पटना, 4 जनवरी (आईएएनएस)। जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने छात्रों के आंदोलन पर कहा, “राहुल गांधी, तेजस्वी यादव यहां पर आएं और आंदोलन को लीड करें, हम उनके पीछे चलने के लिए तैयार हैं।”
प्रशांत किशोर ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि हमें उनके पीछे चलने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन घर से तो निकलना पड़ेगा। राहुल गांधी आएं। लेकिन वो तो नए साल की छुट्टी मनाने के लिए विदेश में हैं। पिछली बार वह बिहार तब आए थे जब उन्हें वोट की जरूरत थी। अब अगली बार फिर तब आएंगे, जब वोट की जरूरत होगी। अगर तेजस्वी यादव नेतृत्व करना चाहते हैं तो उन्हें बंगले से निकलकर यहां आना होगा। सिर्फ ट्वीट करने से काम नहीं चलेगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह छात्रों के हित के लिए आमरण अनशन पर बैठे हैं, जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता, अनशन जारी रहेगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे ‘किशोर कहने वाले व्यक्ति यह भी नहीं समझते कि युवा (किशोर) ही है जो वयस्क बनता है। जो पहले से ही वयस्क हैं और उम्र बढ़ने के साथ जीवन के पतन की ओर बढ़ रहे हैं। मुझे ‘किशोर’ कहकर वे मेरी युवावस्था को स्वीकार करते हैं, जो एक अच्छी बात है। आखिरकार, यह युवा ही हैं जो विकसित होंगे और भविष्य को आकार देंगे, जबकि उम्र बढ़ने वाले लोग अनिवार्य रूप से अंत की ओर बढ़ रहे हैं।
ठंड पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ठंड है तो क्या कर सकते हैं। इस ठंड में बीपीएससी के छात्रों को पीटा गया। उन पर पानी की बौछारें की गईं। बिहार में 50 लाख से ज्यादा लोग फैक्ट्री व खेतों में काम कर रहे हैं। अगर यह व्यवस्था बदलनी है, तो कुछ लोगों को ठंडी और गर्मी से हटकर खड़ा होना होगा, इसलिए यहां पर खड़े हैं।
–आईएएनएस
डीकेएम/सीबीटी
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पटना, 4 जनवरी (आईएएनएस)। जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने छात्रों के आंदोलन पर कहा, “राहुल गांधी, तेजस्वी यादव यहां पर आएं और आंदोलन को लीड करें, हम उनके पीछे चलने के लिए तैयार हैं।”
प्रशांत किशोर ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि हमें उनके पीछे चलने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन घर से तो निकलना पड़ेगा। राहुल गांधी आएं। लेकिन वो तो नए साल की छुट्टी मनाने के लिए विदेश में हैं। पिछली बार वह बिहार तब आए थे जब उन्हें वोट की जरूरत थी। अब अगली बार फिर तब आएंगे, जब वोट की जरूरत होगी। अगर तेजस्वी यादव नेतृत्व करना चाहते हैं तो उन्हें बंगले से निकलकर यहां आना होगा। सिर्फ ट्वीट करने से काम नहीं चलेगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह छात्रों के हित के लिए आमरण अनशन पर बैठे हैं, जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता, अनशन जारी रहेगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे ‘किशोर कहने वाले व्यक्ति यह भी नहीं समझते कि युवा (किशोर) ही है जो वयस्क बनता है। जो पहले से ही वयस्क हैं और उम्र बढ़ने के साथ जीवन के पतन की ओर बढ़ रहे हैं। मुझे ‘किशोर’ कहकर वे मेरी युवावस्था को स्वीकार करते हैं, जो एक अच्छी बात है। आखिरकार, यह युवा ही हैं जो विकसित होंगे और भविष्य को आकार देंगे, जबकि उम्र बढ़ने वाले लोग अनिवार्य रूप से अंत की ओर बढ़ रहे हैं।
ठंड पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ठंड है तो क्या कर सकते हैं। इस ठंड में बीपीएससी के छात्रों को पीटा गया। उन पर पानी की बौछारें की गईं। बिहार में 50 लाख से ज्यादा लोग फैक्ट्री व खेतों में काम कर रहे हैं। अगर यह व्यवस्था बदलनी है, तो कुछ लोगों को ठंडी और गर्मी से हटकर खड़ा होना होगा, इसलिए यहां पर खड़े हैं।
