। श्रम कानूनों में सुधार, डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार और महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं, यह सभी पहल प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के मार्ग पर अग्रसर कर रही हैं।

–आईएएनएस

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लखनऊ, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित कर रहा है। योगी सरकार का लक्ष्य प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलना है और इसके लिए कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं प्रारंभ की गई हैं। योगी सरकार ने न केवल औद्योगिक क्षेत्रों में बल्कि श्रम सुधारों और सामाजिक कल्याण की दिशा में भी व्यापक बदलाव किए हैं, बल्कि प्रदेश को व्यापार और निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य भी बनाया है।

योगी सरकार ने रोजगार सृजन और उद्योगों के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। उद्योगों को त्वरित और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘वन टाइम रजिस्ट्रेशन’ की सुविधा शुरू की गई है। इसके तहत व्यापारियों और उद्यमियों को अनेक प्रक्रियाओं से मुक्त किया गया है।

महिला श्रमिकों को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गई हैं। पॉटरी, कारपेट, पीतल और ताला उद्योग में महिला श्रमिकों को रोजगार के विशेष अवसर दिए गए हैं। इन योजनाओं ने न केवल महिला श्रमिकों की भागीदारी बढ़ाई है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाया है।

आईटी और वस्त्र उद्योगों में कामकाजी घंटों को 8 से बढ़ाकर 12 किया गया है। इससे कार्यदक्षता और उत्पादकता में वृद्धि हुई है। साथ ही, टेक्सटाइल और अन्य उद्योगों में स्थायी रोजगार अनुबंध की अनुमति दी गई है। इसके परिणामस्वरूप रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं।

योगी सरकार ने 2017 से अब तक 7 प्रमुख श्रम कानूनों में संशोधन और सरलीकरण किया है। इन सुधारों के कारण उत्तर प्रदेश ने 2022 में ‘टॉप अचीवर’ की श्रेणी में स्थान प्राप्त किया। बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (बीआरएपी) के तहत 2018 में प्रदेश का स्थान 14वां था, जो अब दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। इन सुधारों ने न केवल औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिया है, बल्कि प्रदेश को एक आर्थिक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में एक मजबूत आधार भी तैयार किया है। सरकार ने छोटे और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को भी विशेष ध्यान दिया है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

‘श्रमिक कल्याण योजना’ के तहत उत्तर प्रदेश में श्रमिकों को स्वास्थ्य, आवास और शिक्षा में सुविधाएं दी जा रही हैं। महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं लागू की गई हैं, जिनसे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है। इन प्रयासों ने श्रमिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में मदद की है। सरकार ने श्रम कानूनों को सरल और पारदर्शी बनाया है। अब श्रमिक और नियोक्ता दोनों के लिए नियमों का पालन करना आसान हो गया है। इससे श्रम विवादों की संख्या में कमी आई है और उद्योगों की उत्पादकता में वृद्धि हुई है।

योगी सरकार ने डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार किया है। उद्योगों की पंजीकरण और अनुदान प्रक्रियाओं को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है। इस पहल ने उद्योगों के लिए समय और लागत की बचत की है। इसके अलावा, छोटे व्यापारियों के लिए विशेष कर योजनाएं लागू की गई हैं, जिससे उन्हें आर्थिक प्रोत्साहन मिला है। योगी सरकार ने ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के सिद्धांत को बढ़ावा देने के लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को प्रभावी ढंग से लागू किया है। यह व्यापारियों के लिए कराधान प्रक्रिया को सरल बनाता है और व्यापार करने में आसानी प्रदान करता है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने रोजगार और औद्योगिक विकास के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की हैं। इनमें टेक्सटाइल, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग हब्स शामिल हैं। सरकार ने छोटे और मध्यम उद्योगों को भी बढ़ावा दिया है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े हैं। इन हब्स के माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार मिला है। इसके साथ ही, सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भी कई उपाय किए हैं। उत्तर प्रदेश अब वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

योगी सरकार ने महिला श्रमिकों को विशेष प्राथमिकता दी है। उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और उनके लिए सुरक्षित कार्यस्थलों का निर्माण करने पर जोर दिया गया है। पॉटरी और वस्त्र उद्योग जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक अवसर दिए गए हैं। इसके अलावा, महिलाओं के लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को न केवल औद्योगिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान का मुख्य केंद्र बनाना है। टेक्सटाइल हब और अन्य औद्योगिक परियोजनाएं इस दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

औद्योगिक और आर्थिक विकास के माध्यम से सामाजिक विकास की दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने रोजगार सृजन, महिला सशक्तीकरण और डिजिटल प्रक्रियाओं के विस्तार पर जोर दिया है। योगी सरकार द्वारा किए गए प्रयास प्रदेश को आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक रूप से मजबूत बना रहे हैं। श्रम कानूनों में सुधार, डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार और महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं, यह सभी पहल प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के मार्ग पर अग्रसर कर रही हैं।

–आईएएनएस

एसके/

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लखनऊ, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित कर रहा है। योगी सरकार का लक्ष्य प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलना है और इसके लिए कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं प्रारंभ की गई हैं। योगी सरकार ने न केवल औद्योगिक क्षेत्रों में बल्कि श्रम सुधारों और सामाजिक कल्याण की दिशा में भी व्यापक बदलाव किए हैं, बल्कि प्रदेश को व्यापार और निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य भी बनाया है।

योगी सरकार ने रोजगार सृजन और उद्योगों के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। उद्योगों को त्वरित और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘वन टाइम रजिस्ट्रेशन’ की सुविधा शुरू की गई है। इसके तहत व्यापारियों और उद्यमियों को अनेक प्रक्रियाओं से मुक्त किया गया है।

महिला श्रमिकों को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गई हैं। पॉटरी, कारपेट, पीतल और ताला उद्योग में महिला श्रमिकों को रोजगार के विशेष अवसर दिए गए हैं। इन योजनाओं ने न केवल महिला श्रमिकों की भागीदारी बढ़ाई है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाया है।

आईटी और वस्त्र उद्योगों में कामकाजी घंटों को 8 से बढ़ाकर 12 किया गया है। इससे कार्यदक्षता और उत्पादकता में वृद्धि हुई है। साथ ही, टेक्सटाइल और अन्य उद्योगों में स्थायी रोजगार अनुबंध की अनुमति दी गई है। इसके परिणामस्वरूप रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं।

योगी सरकार ने 2017 से अब तक 7 प्रमुख श्रम कानूनों में संशोधन और सरलीकरण किया है। इन सुधारों के कारण उत्तर प्रदेश ने 2022 में ‘टॉप अचीवर’ की श्रेणी में स्थान प्राप्त किया। बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (बीआरएपी) के तहत 2018 में प्रदेश का स्थान 14वां था, जो अब दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। इन सुधारों ने न केवल औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिया है, बल्कि प्रदेश को एक आर्थिक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में एक मजबूत आधार भी तैयार किया है। सरकार ने छोटे और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को भी विशेष ध्यान दिया है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

