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Home ताज़ा समाचार

‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ केजरीवाल का चुनावी स्टंट : कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत

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December 31, 2024
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली की आदमी पार्टी सरकार द्वारा ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ के अंतर्गत मंगलवार को मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारे के ग्रंथियों के पंजीकरण की शुरुआत हो गई। इस पर कई पुजारियों ने आईएएनएस से बात करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी।

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कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने इस योजना पर कहा, “अरविंद केजरीवाल मुफ्त की रेवड़ियां बांटने के लिए मशहूर हैं। जैसे ही चुनाव नजदीक आया, उन्होंने अनेकों सौगात की छड़ी लगा दी है। चुनाव के नजदीक आते ही उनको पुजारियों और ग्रंथियों की सुध लेनी पड़ रही है। हमें उनकी घोषणा चुनावी स्टंट ज्यादा और गंभीरता कम लगती है। अगर वह गंभीर होते तो इस पर 10 साल पहले ही काम करते। लेकिन चुनाव के नजदीक आते ही, उन्होंने हिंदू और सिखों को लुभाने के लिए इस योजना की शुरुआत की है।”

उन्होंने कहा कि केजरीवाल मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए पहचाने जाते हैं। उन्होंने मौलवियों को वेतन देने की घोषणा की थी, लेकिन उनको भी अभी तक वेतन नहीं मिला है और वे प्रदर्शन कर रहे हैं।

ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के मौलाना साजिद राशि ने भी ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ को चुनावी स्टंट बताया। उन्होंने कहा, “दिल्ली का मुसलमान पहले से ही उनकी तरफ झुका हुआ है। कांग्रेस से परेशान होकर मुसलमानों के पास कोई रास्ता नहीं था, इसलिए केजरीवाल को भर-भरकर वोट दिया जिसके कारण दो बार ये लोग सत्ता में आए। अब उन्होंने अनुभव किया कि दिल्ली के मुसलमानों का कुछ रुझान कांग्रेस की तरफ है, इसलिए उन्होंने हिंदुओं और सिखों को लुभाने के लिए इस तरह की योजना का ऐलान किया है।”

उन्होंने कहा कि इस योजना से मुसलमानों और ईसाइयों को नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने सिर्फ पुजारियों और ग्रंथियों के लिए योजना का ऐलान किया है, लेकिन पादरियों को नहीं रखा गया है। मुसलमान और ईसाइयों को वह समझते हैं कि उनका वोट बिल्कुल फिक्स है।

–आईएएनएस

एससीएच/एकेजे

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नई दिल्ली, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली की आदमी पार्टी सरकार द्वारा ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ के अंतर्गत मंगलवार को मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारे के ग्रंथियों के पंजीकरण की शुरुआत हो गई। इस पर कई पुजारियों ने आईएएनएस से बात करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी।

कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने इस योजना पर कहा, “अरविंद केजरीवाल मुफ्त की रेवड़ियां बांटने के लिए मशहूर हैं। जैसे ही चुनाव नजदीक आया, उन्होंने अनेकों सौगात की छड़ी लगा दी है। चुनाव के नजदीक आते ही उनको पुजारियों और ग्रंथियों की सुध लेनी पड़ रही है। हमें उनकी घोषणा चुनावी स्टंट ज्यादा और गंभीरता कम लगती है। अगर वह गंभीर होते तो इस पर 10 साल पहले ही काम करते। लेकिन चुनाव के नजदीक आते ही, उन्होंने हिंदू और सिखों को लुभाने के लिए इस योजना की शुरुआत की है।”

उन्होंने कहा कि केजरीवाल मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए पहचाने जाते हैं। उन्होंने मौलवियों को वेतन देने की घोषणा की थी, लेकिन उनको भी अभी तक वेतन नहीं मिला है और वे प्रदर्शन कर रहे हैं।

ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के मौलाना साजिद राशि ने भी ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ को चुनावी स्टंट बताया। उन्होंने कहा, “दिल्ली का मुसलमान पहले से ही उनकी तरफ झुका हुआ है। कांग्रेस से परेशान होकर मुसलमानों के पास कोई रास्ता नहीं था, इसलिए केजरीवाल को भर-भरकर वोट दिया जिसके कारण दो बार ये लोग सत्ता में आए। अब उन्होंने अनुभव किया कि दिल्ली के मुसलमानों का कुछ रुझान कांग्रेस की तरफ है, इसलिए उन्होंने हिंदुओं और सिखों को लुभाने के लिए इस तरह की योजना का ऐलान किया है।”