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पटना, 4 जनवरी (आईएएनएस)। जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने छात्रों के आंदोलन पर कहा, “राहुल गांधी, तेजस्वी यादव यहां पर आएं और आंदोलन को लीड करें, हम उनके पीछे चलने के लिए तैयार हैं।”
प्रशांत किशोर ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि हमें उनके पीछे चलने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन घर से तो निकलना पड़ेगा। राहुल गांधी आएं। लेकिन वो तो नए साल की छुट्टी मनाने के लिए विदेश में हैं। पिछली बार वह बिहार तब आए थे जब उन्हें वोट की जरूरत थी। अब अगली बार फिर तब आएंगे, जब वोट की जरूरत होगी। अगर तेजस्वी यादव नेतृत्व करना चाहते हैं तो उन्हें बंगले से निकलकर यहां आना होगा। सिर्फ ट्वीट करने से काम नहीं चलेगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह छात्रों के हित के लिए आमरण अनशन पर बैठे हैं, जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता, अनशन जारी रहेगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे ‘किशोर कहने वाले व्यक्ति यह भी नहीं समझते कि युवा (किशोर) ही है जो वयस्क बनता है। जो पहले से ही वयस्क हैं और उम्र बढ़ने के साथ जीवन के पतन की ओर बढ़ रहे हैं। मुझे ‘किशोर’ कहकर वे मेरी युवावस्था को स्वीकार करते हैं, जो एक अच्छी बात है। आखिरकार, यह युवा ही हैं जो विकसित होंगे और भविष्य को आकार देंगे, जबकि उम्र बढ़ने वाले लोग अनिवार्य रूप से अंत की ओर बढ़ रहे हैं।
ठंड पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ठंड है तो क्या कर सकते हैं। इस ठंड में बीपीएससी के छात्रों को पीटा गया। उन पर पानी की बौछारें की गईं। बिहार में 50 लाख से ज्यादा लोग फैक्ट्री व खेतों में काम कर रहे हैं। अगर यह व्यवस्था बदलनी है, तो कुछ लोगों को ठंडी और गर्मी से हटकर खड़ा होना होगा, इसलिए यहां पर खड़े हैं।
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प्रशांत किशोर ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि हमें उनके पीछे चलने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन घर से तो निकलना पड़ेगा। राहुल गांधी आएं। लेकिन वो तो नए साल की छुट्टी मनाने के लिए विदेश में हैं। पिछली बार वह बिहार तब आए थे जब उन्हें वोट की जरूरत थी। अब अगली बार फिर तब आएंगे, जब वोट की जरूरत होगी। अगर तेजस्वी यादव नेतृत्व करना चाहते हैं तो उन्हें बंगले से निकलकर यहां आना होगा। सिर्फ ट्वीट करने से काम नहीं चलेगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह छात्रों के हित के लिए आमरण अनशन पर बैठे हैं, जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता, अनशन जारी रहेगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे ‘किशोर कहने वाले व्यक्ति यह भी नहीं समझते कि युवा (किशोर) ही है जो वयस्क बनता है। जो पहले से ही वयस्क हैं और उम्र बढ़ने के साथ जीवन के पतन की ओर बढ़ रहे हैं। मुझे ‘किशोर’ कहकर वे मेरी युवावस्था को स्वीकार करते हैं, जो एक अच्छी बात है। आखिरकार, यह युवा ही हैं जो विकसित होंगे और भविष्य को आकार देंगे, जबकि उम्र बढ़ने वाले लोग अनिवार्य रूप से अंत की ओर बढ़ रहे हैं।
ठंड पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ठंड है तो क्या कर सकते हैं। इस ठंड में बीपीएससी के छात्रों को पीटा गया। उन पर पानी की बौछारें की गईं। बिहार में 50 लाख से ज्यादा लोग फैक्ट्री व खेतों में काम कर रहे हैं। अगर यह व्यवस्था बदलनी है, तो कुछ लोगों को ठंडी और गर्मी से हटकर खड़ा होना होगा, इसलिए यहां पर खड़े हैं।