‘श्रमिक कल्याण योजना’ के तहत उत्तर प्रदेश में श्रमिकों को स्वास्थ्य, आवास और शिक्षा में सुविधाएं दी जा रही हैं। महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं लागू की गई हैं, जिनसे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है। इन प्रयासों ने श्रमिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में मदद की है। सरकार ने श्रम कानूनों को सरल और पारदर्शी बनाया है। अब श्रमिक और नियोक्ता दोनों के लिए नियमों का पालन करना आसान हो गया है। इससे श्रम विवादों की संख्या में कमी आई है और उद्योगों की उत्पादकता में वृद्धि हुई है।

योगी सरकार ने डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार किया है। उद्योगों की पंजीकरण और अनुदान प्रक्रियाओं को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है। इस पहल ने उद्योगों के लिए समय और लागत की बचत की है। इसके अलावा, छोटे व्यापारियों के लिए विशेष कर योजनाएं लागू की गई हैं, जिससे उन्हें आर्थिक प्रोत्साहन मिला है। योगी सरकार ने ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के सिद्धांत को बढ़ावा देने के लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को प्रभावी ढंग से लागू किया है। यह व्यापारियों के लिए कराधान प्रक्रिया को सरल बनाता है और व्यापार करने में आसानी प्रदान करता है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने रोजगार और औद्योगिक विकास के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की हैं। इनमें टेक्सटाइल, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग हब्स शामिल हैं। सरकार ने छोटे और मध्यम उद्योगों को भी बढ़ावा दिया है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े हैं। इन हब्स के माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार मिला है। इसके साथ ही, सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भी कई उपाय किए हैं। उत्तर प्रदेश अब वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

योगी सरकार ने महिला श्रमिकों को विशेष प्राथमिकता दी है। उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और उनके लिए सुरक्षित कार्यस्थलों का निर्माण करने पर जोर दिया गया है। पॉटरी और वस्त्र उद्योग जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक अवसर दिए गए हैं। इसके अलावा, महिलाओं के लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को न केवल औद्योगिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान का मुख्य केंद्र बनाना है। टेक्सटाइल हब और अन्य औद्योगिक परियोजनाएं इस दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

औद्योगिक और आर्थिक विकास के माध्यम से सामाजिक विकास की दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने रोजगार सृजन, महिला सशक्तीकरण और डिजिटल प्रक्रियाओं के विस्तार पर जोर दिया है। योगी सरकार द्वारा किए गए प्रयास प्रदेश को आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक रूप से मजबूत बना रहे हैं। श्रम कानूनों में सुधार, डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार और महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं, यह सभी पहल प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के मार्ग पर अग्रसर कर रही हैं।

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लखनऊ, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित कर रहा है। योगी सरकार का लक्ष्य प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलना है और इसके लिए कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं प्रारंभ की गई हैं। योगी सरकार ने न केवल औद्योगिक क्षेत्रों में बल्कि श्रम सुधारों और सामाजिक कल्याण की दिशा में भी व्यापक बदलाव किए हैं, बल्कि प्रदेश को व्यापार और निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य भी बनाया है।

योगी सरकार ने रोजगार सृजन और उद्योगों के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। उद्योगों को त्वरित और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘वन टाइम रजिस्ट्रेशन’ की सुविधा शुरू की गई है। इसके तहत व्यापारियों और उद्यमियों को अनेक प्रक्रियाओं से मुक्त किया गया है।

महिला श्रमिकों को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गई हैं। पॉटरी, कारपेट, पीतल और ताला उद्योग में महिला श्रमिकों को रोजगार के विशेष अवसर दिए गए हैं। इन योजनाओं ने न केवल महिला श्रमिकों की भागीदारी बढ़ाई है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाया है।

आईटी और वस्त्र उद्योगों में कामकाजी घंटों को 8 से बढ़ाकर 12 किया गया है। इससे कार्यदक्षता और उत्पादकता में वृद्धि हुई है। साथ ही, टेक्सटाइल और अन्य उद्योगों में स्थायी रोजगार अनुबंध की अनुमति दी गई है। इसके परिणामस्वरूप रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं।

योगी सरकार ने 2017 से अब तक 7 प्रमुख श्रम कानूनों में संशोधन और सरलीकरण किया है। इन सुधारों के कारण उत्तर प्रदेश ने 2022 में ‘टॉप अचीवर’ की श्रेणी में स्थान प्राप्त किया। बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (बीआरएपी) के तहत 2018 में प्रदेश का स्थान 14वां था, जो अब दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। इन सुधारों ने न केवल औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिया है, बल्कि प्रदेश को एक आर्थिक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में एक मजबूत आधार भी तैयार किया है। सरकार ने छोटे और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को भी विशेष ध्यान दिया है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

‘श्रमिक कल्याण योजना’ के तहत उत्तर प्रदेश में श्रमिकों को स्वास्थ्य, आवास और शिक्षा में सुविधाएं दी जा रही हैं। महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं लागू की गई हैं, जिनसे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है। इन प्रयासों ने श्रमिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में मदद की है। सरकार ने श्रम कानूनों को सरल और पारदर्शी बनाया है। अब श्रमिक और नियोक्ता दोनों के लिए नियमों का पालन करना आसान हो गया है। इससे श्रम विवादों की संख्या में कमी आई है और उद्योगों की उत्पादकता में वृद्धि हुई है।

योगी सरकार ने डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार किया है। उद्योगों की पंजीकरण और अनुदान प्रक्रियाओं को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है। इस पहल ने उद्योगों के लिए समय और लागत की बचत की है। इसके अलावा, छोटे व्यापारियों के लिए विशेष कर योजनाएं लागू की गई हैं, जिससे उन्हें आर्थिक प्रोत्साहन मिला है। योगी सरकार ने ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के सिद्धांत को बढ़ावा देने के लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को प्रभावी ढंग से लागू किया है। यह व्यापारियों के लिए कराधान प्रक्रिया को सरल बनाता है और व्यापार करने में आसानी प्रदान करता है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने रोजगार और औद्योगिक विकास के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की हैं। इनमें टेक्सटाइल, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग हब्स शामिल हैं। सरकार ने छोटे और मध्यम उद्योगों को भी बढ़ावा दिया है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े हैं। इन हब्स के माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार मिला है। इसके साथ ही, सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भी कई उपाय किए हैं। उत्तर प्रदेश अब वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

योगी सरकार ने महिला श्रमिकों को विशेष प्राथमिकता दी है। उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और उनके लिए सुरक्षित कार्यस्थलों का निर्माण करने पर जोर दिया गया है। पॉटरी और वस्त्र उद्योग जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक अवसर दिए गए हैं। इसके अलावा, महिलाओं के लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को न केवल औद्योगिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान का मुख्य केंद्र बनाना है। टेक्सटाइल हब और अन्य औद्योगिक परियोजनाएं इस दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

औद्योगिक और आर्थिक विकास के माध्यम से सामाजिक विकास की दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने रोजगार सृजन, महिला सशक्तीकरण और डिजिटल प्रक्रियाओं के विस्तार पर जोर दिया है। योगी सरकार द्वारा किए गए प्रयास प्रदेश को आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक रूप से मजबूत बना रहे हैं। श्रम कानूनों में सुधार, डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार और महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं, यह सभी पहल प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के मार्ग पर अग्रसर कर रही हैं।