उन्होंने कहा कि इस योजना से मुसलमानों और ईसाइयों को नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने सिर्फ पुजारियों और ग्रंथियों के लिए योजना का ऐलान किया है, लेकिन पादरियों को नहीं रखा गया है। मुसलमान और ईसाइयों को वह समझते हैं कि उनका वोट बिल्कुल फिक्स है।

–आईएएनएस

एससीएच/एकेजे

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नई दिल्ली, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली की आदमी पार्टी सरकार द्वारा ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ के अंतर्गत मंगलवार को मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारे के ग्रंथियों के पंजीकरण की शुरुआत हो गई। इस पर कई पुजारियों ने आईएएनएस से बात करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी।

कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने इस योजना पर कहा, “अरविंद केजरीवाल मुफ्त की रेवड़ियां बांटने के लिए मशहूर हैं। जैसे ही चुनाव नजदीक आया, उन्होंने अनेकों सौगात की छड़ी लगा दी है। चुनाव के नजदीक आते ही उनको पुजारियों और ग्रंथियों की सुध लेनी पड़ रही है। हमें उनकी घोषणा चुनावी स्टंट ज्यादा और गंभीरता कम लगती है। अगर वह गंभीर होते तो इस पर 10 साल पहले ही काम करते। लेकिन चुनाव के नजदीक आते ही, उन्होंने हिंदू और सिखों को लुभाने के लिए इस योजना की शुरुआत की है।”

उन्होंने कहा कि केजरीवाल मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए पहचाने जाते हैं। उन्होंने मौलवियों को वेतन देने की घोषणा की थी, लेकिन उनको भी अभी तक वेतन नहीं मिला है और वे प्रदर्शन कर रहे हैं।

ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के मौलाना साजिद राशि ने भी ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ को चुनावी स्टंट बताया। उन्होंने कहा, “दिल्ली का मुसलमान पहले से ही उनकी तरफ झुका हुआ है। कांग्रेस से परेशान होकर मुसलमानों के पास कोई रास्ता नहीं था, इसलिए केजरीवाल को भर-भरकर वोट दिया जिसके कारण दो बार ये लोग सत्ता में आए। अब उन्होंने अनुभव किया कि दिल्ली के मुसलमानों का कुछ रुझान कांग्रेस की तरफ है, इसलिए उन्होंने हिंदुओं और सिखों को लुभाने के लिए इस तरह की योजना का ऐलान किया है।”

उन्होंने कहा कि इस योजना से मुसलमानों और ईसाइयों को नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने सिर्फ पुजारियों और ग्रंथियों के लिए योजना का ऐलान किया है, लेकिन पादरियों को नहीं रखा गया है। मुसलमान और ईसाइयों को वह समझते हैं कि उनका वोट बिल्कुल फिक्स है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली की आदमी पार्टी सरकार द्वारा ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ के अंतर्गत मंगलवार को मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारे के ग्रंथियों के पंजीकरण की शुरुआत हो गई। इस पर कई पुजारियों ने आईएएनएस से बात करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी।

कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने इस योजना पर कहा, “अरविंद केजरीवाल मुफ्त की रेवड़ियां बांटने के लिए मशहूर हैं। जैसे ही चुनाव नजदीक आया, उन्होंने अनेकों सौगात की छड़ी लगा दी है। चुनाव के नजदीक आते ही उनको पुजारियों और ग्रंथियों की सुध लेनी पड़ रही है। हमें उनकी घोषणा चुनावी स्टंट ज्यादा और गंभीरता कम लगती है। अगर वह गंभीर होते तो इस पर 10 साल पहले ही काम करते। लेकिन चुनाव के नजदीक आते ही, उन्होंने हिंदू और सिखों को लुभाने के लिए इस योजना की शुरुआत की है।”