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लखनऊ, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित कर रहा है। योगी सरकार का लक्ष्य प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलना है और इसके लिए कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं प्रारंभ की गई हैं। योगी सरकार ने न केवल औद्योगिक क्षेत्रों में बल्कि श्रम सुधारों और सामाजिक कल्याण की दिशा में भी व्यापक बदलाव किए हैं, बल्कि प्रदेश को व्यापार और निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य भी बनाया है।

योगी सरकार ने रोजगार सृजन और उद्योगों के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। उद्योगों को त्वरित और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘वन टाइम रजिस्ट्रेशन’ की सुविधा शुरू की गई है। इसके तहत व्यापारियों और उद्यमियों को अनेक प्रक्रियाओं से मुक्त किया गया है।

महिला श्रमिकों को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गई हैं। पॉटरी, कारपेट, पीतल और ताला उद्योग में महिला श्रमिकों को रोजगार के विशेष अवसर दिए गए हैं। इन योजनाओं ने न केवल महिला श्रमिकों की भागीदारी बढ़ाई है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाया है।

आईटी और वस्त्र उद्योगों में कामकाजी घंटों को 8 से बढ़ाकर 12 किया गया है। इससे कार्यदक्षता और उत्पादकता में वृद्धि हुई है। साथ ही, टेक्सटाइल और अन्य उद्योगों में स्थायी रोजगार अनुबंध की अनुमति दी गई है। इसके परिणामस्वरूप रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं।

योगी सरकार ने 2017 से अब तक 7 प्रमुख श्रम कानूनों में संशोधन और सरलीकरण किया है। इन सुधारों के कारण उत्तर प्रदेश ने 2022 में ‘टॉप अचीवर’ की श्रेणी में स्थान प्राप्त किया। बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (बीआरएपी) के तहत 2018 में प्रदेश का स्थान 14वां था, जो अब दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। इन सुधारों ने न केवल औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिया है, बल्कि प्रदेश को एक आर्थिक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में एक मजबूत आधार भी तैयार किया है। सरकार ने छोटे और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को भी विशेष ध्यान दिया है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

‘श्रमिक कल्याण योजना’ के तहत उत्तर प्रदेश में श्रमिकों को स्वास्थ्य, आवास और शिक्षा में सुविधाएं दी जा रही हैं। महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं लागू की गई हैं, जिनसे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है। इन प्रयासों ने श्रमिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में मदद की है। सरकार ने श्रम कानूनों को सरल और पारदर्शी बनाया है। अब श्रमिक और नियोक्ता दोनों के लिए नियमों का पालन करना आसान हो गया है। इससे श्रम विवादों की संख्या में कमी आई है और उद्योगों की उत्पादकता में वृद्धि हुई है।

योगी सरकार ने डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार किया है। उद्योगों की पंजीकरण और अनुदान प्रक्रियाओं को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है। इस पहल ने उद्योगों के लिए समय और लागत की बचत की है। इसके अलावा, छोटे व्यापारियों के लिए विशेष कर योजनाएं लागू की गई हैं, जिससे उन्हें आर्थिक प्रोत्साहन मिला है। योगी सरकार ने ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के सिद्धांत को बढ़ावा देने के लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को प्रभावी ढंग से लागू किया है। यह व्यापारियों के लिए कराधान प्रक्रिया को सरल बनाता है और व्यापार करने में आसानी प्रदान करता है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने रोजगार और औद्योगिक विकास के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की हैं। इनमें टेक्सटाइल, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग हब्स शामिल हैं। सरकार ने छोटे और मध्यम उद्योगों को भी बढ़ावा दिया है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े हैं। इन हब्स के माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार मिला है। इसके साथ ही, सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भी कई उपाय किए हैं। उत्तर प्रदेश अब वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

योगी सरकार ने महिला श्रमिकों को विशेष प्राथमिकता दी है। उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और उनके लिए सुरक्षित कार्यस्थलों का निर्माण करने पर जोर दिया गया है। पॉटरी और वस्त्र उद्योग जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक अवसर दिए गए हैं। इसके अलावा, महिलाओं के लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को न केवल औद्योगिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान का मुख्य केंद्र बनाना है। टेक्सटाइल हब और अन्य औद्योगिक परियोजनाएं इस दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

औद्योगिक और आर्थिक विकास के माध्यम से सामाजिक विकास की दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने रोजगार सृजन, महिला सशक्तीकरण और डिजिटल प्रक्रियाओं के विस्तार पर जोर दिया है। योगी सरकार द्वारा किए गए प्रयास प्रदेश को आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक रूप से मजबूत बना रहे हैं। श्रम कानूनों में सुधार, डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार और महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं, यह सभी पहल प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के मार्ग पर अग्रसर कर रही हैं।

–आईएएनएस

एसके/

लखनऊ, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित कर रहा है। योगी सरकार का लक्ष्य प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलना है और इसके लिए कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं प्रारंभ की गई हैं। योगी सरकार ने न केवल औद्योगिक क्षेत्रों में बल्कि श्रम सुधारों और सामाजिक कल्याण की दिशा में भी व्यापक बदलाव किए हैं, बल्कि प्रदेश को व्यापार और निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य भी बनाया है।

योगी सरकार ने रोजगार सृजन और उद्योगों के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। उद्योगों को त्वरित और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘वन टाइम रजिस्ट्रेशन’ की सुविधा शुरू की गई है। इसके तहत व्यापारियों और उद्यमियों को अनेक प्रक्रियाओं से मुक्त किया गया है।

महिला श्रमिकों को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गई हैं। पॉटरी, कारपेट, पीतल और ताला उद्योग में महिला श्रमिकों को रोजगार के विशेष अवसर दिए गए हैं। इन योजनाओं ने न केवल महिला श्रमिकों की भागीदारी बढ़ाई है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाया है।

आईटी और वस्त्र उद्योगों में कामकाजी घंटों को 8 से बढ़ाकर 12 किया गया है। इससे कार्यदक्षता और उत्पादकता में वृद्धि हुई है। साथ ही, टेक्सटाइल और अन्य उद्योगों में स्थायी रोजगार अनुबंध की अनुमति दी गई है। इसके परिणामस्वरूप रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं।

योगी सरकार ने 2017 से अब तक 7 प्रमुख श्रम कानूनों में संशोधन और सरलीकरण किया है। इन सुधारों के कारण उत्तर प्रदेश ने 2022 में ‘टॉप अचीवर’ की श्रेणी में स्थान प्राप्त किया। बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (बीआरएपी) के तहत 2018 में प्रदेश का स्थान 14वां था, जो अब दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। इन सुधारों ने न केवल औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिया है, बल्कि प्रदेश को एक आर्थिक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में एक मजबूत आधार भी तैयार किया है। सरकार ने छोटे और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को भी विशेष ध्यान दिया है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

‘श्रमिक कल्याण योजना’ के तहत उत्तर प्रदेश में श्रमिकों को स्वास्थ्य, आवास और शिक्षा में सुविधाएं दी जा रही हैं। महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं लागू की गई हैं, जिनसे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है। इन प्रयासों ने श्रमिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में मदद की है। सरकार ने श्रम कानूनों को सरल और पारदर्शी बनाया है। अब श्रमिक और नियोक्ता दोनों के लिए नियमों का पालन करना आसान हो गया है। इससे श्रम विवादों की संख्या में कमी आई है और उद्योगों की उत्पादकता में वृद्धि हुई है।

योगी सरकार ने डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार किया है। उद्योगों की पंजीकरण और अनुदान प्रक्रियाओं को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है। इस पहल ने उद्योगों के लिए समय और लागत की बचत की है। इसके अलावा, छोटे व्यापारियों के लिए विशेष कर योजनाएं लागू की गई हैं, जिससे उन्हें आर्थिक प्रोत्साहन मिला है। योगी सरकार ने ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के सिद्धांत को बढ़ावा देने के लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को प्रभावी ढंग से लागू किया है। यह व्यापारियों के लिए कराधान प्रक्रिया को सरल बनाता है और व्यापार करने में आसानी प्रदान करता है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने रोजगार और औद्योगिक विकास के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की हैं। इनमें टेक्सटाइल, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग हब्स शामिल हैं। सरकार ने छोटे और मध्यम उद्योगों को भी बढ़ावा दिया है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े हैं। इन हब्स के माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार मिला है। इसके साथ ही, सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भी कई उपाय किए हैं। उत्तर प्रदेश अब वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

योगी सरकार ने महिला श्रमिकों को विशेष प्राथमिकता दी है। उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और उनके लिए सुरक्षित कार्यस्थलों का निर्माण करने पर जोर दिया गया है। पॉटरी और वस्त्र उद्योग जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक अवसर दिए गए हैं। इसके अलावा, महिलाओं के लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को न केवल औद्योगिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान का मुख्य केंद्र बनाना है। टेक्सटाइल हब और अन्य औद्योगिक परियोजनाएं इस दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

औद्योगिक और आर्थिक विकास के माध्यम से सामाजिक विकास की दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने रोजगार सृजन, महिला सशक्तीकरण और डिजिटल प्रक्रियाओं के विस्तार पर जोर दिया है। योगी सरकार द्वारा किए गए प्रयास प्रदेश को आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक रूप से मजबूत बना रहे हैं। श्रम कानूनों में सुधार, डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार और महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं, यह सभी पहल प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के मार्ग पर अग्रसर कर रही हैं।

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लखनऊ, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित कर रहा है। योगी सरकार का लक्ष्य प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलना है और इसके लिए कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं प्रारंभ की गई हैं। योगी सरकार ने न केवल औद्योगिक क्षेत्रों में बल्कि श्रम सुधारों और सामाजिक कल्याण की दिशा में भी व्यापक बदलाव किए हैं, बल्कि प्रदेश को व्यापार और निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य भी बनाया है।

योगी सरकार ने रोजगार सृजन और उद्योगों के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। उद्योगों को त्वरित और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘वन टाइम रजिस्ट्रेशन’ की सुविधा शुरू की गई है। इसके तहत व्यापारियों और उद्यमियों को अनेक प्रक्रियाओं से मुक्त किया गया है।

महिला श्रमिकों को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गई हैं। पॉटरी, कारपेट, पीतल और ताला उद्योग में महिला श्रमिकों को रोजगार के विशेष अवसर दिए गए हैं। इन योजनाओं ने न केवल महिला श्रमिकों की भागीदारी बढ़ाई है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाया है।

आईटी और वस्त्र उद्योगों में कामकाजी घंटों को 8 से बढ़ाकर 12 किया गया है। इससे कार्यदक्षता और उत्पादकता में वृद्धि हुई है। साथ ही, टेक्सटाइल और अन्य उद्योगों में स्थायी रोजगार अनुबंध की अनुमति दी गई है। इसके परिणामस्वरूप रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं।

योगी सरकार ने 2017 से अब तक 7 प्रमुख श्रम कानूनों में संशोधन और सरलीकरण किया है। इन सुधारों के कारण उत्तर प्रदेश ने 2022 में ‘टॉप अचीवर’ की श्रेणी में स्थान प्राप्त किया। बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (बीआरएपी) के तहत 2018 में प्रदेश का स्थान 14वां था, जो अब दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। इन सुधारों ने न केवल औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिया है, बल्कि प्रदेश को एक आर्थिक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में एक मजबूत आधार भी तैयार किया है। सरकार ने छोटे और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को भी विशेष ध्यान दिया है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

‘श्रमिक कल्याण योजना’ के तहत उत्तर प्रदेश में श्रमिकों को स्वास्थ्य, आवास और शिक्षा में सुविधाएं दी जा रही हैं। महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं लागू की गई हैं, जिनसे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है। इन प्रयासों ने श्रमिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में मदद की है। सरकार ने श्रम कानूनों को सरल और पारदर्शी बनाया है। अब श्रमिक और नियोक्ता दोनों के लिए नियमों का पालन करना आसान हो गया है। इससे श्रम विवादों की संख्या में कमी आई है और उद्योगों की उत्पादकता में वृद्धि हुई है।

योगी सरकार ने डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार किया है। उद्योगों की पंजीकरण और अनुदान प्रक्रियाओं को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है। इस पहल ने उद्योगों के लिए समय और लागत की बचत की है। इसके अलावा, छोटे व्यापारियों के लिए विशेष कर योजनाएं लागू की गई हैं, जिससे उन्हें आर्थिक प्रोत्साहन मिला है। योगी सरकार ने ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के सिद्धांत को बढ़ावा देने के लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को प्रभावी ढंग से लागू किया है। यह व्यापारियों के लिए कराधान प्रक्रिया को सरल बनाता है और व्यापार करने में आसानी प्रदान करता है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने रोजगार और औद्योगिक विकास के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की हैं। इनमें टेक्सटाइल, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग हब्स शामिल हैं। सरकार ने छोटे और मध्यम उद्योगों को भी बढ़ावा दिया है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े हैं। इन हब्स के माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार मिला है। इसके साथ ही, सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भी कई उपाय किए हैं। उत्तर प्रदेश अब वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

योगी सरकार ने महिला श्रमिकों को विशेष प्राथमिकता दी है। उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और उनके लिए सुरक्षित कार्यस्थलों का निर्माण करने पर जोर दिया गया है। पॉटरी और वस्त्र उद्योग जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक अवसर दिए गए हैं। इसके अलावा, महिलाओं के लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को न केवल औद्योगिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान का मुख्य केंद्र बनाना है। टेक्सटाइल हब और अन्य औद्योगिक परियोजनाएं इस दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

औद्योगिक और आर्थिक विकास के माध्यम से सामाजिक विकास की दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने रोजगार सृजन, महिला सशक्तीकरण और डिजिटल प्रक्रियाओं के विस्तार पर जोर दिया है। योगी सरकार द्वारा किए गए प्रयास प्रदेश को आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक रूप से मजबूत बना रहे हैं। श्रम कानूनों में सुधार, डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार और महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं, यह सभी पहल प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के मार्ग पर अग्रसर कर रही हैं।