उन्होंने कहा कि केजरीवाल मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए पहचाने जाते हैं। उन्होंने मौलवियों को वेतन देने की घोषणा की थी, लेकिन उनको भी अभी तक वेतन नहीं मिला है और वे प्रदर्शन कर रहे हैं।

ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के मौलाना साजिद राशि ने भी ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ को चुनावी स्टंट बताया। उन्होंने कहा, “दिल्ली का मुसलमान पहले से ही उनकी तरफ झुका हुआ है। कांग्रेस से परेशान होकर मुसलमानों के पास कोई रास्ता नहीं था, इसलिए केजरीवाल को भर-भरकर वोट दिया जिसके कारण दो बार ये लोग सत्ता में आए। अब उन्होंने अनुभव किया कि दिल्ली के मुसलमानों का कुछ रुझान कांग्रेस की तरफ है, इसलिए उन्होंने हिंदुओं और सिखों को लुभाने के लिए इस तरह की योजना का ऐलान किया है।”

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कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने इस योजना पर कहा, “अरविंद केजरीवाल मुफ्त की रेवड़ियां बांटने के लिए मशहूर हैं। जैसे ही चुनाव नजदीक आया, उन्होंने अनेकों सौगात की छड़ी लगा दी है। चुनाव के नजदीक आते ही उनको पुजारियों और ग्रंथियों की सुध लेनी पड़ रही है। हमें उनकी घोषणा चुनावी स्टंट ज्यादा और गंभीरता कम लगती है। अगर वह गंभीर होते तो इस पर 10 साल पहले ही काम करते। लेकिन चुनाव के नजदीक आते ही, उन्होंने हिंदू और सिखों को लुभाने के लिए इस योजना की शुरुआत की है।”

उन्होंने कहा कि केजरीवाल मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए पहचाने जाते हैं। उन्होंने मौलवियों को वेतन देने की घोषणा की थी, लेकिन उनको भी अभी तक वेतन नहीं मिला है और वे प्रदर्शन कर रहे हैं।

ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के मौलाना साजिद राशि ने भी ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ को चुनावी स्टंट बताया। उन्होंने कहा, “दिल्ली का मुसलमान पहले से ही उनकी तरफ झुका हुआ है। कांग्रेस से परेशान होकर मुसलमानों के पास कोई रास्ता नहीं था, इसलिए केजरीवाल को भर-भरकर वोट दिया जिसके कारण दो बार ये लोग सत्ता में आए। अब उन्होंने अनुभव किया कि दिल्ली के मुसलमानों का कुछ रुझान कांग्रेस की तरफ है, इसलिए उन्होंने हिंदुओं और सिखों को लुभाने के लिए इस तरह की योजना का ऐलान किया है।”

उन्होंने कहा कि इस योजना से मुसलमानों और ईसाइयों को नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने सिर्फ पुजारियों और ग्रंथियों के लिए योजना का ऐलान किया है, लेकिन पादरियों को नहीं रखा गया है। मुसलमान और ईसाइयों को वह समझते हैं कि उनका वोट बिल्कुल फिक्स है।

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कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने इस योजना पर कहा, “अरविंद केजरीवाल मुफ्त की रेवड़ियां बांटने के लिए मशहूर हैं। जैसे ही चुनाव नजदीक आया, उन्होंने अनेकों सौगात की छड़ी लगा दी है। चुनाव के नजदीक आते ही उनको पुजारियों और ग्रंथियों की सुध लेनी पड़ रही है। हमें उनकी घोषणा चुनावी स्टंट ज्यादा और गंभीरता कम लगती है। अगर वह गंभीर होते तो इस पर 10 साल पहले ही काम करते। लेकिन चुनाव के नजदीक आते ही, उन्होंने हिंदू और सिखों को लुभाने के लिए इस योजना की शुरुआत की है।”

उन्होंने कहा कि केजरीवाल मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए पहचाने जाते हैं। उन्होंने मौलवियों को वेतन देने की घोषणा की थी, लेकिन उनको भी अभी तक वेतन नहीं मिला है और वे प्रदर्शन कर रहे हैं।

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उन्होंने कहा कि केजरीवाल मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए पहचाने जाते हैं। उन्होंने मौलवियों को वेतन देने की घोषणा की थी, लेकिन उनको भी अभी तक वेतन नहीं मिला है और वे प्रदर्शन कर रहे हैं।

ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के मौलाना साजिद राशि ने भी ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ को चुनावी स्टंट बताया। उन्होंने कहा, “दिल्ली का मुसलमान पहले से ही उनकी तरफ झुका हुआ है। कांग्रेस से परेशान होकर मुसलमानों के पास कोई रास्ता नहीं था, इसलिए केजरीवाल को भर-भरकर वोट दिया जिसके कारण दो बार ये लोग सत्ता में आए। अब उन्होंने अनुभव किया कि दिल्ली के मुसलमानों का कुछ रुझान कांग्रेस की तरफ है, इसलिए उन्होंने हिंदुओं और सिखों को लुभाने के लिए इस तरह की योजना का ऐलान किया है।”

उन्होंने कहा कि इस योजना से मुसलमानों और ईसाइयों को नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने सिर्फ पुजारियों और ग्रंथियों के लिए योजना का ऐलान किया है, लेकिन पादरियों को नहीं रखा गया है। मुसलमान और ईसाइयों को वह समझते हैं कि उनका वोट बिल्कुल फिक्स है।

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कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने इस योजना पर कहा, “अरविंद केजरीवाल मुफ्त की रेवड़ियां बांटने के लिए मशहूर हैं। जैसे ही चुनाव नजदीक आया, उन्होंने अनेकों सौगात की छड़ी लगा दी है। चुनाव के नजदीक आते ही उनको पुजारियों और ग्रंथियों की सुध लेनी पड़ रही है। हमें उनकी घोषणा चुनावी स्टंट ज्यादा और गंभीरता कम लगती है। अगर वह गंभीर होते तो इस पर 10 साल पहले ही काम करते। लेकिन चुनाव के नजदीक आते ही, उन्होंने हिंदू और सिखों को लुभाने के लिए इस योजना की शुरुआत की है।”

उन्होंने कहा कि केजरीवाल मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए पहचाने जाते हैं। उन्होंने मौलवियों को वेतन देने की घोषणा की थी, लेकिन उनको भी अभी तक वेतन नहीं मिला है और वे प्रदर्शन कर रहे हैं।

ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के मौलाना साजिद राशि ने भी ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ को चुनावी स्टंट बताया। उन्होंने कहा, “दिल्ली का मुसलमान पहले से ही उनकी तरफ झुका हुआ है। कांग्रेस से परेशान होकर मुसलमानों के पास कोई रास्ता नहीं था, इसलिए केजरीवाल को भर-भरकर वोट दिया जिसके कारण दो बार ये लोग सत्ता में आए। अब उन्होंने अनुभव किया कि दिल्ली के मुसलमानों का कुछ रुझान कांग्रेस की तरफ है, इसलिए उन्होंने हिंदुओं और सिखों को लुभाने के लिए इस तरह की योजना का ऐलान किया है।”

उन्होंने कहा कि इस योजना से मुसलमानों और ईसाइयों को नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने सिर्फ पुजारियों और ग्रंथियों के लिए योजना का ऐलान किया है, लेकिन पादरियों को नहीं रखा गया है। मुसलमान और ईसाइयों को वह समझते हैं कि उनका वोट बिल्कुल फिक्स है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली की आदमी पार्टी सरकार द्वारा ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ के अंतर्गत मंगलवार को मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारे के ग्रंथियों के पंजीकरण की शुरुआत हो गई। इस पर कई पुजारियों ने आईएएनएस से बात करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी।

कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने इस योजना पर कहा, “अरविंद केजरीवाल मुफ्त की रेवड़ियां बांटने के लिए मशहूर हैं। जैसे ही चुनाव नजदीक आया, उन्होंने अनेकों सौगात की छड़ी लगा दी है। चुनाव के नजदीक आते ही उनको पुजारियों और ग्रंथियों की सुध लेनी पड़ रही है। हमें उनकी घोषणा चुनावी स्टंट ज्यादा और गंभीरता कम लगती है। अगर वह गंभीर होते तो इस पर 10 साल पहले ही काम करते। लेकिन चुनाव के नजदीक आते ही, उन्होंने हिंदू और सिखों को लुभाने के लिए इस योजना की शुरुआत की है।”