–आईएएनएस

एसके/

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लखनऊ, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित कर रहा है। योगी सरकार का लक्ष्य प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलना है और इसके लिए कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं प्रारंभ की गई हैं। योगी सरकार ने न केवल औद्योगिक क्षेत्रों में बल्कि श्रम सुधारों और सामाजिक कल्याण की दिशा में भी व्यापक बदलाव किए हैं, बल्कि प्रदेश को व्यापार और निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य भी बनाया है।

योगी सरकार ने रोजगार सृजन और उद्योगों के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। उद्योगों को त्वरित और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘वन टाइम रजिस्ट्रेशन’ की सुविधा शुरू की गई है। इसके तहत व्यापारियों और उद्यमियों को अनेक प्रक्रियाओं से मुक्त किया गया है।

महिला श्रमिकों को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गई हैं। पॉटरी, कारपेट, पीतल और ताला उद्योग में महिला श्रमिकों को रोजगार के विशेष अवसर दिए गए हैं। इन योजनाओं ने न केवल महिला श्रमिकों की भागीदारी बढ़ाई है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाया है।

आईटी और वस्त्र उद्योगों में कामकाजी घंटों को 8 से बढ़ाकर 12 किया गया है। इससे कार्यदक्षता और उत्पादकता में वृद्धि हुई है। साथ ही, टेक्सटाइल और अन्य उद्योगों में स्थायी रोजगार अनुबंध की अनुमति दी गई है। इसके परिणामस्वरूप रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं।

योगी सरकार ने 2017 से अब तक 7 प्रमुख श्रम कानूनों में संशोधन और सरलीकरण किया है। इन सुधारों के कारण उत्तर प्रदेश ने 2022 में ‘टॉप अचीवर’ की श्रेणी में स्थान प्राप्त किया। बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (बीआरएपी) के तहत 2018 में प्रदेश का स्थान 14वां था, जो अब दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। इन सुधारों ने न केवल औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिया है, बल्कि प्रदेश को एक आर्थिक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में एक मजबूत आधार भी तैयार किया है। सरकार ने छोटे और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को भी विशेष ध्यान दिया है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

‘श्रमिक कल्याण योजना’ के तहत उत्तर प्रदेश में श्रमिकों को स्वास्थ्य, आवास और शिक्षा में सुविधाएं दी जा रही हैं। महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं लागू की गई हैं, जिनसे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है। इन प्रयासों ने श्रमिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में मदद की है। सरकार ने श्रम कानूनों को सरल और पारदर्शी बनाया है। अब श्रमिक और नियोक्ता दोनों के लिए नियमों का पालन करना आसान हो गया है। इससे श्रम विवादों की संख्या में कमी आई है और उद्योगों की उत्पादकता में वृद्धि हुई है।

योगी सरकार ने डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार किया है। उद्योगों की पंजीकरण और अनुदान प्रक्रियाओं को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है। इस पहल ने उद्योगों के लिए समय और लागत की बचत की है। इसके अलावा, छोटे व्यापारियों के लिए विशेष कर योजनाएं लागू की गई हैं, जिससे उन्हें आर्थिक प्रोत्साहन मिला है। योगी सरकार ने ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के सिद्धांत को बढ़ावा देने के लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को प्रभावी ढंग से लागू किया है। यह व्यापारियों के लिए कराधान प्रक्रिया को सरल बनाता है और व्यापार करने में आसानी प्रदान करता है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने रोजगार और औद्योगिक विकास के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की हैं। इनमें टेक्सटाइल, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग हब्स शामिल हैं। सरकार ने छोटे और मध्यम उद्योगों को भी बढ़ावा दिया है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े हैं। इन हब्स के माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार मिला है। इसके साथ ही, सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भी कई उपाय किए हैं। उत्तर प्रदेश अब वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

योगी सरकार ने महिला श्रमिकों को विशेष प्राथमिकता दी है। उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और उनके लिए सुरक्षित कार्यस्थलों का निर्माण करने पर जोर दिया गया है। पॉटरी और वस्त्र उद्योग जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक अवसर दिए गए हैं। इसके अलावा, महिलाओं के लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को न केवल औद्योगिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान का मुख्य केंद्र बनाना है। टेक्सटाइल हब और अन्य औद्योगिक परियोजनाएं इस दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

औद्योगिक और आर्थिक विकास के माध्यम से सामाजिक विकास की दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने रोजगार सृजन, महिला सशक्तीकरण और डिजिटल प्रक्रियाओं के विस्तार पर जोर दिया है। योगी सरकार द्वारा किए गए प्रयास प्रदेश को आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक रूप से मजबूत बना रहे हैं। श्रम कानूनों में सुधार, डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार और महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं, यह सभी पहल प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के मार्ग पर अग्रसर कर रही हैं।

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लखनऊ, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित कर रहा है। योगी सरकार का लक्ष्य प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलना है और इसके लिए कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं प्रारंभ की गई हैं। योगी सरकार ने न केवल औद्योगिक क्षेत्रों में बल्कि श्रम सुधारों और सामाजिक कल्याण की दिशा में भी व्यापक बदलाव किए हैं, बल्कि प्रदेश को व्यापार और निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य भी बनाया है।

योगी सरकार ने रोजगार सृजन और उद्योगों के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। उद्योगों को त्वरित और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘वन टाइम रजिस्ट्रेशन’ की सुविधा शुरू की गई है। इसके तहत व्यापारियों और उद्यमियों को अनेक प्रक्रियाओं से मुक्त किया गया है।

महिला श्रमिकों को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गई हैं। पॉटरी, कारपेट, पीतल और ताला उद्योग में महिला श्रमिकों को रोजगार के विशेष अवसर दिए गए हैं। इन योजनाओं ने न केवल महिला श्रमिकों की भागीदारी बढ़ाई है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाया है।

आईटी और वस्त्र उद्योगों में कामकाजी घंटों को 8 से बढ़ाकर 12 किया गया है। इससे कार्यदक्षता और उत्पादकता में वृद्धि हुई है। साथ ही, टेक्सटाइल और अन्य उद्योगों में स्थायी रोजगार अनुबंध की अनुमति दी गई है। इसके परिणामस्वरूप रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं।

योगी सरकार ने 2017 से अब तक 7 प्रमुख श्रम कानूनों में संशोधन और सरलीकरण किया है। इन सुधारों के कारण उत्तर प्रदेश ने 2022 में ‘टॉप अचीवर’ की श्रेणी में स्थान प्राप्त किया। बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (बीआरएपी) के तहत 2018 में प्रदेश का स्थान 14वां था, जो अब दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। इन सुधारों ने न केवल औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिया है, बल्कि प्रदेश को एक आर्थिक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में एक मजबूत आधार भी तैयार किया है। सरकार ने छोटे और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को भी विशेष ध्यान दिया है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

‘श्रमिक कल्याण योजना’ के तहत उत्तर प्रदेश में श्रमिकों को स्वास्थ्य, आवास और शिक्षा में सुविधाएं दी जा रही हैं। महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं लागू की गई हैं, जिनसे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है। इन प्रयासों ने श्रमिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में मदद की है। सरकार ने श्रम कानूनों को सरल और पारदर्शी बनाया है। अब श्रमिक और नियोक्ता दोनों के लिए नियमों का पालन करना आसान हो गया है। इससे श्रम विवादों की संख्या में कमी आई है और उद्योगों की उत्पादकता में वृद्धि हुई है।

योगी सरकार ने डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार किया है। उद्योगों की पंजीकरण और अनुदान प्रक्रियाओं को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है। इस पहल ने उद्योगों के लिए समय और लागत की बचत की है। इसके अलावा, छोटे व्यापारियों के लिए विशेष कर योजनाएं लागू की गई हैं, जिससे उन्हें आर्थिक प्रोत्साहन मिला है। योगी सरकार ने ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के सिद्धांत को बढ़ावा देने के लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को प्रभावी ढंग से लागू किया है। यह व्यापारियों के लिए कराधान प्रक्रिया को सरल बनाता है और व्यापार करने में आसानी प्रदान करता है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने रोजगार और औद्योगिक विकास के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की हैं। इनमें टेक्सटाइल, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग हब्स शामिल हैं। सरकार ने छोटे और मध्यम उद्योगों को भी बढ़ावा दिया है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े हैं। इन हब्स के माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार मिला है। इसके साथ ही, सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भी कई उपाय किए हैं। उत्तर प्रदेश अब वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

योगी सरकार ने महिला श्रमिकों को विशेष प्राथमिकता दी है। उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और उनके लिए सुरक्षित कार्यस्थलों का निर्माण करने पर जोर दिया गया है। पॉटरी और वस्त्र उद्योग जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक अवसर दिए गए हैं। इसके अलावा, महिलाओं के लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को न केवल औद्योगिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान का मुख्य केंद्र बनाना है। टेक्सटाइल हब और अन्य औद्योगिक परियोजनाएं इस दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

औद्योगिक और आर्थिक विकास के माध्यम से सामाजिक विकास की दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने रोजगार सृजन, महिला सशक्तीकरण और डिजिटल प्रक्रियाओं के विस्तार पर जोर दिया है। योगी सरकार द्वारा किए गए प्रयास प्रदेश को आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक रूप से मजबूत बना रहे हैं। श्रम कानूनों में सुधार, डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार और महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं, यह सभी पहल प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के मार्ग पर अग्रसर कर रही हैं।

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लखनऊ, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित कर रहा है। योगी सरकार का लक्ष्य प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलना है और इसके लिए कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं प्रारंभ की गई हैं। योगी सरकार ने न केवल औद्योगिक क्षेत्रों में बल्कि श्रम सुधारों और सामाजिक कल्याण की दिशा में भी व्यापक बदलाव किए हैं, बल्कि प्रदेश को व्यापार और निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य भी बनाया है।

योगी सरकार ने रोजगार सृजन और उद्योगों के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। उद्योगों को त्वरित और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘वन टाइम रजिस्ट्रेशन’ की सुविधा शुरू की गई है। इसके तहत व्यापारियों और उद्यमियों को अनेक प्रक्रियाओं से मुक्त किया गया है।

महिला श्रमिकों को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गई हैं। पॉटरी, कारपेट, पीतल और ताला उद्योग में महिला श्रमिकों को रोजगार के विशेष अवसर दिए गए हैं। इन योजनाओं ने न केवल महिला श्रमिकों की भागीदारी बढ़ाई है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाया है।

आईटी और वस्त्र उद्योगों में कामकाजी घंटों को 8 से बढ़ाकर 12 किया गया है। इससे कार्यदक्षता और उत्पादकता में वृद्धि हुई है। साथ ही, टेक्सटाइल और अन्य उद्योगों में स्थायी रोजगार अनुबंध की अनुमति दी गई है। इसके परिणामस्वरूप रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं।

योगी सरकार ने 2017 से अब तक 7 प्रमुख श्रम कानूनों में संशोधन और सरलीकरण किया है। इन सुधारों के कारण उत्तर प्रदेश ने 2022 में ‘टॉप अचीवर’ की श्रेणी में स्थान प्राप्त किया। बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (बीआरएपी) के तहत 2018 में प्रदेश का स्थान 14वां था, जो अब दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। इन सुधारों ने न केवल औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिया है, बल्कि प्रदेश को एक आर्थिक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में एक मजबूत आधार भी तैयार किया है। सरकार ने छोटे और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को भी विशेष ध्यान दिया है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

‘श्रमिक कल्याण योजना’ के तहत उत्तर प्रदेश में श्रमिकों को स्वास्थ्य, आवास और शिक्षा में सुविधाएं दी जा रही हैं। महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं लागू की गई हैं, जिनसे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है। इन प्रयासों ने श्रमिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में मदद की है। सरकार ने श्रम कानूनों को सरल और पारदर्शी बनाया है। अब श्रमिक और नियोक्ता दोनों के लिए नियमों का पालन करना आसान हो गया है। इससे श्रम विवादों की संख्या में कमी आई है और उद्योगों की उत्पादकता में वृद्धि हुई है।

योगी सरकार ने डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार किया है। उद्योगों की पंजीकरण और अनुदान प्रक्रियाओं को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है। इस पहल ने उद्योगों के लिए समय और लागत की बचत की है। इसके अलावा, छोटे व्यापारियों के लिए विशेष कर योजनाएं लागू की गई हैं, जिससे उन्हें आर्थिक प्रोत्साहन मिला है। योगी सरकार ने ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के सिद्धांत को बढ़ावा देने के लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को प्रभावी ढंग से लागू किया है। यह व्यापारियों के लिए कराधान प्रक्रिया को सरल बनाता है और व्यापार करने में आसानी प्रदान करता है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने रोजगार और औद्योगिक विकास के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की हैं। इनमें टेक्सटाइल, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग हब्स शामिल हैं। सरकार ने छोटे और मध्यम उद्योगों को भी बढ़ावा दिया है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े हैं। इन हब्स के माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार मिला है। इसके साथ ही, सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भी कई उपाय किए हैं। उत्तर प्रदेश अब वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

योगी सरकार ने महिला श्रमिकों को विशेष प्राथमिकता दी है। उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और उनके लिए सुरक्षित कार्यस्थलों का निर्माण करने पर जोर दिया गया है। पॉटरी और वस्त्र उद्योग जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक अवसर दिए गए हैं। इसके अलावा, महिलाओं के लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को न केवल औद्योगिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान का मुख्य केंद्र बनाना है। टेक्सटाइल हब और अन्य औद्योगिक परियोजनाएं इस दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

औद्योगिक और आर्थिक विकास के माध्यम से सामाजिक विकास की दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने रोजगार सृजन, महिला सशक्तीकरण और डिजिटल प्रक्रियाओं के विस्तार पर जोर दिया है। योगी सरकार द्वारा किए गए प्रयास प्रदेश को आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक रूप से मजबूत बना रहे हैं। श्रम कानूनों में सुधार, डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार और महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं, यह सभी पहल प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के मार्ग पर अग्रसर कर रही हैं।