उन्होंने कहा कि केजरीवाल मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए पहचाने जाते हैं। उन्होंने मौलवियों को वेतन देने की घोषणा की थी, लेकिन उनको भी अभी तक वेतन नहीं मिला है और वे प्रदर्शन कर रहे हैं।

ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के मौलाना साजिद राशि ने भी ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ को चुनावी स्टंट बताया। उन्होंने कहा, “दिल्ली का मुसलमान पहले से ही उनकी तरफ झुका हुआ है। कांग्रेस से परेशान होकर मुसलमानों के पास कोई रास्ता नहीं था, इसलिए केजरीवाल को भर-भरकर वोट दिया जिसके कारण दो बार ये लोग सत्ता में आए। अब उन्होंने अनुभव किया कि दिल्ली के मुसलमानों का कुछ रुझान कांग्रेस की तरफ है, इसलिए उन्होंने हिंदुओं और सिखों को लुभाने के लिए इस तरह की योजना का ऐलान किया है।”

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कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने इस योजना पर कहा, “अरविंद केजरीवाल मुफ्त की रेवड़ियां बांटने के लिए मशहूर हैं। जैसे ही चुनाव नजदीक आया, उन्होंने अनेकों सौगात की छड़ी लगा दी है। चुनाव के नजदीक आते ही उनको पुजारियों और ग्रंथियों की सुध लेनी पड़ रही है। हमें उनकी घोषणा चुनावी स्टंट ज्यादा और गंभीरता कम लगती है। अगर वह गंभीर होते तो इस पर 10 साल पहले ही काम करते। लेकिन चुनाव के नजदीक आते ही, उन्होंने हिंदू और सिखों को लुभाने के लिए इस योजना की शुरुआत की है।”

उन्होंने कहा कि केजरीवाल मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए पहचाने जाते हैं। उन्होंने मौलवियों को वेतन देने की घोषणा की थी, लेकिन उनको भी अभी तक वेतन नहीं मिला है और वे प्रदर्शन कर रहे हैं।

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कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने इस योजना पर कहा, “अरविंद केजरीवाल मुफ्त की रेवड़ियां बांटने के लिए मशहूर हैं। जैसे ही चुनाव नजदीक आया, उन्होंने अनेकों सौगात की छड़ी लगा दी है। चुनाव के नजदीक आते ही उनको पुजारियों और ग्रंथियों की सुध लेनी पड़ रही है। हमें उनकी घोषणा चुनावी स्टंट ज्यादा और गंभीरता कम लगती है। अगर वह गंभीर होते तो इस पर 10 साल पहले ही काम करते। लेकिन चुनाव के नजदीक आते ही, उन्होंने हिंदू और सिखों को लुभाने के लिए इस योजना की शुरुआत की है।”

उन्होंने कहा कि केजरीवाल मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए पहचाने जाते हैं। उन्होंने मौलवियों को वेतन देने की घोषणा की थी, लेकिन उनको भी अभी तक वेतन नहीं मिला है और वे प्रदर्शन कर रहे हैं।

ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के मौलाना साजिद राशि ने भी ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ को चुनावी स्टंट बताया। उन्होंने कहा, “दिल्ली का मुसलमान पहले से ही उनकी तरफ झुका हुआ है। कांग्रेस से परेशान होकर मुसलमानों के पास कोई रास्ता नहीं था, इसलिए केजरीवाल को भर-भरकर वोट दिया जिसके कारण दो बार ये लोग सत्ता में आए। अब उन्होंने अनुभव किया कि दिल्ली के मुसलमानों का कुछ रुझान कांग्रेस की तरफ है, इसलिए उन्होंने हिंदुओं और सिखों को लुभाने के लिए इस तरह की योजना का ऐलान किया है।”

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नई दिल्ली, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली की आदमी पार्टी सरकार द्वारा ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ के अंतर्गत मंगलवार को मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारे के ग्रंथियों के पंजीकरण की शुरुआत हो गई। इस पर कई पुजारियों ने आईएएनएस से बात करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी।

कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने इस योजना पर कहा, “अरविंद केजरीवाल मुफ्त की रेवड़ियां बांटने के लिए मशहूर हैं। जैसे ही चुनाव नजदीक आया, उन्होंने अनेकों सौगात की छड़ी लगा दी है। चुनाव के नजदीक आते ही उनको पुजारियों और ग्रंथियों की सुध लेनी पड़ रही है। हमें उनकी घोषणा चुनावी स्टंट ज्यादा और गंभीरता कम लगती है। अगर वह गंभीर होते तो इस पर 10 साल पहले ही काम करते। लेकिन चुनाव के नजदीक आते ही, उन्होंने हिंदू और सिखों को लुभाने के लिए इस योजना की शुरुआत की है।”

उन्होंने कहा कि केजरीवाल मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए पहचाने जाते हैं। उन्होंने मौलवियों को वेतन देने की घोषणा की थी, लेकिन उनको भी अभी तक वेतन नहीं मिला है और वे प्रदर्शन कर रहे हैं।

ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के मौलाना साजिद राशि ने भी ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ को चुनावी स्टंट बताया। उन्होंने कहा, “दिल्ली का मुसलमान पहले से ही उनकी तरफ झुका हुआ है। कांग्रेस से परेशान होकर मुसलमानों के पास कोई रास्ता नहीं था, इसलिए केजरीवाल को भर-भरकर वोट दिया जिसके कारण दो बार ये लोग सत्ता में आए। अब उन्होंने अनुभव किया कि दिल्ली के मुसलमानों का कुछ रुझान कांग्रेस की तरफ है, इसलिए उन्होंने हिंदुओं और सिखों को लुभाने के लिए इस तरह की योजना का ऐलान किया है।”

उन्होंने कहा कि इस योजना से मुसलमानों और ईसाइयों को नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने सिर्फ पुजारियों और ग्रंथियों के लिए योजना का ऐलान किया है, लेकिन पादरियों को नहीं रखा गया है। मुसलमान और ईसाइयों को वह समझते हैं कि उनका वोट बिल्कुल फिक्स है।

–आईएएनएस

एससीएच/एकेजे

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नई दिल्ली, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली की आदमी पार्टी सरकार द्वारा ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ के अंतर्गत मंगलवार को मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारे के ग्रंथियों के पंजीकरण की शुरुआत हो गई। इस पर कई पुजारियों ने आईएएनएस से बात करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी।

कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने इस योजना पर कहा, “अरविंद केजरीवाल मुफ्त की रेवड़ियां बांटने के लिए मशहूर हैं। जैसे ही चुनाव नजदीक आया, उन्होंने अनेकों सौगात की छड़ी लगा दी है। चुनाव के नजदीक आते ही उनको पुजारियों और ग्रंथियों की सुध लेनी पड़ रही है। हमें उनकी घोषणा चुनावी स्टंट ज्यादा और गंभीरता कम लगती है। अगर वह गंभीर होते तो इस पर 10 साल पहले ही काम करते। लेकिन चुनाव के नजदीक आते ही, उन्होंने हिंदू और सिखों को लुभाने के लिए इस योजना की शुरुआत की है।”

उन्होंने कहा कि केजरीवाल मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए पहचाने जाते हैं। उन्होंने मौलवियों को वेतन देने की घोषणा की थी, लेकिन उनको भी अभी तक वेतन नहीं मिला है और वे प्रदर्शन कर रहे हैं।

ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के मौलाना साजिद राशि ने भी ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ को चुनावी स्टंट बताया। उन्होंने कहा, “दिल्ली का मुसलमान पहले से ही उनकी तरफ झुका हुआ है। कांग्रेस से परेशान होकर मुसलमानों के पास कोई रास्ता नहीं था, इसलिए केजरीवाल को भर-भरकर वोट दिया जिसके कारण दो बार ये लोग सत्ता में आए। अब उन्होंने अनुभव किया कि दिल्ली के मुसलमानों का कुछ रुझान कांग्रेस की तरफ है, इसलिए उन्होंने हिंदुओं और सिखों को लुभाने के लिए इस तरह की योजना का ऐलान किया है।”