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लखनऊ, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित कर रहा है। योगी सरकार का लक्ष्य प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलना है और इसके लिए कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं प्रारंभ की गई हैं। योगी सरकार ने न केवल औद्योगिक क्षेत्रों में बल्कि श्रम सुधारों और सामाजिक कल्याण की दिशा में भी व्यापक बदलाव किए हैं, बल्कि प्रदेश को व्यापार और निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य भी बनाया है।

योगी सरकार ने रोजगार सृजन और उद्योगों के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। उद्योगों को त्वरित और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘वन टाइम रजिस्ट्रेशन’ की सुविधा शुरू की गई है। इसके तहत व्यापारियों और उद्यमियों को अनेक प्रक्रियाओं से मुक्त किया गया है।

महिला श्रमिकों को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गई हैं। पॉटरी, कारपेट, पीतल और ताला उद्योग में महिला श्रमिकों को रोजगार के विशेष अवसर दिए गए हैं। इन योजनाओं ने न केवल महिला श्रमिकों की भागीदारी बढ़ाई है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाया है।

आईटी और वस्त्र उद्योगों में कामकाजी घंटों को 8 से बढ़ाकर 12 किया गया है। इससे कार्यदक्षता और उत्पादकता में वृद्धि हुई है। साथ ही, टेक्सटाइल और अन्य उद्योगों में स्थायी रोजगार अनुबंध की अनुमति दी गई है। इसके परिणामस्वरूप रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं।

योगी सरकार ने 2017 से अब तक 7 प्रमुख श्रम कानूनों में संशोधन और सरलीकरण किया है। इन सुधारों के कारण उत्तर प्रदेश ने 2022 में ‘टॉप अचीवर’ की श्रेणी में स्थान प्राप्त किया। बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (बीआरएपी) के तहत 2018 में प्रदेश का स्थान 14वां था, जो अब दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। इन सुधारों ने न केवल औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिया है, बल्कि प्रदेश को एक आर्थिक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में एक मजबूत आधार भी तैयार किया है। सरकार ने छोटे और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को भी विशेष ध्यान दिया है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

‘श्रमिक कल्याण योजना’ के तहत उत्तर प्रदेश में श्रमिकों को स्वास्थ्य, आवास और शिक्षा में सुविधाएं दी जा रही हैं। महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं लागू की गई हैं, जिनसे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है। इन प्रयासों ने श्रमिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में मदद की है। सरकार ने श्रम कानूनों को सरल और पारदर्शी बनाया है। अब श्रमिक और नियोक्ता दोनों के लिए नियमों का पालन करना आसान हो गया है। इससे श्रम विवादों की संख्या में कमी आई है और उद्योगों की उत्पादकता में वृद्धि हुई है।

योगी सरकार ने डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार किया है। उद्योगों की पंजीकरण और अनुदान प्रक्रियाओं को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है। इस पहल ने उद्योगों के लिए समय और लागत की बचत की है। इसके अलावा, छोटे व्यापारियों के लिए विशेष कर योजनाएं लागू की गई हैं, जिससे उन्हें आर्थिक प्रोत्साहन मिला है। योगी सरकार ने ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के सिद्धांत को बढ़ावा देने के लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को प्रभावी ढंग से लागू किया है। यह व्यापारियों के लिए कराधान प्रक्रिया को सरल बनाता है और व्यापार करने में आसानी प्रदान करता है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने रोजगार और औद्योगिक विकास के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की हैं। इनमें टेक्सटाइल, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग हब्स शामिल हैं। सरकार ने छोटे और मध्यम उद्योगों को भी बढ़ावा दिया है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े हैं। इन हब्स के माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार मिला है। इसके साथ ही, सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भी कई उपाय किए हैं। उत्तर प्रदेश अब वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

योगी सरकार ने महिला श्रमिकों को विशेष प्राथमिकता दी है। उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और उनके लिए सुरक्षित कार्यस्थलों का निर्माण करने पर जोर दिया गया है। पॉटरी और वस्त्र उद्योग जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक अवसर दिए गए हैं। इसके अलावा, महिलाओं के लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को न केवल औद्योगिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान का मुख्य केंद्र बनाना है। टेक्सटाइल हब और अन्य औद्योगिक परियोजनाएं इस दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

औद्योगिक और आर्थिक विकास के माध्यम से सामाजिक विकास की दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने रोजगार सृजन, महिला सशक्तीकरण और डिजिटल प्रक्रियाओं के विस्तार पर जोर दिया है। योगी सरकार द्वारा किए गए प्रयास प्रदेश को आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक रूप से मजबूत बना रहे हैं। श्रम कानूनों में सुधार, डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार और महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं, यह सभी पहल प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के मार्ग पर अग्रसर कर रही हैं।

–आईएएनएस

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लखनऊ, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित कर रहा है। योगी सरकार का लक्ष्य प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलना है और इसके लिए कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं प्रारंभ की गई हैं। योगी सरकार ने न केवल औद्योगिक क्षेत्रों में बल्कि श्रम सुधारों और सामाजिक कल्याण की दिशा में भी व्यापक बदलाव किए हैं, बल्कि प्रदेश को व्यापार और निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य भी बनाया है।

योगी सरकार ने रोजगार सृजन और उद्योगों के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। उद्योगों को त्वरित और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘वन टाइम रजिस्ट्रेशन’ की सुविधा शुरू की गई है। इसके तहत व्यापारियों और उद्यमियों को अनेक प्रक्रियाओं से मुक्त किया गया है।

महिला श्रमिकों को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गई हैं। पॉटरी, कारपेट, पीतल और ताला उद्योग में महिला श्रमिकों को रोजगार के विशेष अवसर दिए गए हैं। इन योजनाओं ने न केवल महिला श्रमिकों की भागीदारी बढ़ाई है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाया है।

आईटी और वस्त्र उद्योगों में कामकाजी घंटों को 8 से बढ़ाकर 12 किया गया है। इससे कार्यदक्षता और उत्पादकता में वृद्धि हुई है। साथ ही, टेक्सटाइल और अन्य उद्योगों में स्थायी रोजगार अनुबंध की अनुमति दी गई है। इसके परिणामस्वरूप रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं।

योगी सरकार ने 2017 से अब तक 7 प्रमुख श्रम कानूनों में संशोधन और सरलीकरण किया है। इन सुधारों के कारण उत्तर प्रदेश ने 2022 में ‘टॉप अचीवर’ की श्रेणी में स्थान प्राप्त किया। बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (बीआरएपी) के तहत 2018 में प्रदेश का स्थान 14वां था, जो अब दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। इन सुधारों ने न केवल औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिया है, बल्कि प्रदेश को एक आर्थिक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में एक मजबूत आधार भी तैयार किया है। सरकार ने छोटे और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को भी विशेष ध्यान दिया है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

‘श्रमिक कल्याण योजना’ के तहत उत्तर प्रदेश में श्रमिकों को स्वास्थ्य, आवास और शिक्षा में सुविधाएं दी जा रही हैं। महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं लागू की गई हैं, जिनसे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है। इन प्रयासों ने श्रमिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में मदद की है। सरकार ने श्रम कानूनों को सरल और पारदर्शी बनाया है। अब श्रमिक और नियोक्ता दोनों के लिए नियमों का पालन करना आसान हो गया है। इससे श्रम विवादों की संख्या में कमी आई है और उद्योगों की उत्पादकता में वृद्धि हुई है।

योगी सरकार ने डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार किया है। उद्योगों की पंजीकरण और अनुदान प्रक्रियाओं को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है। इस पहल ने उद्योगों के लिए समय और लागत की बचत की है। इसके अलावा, छोटे व्यापारियों के लिए विशेष कर योजनाएं लागू की गई हैं, जिससे उन्हें आर्थिक प्रोत्साहन मिला है। योगी सरकार ने ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के सिद्धांत को बढ़ावा देने के लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को प्रभावी ढंग से लागू किया है। यह व्यापारियों के लिए कराधान प्रक्रिया को सरल बनाता है और व्यापार करने में आसानी प्रदान करता है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने रोजगार और औद्योगिक विकास के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की हैं। इनमें टेक्सटाइल, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग हब्स शामिल हैं। सरकार ने छोटे और मध्यम उद्योगों को भी बढ़ावा दिया है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े हैं। इन हब्स के माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार मिला है। इसके साथ ही, सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भी कई उपाय किए हैं। उत्तर प्रदेश अब वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

योगी सरकार ने महिला श्रमिकों को विशेष प्राथमिकता दी है। उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और उनके लिए सुरक्षित कार्यस्थलों का निर्माण करने पर जोर दिया गया है। पॉटरी और वस्त्र उद्योग जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक अवसर दिए गए हैं। इसके अलावा, महिलाओं के लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को न केवल औद्योगिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान का मुख्य केंद्र बनाना है। टेक्सटाइल हब और अन्य औद्योगिक परियोजनाएं इस दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

औद्योगिक और आर्थिक विकास के माध्यम से सामाजिक विकास की दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने रोजगार सृजन, महिला सशक्तीकरण और डिजिटल प्रक्रियाओं के विस्तार पर जोर दिया है। योगी सरकार द्वारा किए गए प्रयास प्रदेश को आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक रूप से मजबूत बना रहे हैं। श्रम कानूनों में सुधार, डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार और महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं, यह सभी पहल प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के मार्ग पर अग्रसर कर रही हैं।

–आईएएनएस

एसके/

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लखनऊ, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित कर रहा है। योगी सरकार का लक्ष्य प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलना है और इसके लिए कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं प्रारंभ की गई हैं। योगी सरकार ने न केवल औद्योगिक क्षेत्रों में बल्कि श्रम सुधारों और सामाजिक कल्याण की दिशा में भी व्यापक बदलाव किए हैं, बल्कि प्रदेश को व्यापार और निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य भी बनाया है।

योगी सरकार ने रोजगार सृजन और उद्योगों के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। उद्योगों को त्वरित और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘वन टाइम रजिस्ट्रेशन’ की सुविधा शुरू की गई है। इसके तहत व्यापारियों और उद्यमियों को अनेक प्रक्रियाओं से मुक्त किया गया है।

महिला श्रमिकों को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गई हैं। पॉटरी, कारपेट, पीतल और ताला उद्योग में महिला श्रमिकों को रोजगार के विशेष अवसर दिए गए हैं। इन योजनाओं ने न केवल महिला श्रमिकों की भागीदारी बढ़ाई है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाया है।

आईटी और वस्त्र उद्योगों में कामकाजी घंटों को 8 से बढ़ाकर 12 किया गया है। इससे कार्यदक्षता और उत्पादकता में वृद्धि हुई है। साथ ही, टेक्सटाइल और अन्य उद्योगों में स्थायी रोजगार अनुबंध की अनुमति दी गई है। इसके परिणामस्वरूप रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं।

योगी सरकार ने 2017 से अब तक 7 प्रमुख श्रम कानूनों में संशोधन और सरलीकरण किया है। इन सुधारों के कारण उत्तर प्रदेश ने 2022 में ‘टॉप अचीवर’ की श्रेणी में स्थान प्राप्त किया। बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (बीआरएपी) के तहत 2018 में प्रदेश का स्थान 14वां था, जो अब दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। इन सुधारों ने न केवल औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिया है, बल्कि प्रदेश को एक आर्थिक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में एक मजबूत आधार भी तैयार किया है। सरकार ने छोटे और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को भी विशेष ध्यान दिया है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

‘श्रमिक कल्याण योजना’ के तहत उत्तर प्रदेश में श्रमिकों को स्वास्थ्य, आवास और शिक्षा में सुविधाएं दी जा रही हैं। महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं लागू की गई हैं, जिनसे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है। इन प्रयासों ने श्रमिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में मदद की है। सरकार ने श्रम कानूनों को सरल और पारदर्शी बनाया है। अब श्रमिक और नियोक्ता दोनों के लिए नियमों का पालन करना आसान हो गया है। इससे श्रम विवादों की संख्या में कमी आई है और उद्योगों की उत्पादकता में वृद्धि हुई है।

योगी सरकार ने डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार किया है। उद्योगों की पंजीकरण और अनुदान प्रक्रियाओं को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है। इस पहल ने उद्योगों के लिए समय और लागत की बचत की है। इसके अलावा, छोटे व्यापारियों के लिए विशेष कर योजनाएं लागू की गई हैं, जिससे उन्हें आर्थिक प्रोत्साहन मिला है। योगी सरकार ने ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के सिद्धांत को बढ़ावा देने के लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को प्रभावी ढंग से लागू किया है। यह व्यापारियों के लिए कराधान प्रक्रिया को सरल बनाता है और व्यापार करने में आसानी प्रदान करता है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने रोजगार और औद्योगिक विकास के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की हैं। इनमें टेक्सटाइल, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग हब्स शामिल हैं। सरकार ने छोटे और मध्यम उद्योगों को भी बढ़ावा दिया है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े हैं। इन हब्स के माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार मिला है। इसके साथ ही, सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भी कई उपाय किए हैं। उत्तर प्रदेश अब वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

योगी सरकार ने महिला श्रमिकों को विशेष प्राथमिकता दी है। उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और उनके लिए सुरक्षित कार्यस्थलों का निर्माण करने पर जोर दिया गया है। पॉटरी और वस्त्र उद्योग जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक अवसर दिए गए हैं। इसके अलावा, महिलाओं के लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को न केवल औद्योगिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान का मुख्य केंद्र बनाना है। टेक्सटाइल हब और अन्य औद्योगिक परियोजनाएं इस दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

औद्योगिक और आर्थिक विकास के माध्यम से सामाजिक विकास की दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने रोजगार सृजन, महिला सशक्तीकरण और डिजिटल प्रक्रियाओं के विस्तार पर जोर दिया है। योगी सरकार द्वारा किए गए प्रयास प्रदेश को आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक रूप से मजबूत बना रहे हैं। श्रम कानूनों में सुधार, डिजिटल प्रक्रियाओं का विस्तार और महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं, यह सभी पहल प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के मार्ग पर अग्रसर कर रही हैं।

–आईएएनएस

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