उन्होंने कहा कि इस योजना से मुसलमानों और ईसाइयों को नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने सिर्फ पुजारियों और ग्रंथियों के लिए योजना का ऐलान किया है, लेकिन पादरियों को नहीं रखा गया है। मुसलमान और ईसाइयों को वह समझते हैं कि उनका वोट बिल्कुल फिक्स है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली की आदमी पार्टी सरकार द्वारा ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ के अंतर्गत मंगलवार को मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारे के ग्रंथियों के पंजीकरण की शुरुआत हो गई। इस पर कई पुजारियों ने आईएएनएस से बात करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी।

कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने इस योजना पर कहा, “अरविंद केजरीवाल मुफ्त की रेवड़ियां बांटने के लिए मशहूर हैं। जैसे ही चुनाव नजदीक आया, उन्होंने अनेकों सौगात की छड़ी लगा दी है। चुनाव के नजदीक आते ही उनको पुजारियों और ग्रंथियों की सुध लेनी पड़ रही है। हमें उनकी घोषणा चुनावी स्टंट ज्यादा और गंभीरता कम लगती है। अगर वह गंभीर होते तो इस पर 10 साल पहले ही काम करते। लेकिन चुनाव के नजदीक आते ही, उन्होंने हिंदू और सिखों को लुभाने के लिए इस योजना की शुरुआत की है।”

उन्होंने कहा कि केजरीवाल मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए पहचाने जाते हैं। उन्होंने मौलवियों को वेतन देने की घोषणा की थी, लेकिन उनको भी अभी तक वेतन नहीं मिला है और वे प्रदर्शन कर रहे हैं।

ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के मौलाना साजिद राशि ने भी ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ को चुनावी स्टंट बताया। उन्होंने कहा, “दिल्ली का मुसलमान पहले से ही उनकी तरफ झुका हुआ है। कांग्रेस से परेशान होकर मुसलमानों के पास कोई रास्ता नहीं था, इसलिए केजरीवाल को भर-भरकर वोट दिया जिसके कारण दो बार ये लोग सत्ता में आए। अब उन्होंने अनुभव किया कि दिल्ली के मुसलमानों का कुछ रुझान कांग्रेस की तरफ है, इसलिए उन्होंने हिंदुओं और सिखों को लुभाने के लिए इस तरह की योजना का ऐलान किया है।”

उन्होंने कहा कि इस योजना से मुसलमानों और ईसाइयों को नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने सिर्फ पुजारियों और ग्रंथियों के लिए योजना का ऐलान किया है, लेकिन पादरियों को नहीं रखा गया है। मुसलमान और ईसाइयों को वह समझते हैं कि उनका वोट बिल्कुल फिक्स है।

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कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने इस योजना पर कहा, “अरविंद केजरीवाल मुफ्त की रेवड़ियां बांटने के लिए मशहूर हैं। जैसे ही चुनाव नजदीक आया, उन्होंने अनेकों सौगात की छड़ी लगा दी है। चुनाव के नजदीक आते ही उनको पुजारियों और ग्रंथियों की सुध लेनी पड़ रही है। हमें उनकी घोषणा चुनावी स्टंट ज्यादा और गंभीरता कम लगती है। अगर वह गंभीर होते तो इस पर 10 साल पहले ही काम करते। लेकिन चुनाव के नजदीक आते ही, उन्होंने हिंदू और सिखों को लुभाने के लिए इस योजना की शुरुआत की है।”

उन्होंने कहा कि केजरीवाल मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए पहचाने जाते हैं। उन्होंने मौलवियों को वेतन देने की घोषणा की थी, लेकिन उनको भी अभी तक वेतन नहीं मिला है और वे प्रदर्शन कर रहे हैं।

ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के मौलाना साजिद राशि ने भी ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ को चुनावी स्टंट बताया। उन्होंने कहा, “दिल्ली का मुसलमान पहले से ही उनकी तरफ झुका हुआ है। कांग्रेस से परेशान होकर मुसलमानों के पास कोई रास्ता नहीं था, इसलिए केजरीवाल को भर-भरकर वोट दिया जिसके कारण दो बार ये लोग सत्ता में आए। अब उन्होंने अनुभव किया कि दिल्ली के मुसलमानों का कुछ रुझान कांग्रेस की तरफ है, इसलिए उन्होंने हिंदुओं और सिखों को लुभाने के लिए इस तरह की योजना का ऐलान किया है।”

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