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प्रशांत किशोर ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि हमें उनके पीछे चलने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन घर से तो निकलना पड़ेगा। राहुल गांधी आएं। लेकिन वो तो नए साल की छुट्टी मनाने के लिए विदेश में हैं। पिछली बार वह बिहार तब आए थे जब उन्हें वोट की जरूरत थी। अब अगली बार फिर तब आएंगे, जब वोट की जरूरत होगी। अगर तेजस्वी यादव नेतृत्व करना चाहते हैं तो उन्हें बंगले से निकलकर यहां आना होगा। सिर्फ ट्वीट करने से काम नहीं चलेगा।
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ठंड पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ठंड है तो क्या कर सकते हैं। इस ठंड में बीपीएससी के छात्रों को पीटा गया। उन पर पानी की बौछारें की गईं। बिहार में 50 लाख से ज्यादा लोग फैक्ट्री व खेतों में काम कर रहे हैं। अगर यह व्यवस्था बदलनी है, तो कुछ लोगों को ठंडी और गर्मी से हटकर खड़ा होना होगा, इसलिए यहां पर खड़े हैं।
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प्रशांत किशोर ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि हमें उनके पीछे चलने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन घर से तो निकलना पड़ेगा। राहुल गांधी आएं। लेकिन वो तो नए साल की छुट्टी मनाने के लिए विदेश में हैं। पिछली बार वह बिहार तब आए थे जब उन्हें वोट की जरूरत थी। अब अगली बार फिर तब आएंगे, जब वोट की जरूरत होगी। अगर तेजस्वी यादव नेतृत्व करना चाहते हैं तो उन्हें बंगले से निकलकर यहां आना होगा। सिर्फ ट्वीट करने से काम नहीं चलेगा।
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ठंड पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ठंड है तो क्या कर सकते हैं। इस ठंड में बीपीएससी के छात्रों को पीटा गया। उन पर पानी की बौछारें की गईं। बिहार में 50 लाख से ज्यादा लोग फैक्ट्री व खेतों में काम कर रहे हैं। अगर यह व्यवस्था बदलनी है, तो कुछ लोगों को ठंडी और गर्मी से हटकर खड़ा होना होगा, इसलिए यहां पर खड़े हैं।
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प्रशांत किशोर ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि हमें उनके पीछे चलने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन घर से तो निकलना पड़ेगा। राहुल गांधी आएं। लेकिन वो तो नए साल की छुट्टी मनाने के लिए विदेश में हैं। पिछली बार वह बिहार तब आए थे जब उन्हें वोट की जरूरत थी। अब अगली बार फिर तब आएंगे, जब वोट की जरूरत होगी। अगर तेजस्वी यादव नेतृत्व करना चाहते हैं तो उन्हें बंगले से निकलकर यहां आना होगा। सिर्फ ट्वीट करने से काम नहीं चलेगा।
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ठंड पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ठंड है तो क्या कर सकते हैं। इस ठंड में बीपीएससी के छात्रों को पीटा गया। उन पर पानी की बौछारें की गईं। बिहार में 50 लाख से ज्यादा लोग फैक्ट्री व खेतों में काम कर रहे हैं। अगर यह व्यवस्था बदलनी है, तो कुछ लोगों को ठंडी और गर्मी से हटकर खड़ा होना होगा, इसलिए यहां पर खड़े हैं।
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प्रशांत किशोर ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि हमें उनके पीछे चलने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन घर से तो निकलना पड़ेगा। राहुल गांधी आएं। लेकिन वो तो नए साल की छुट्टी मनाने के लिए विदेश में हैं। पिछली बार वह बिहार तब आए थे जब उन्हें वोट की जरूरत थी। अब अगली बार फिर तब आएंगे, जब वोट की जरूरत होगी। अगर तेजस्वी यादव नेतृत्व करना चाहते हैं तो उन्हें बंगले से निकलकर यहां आना होगा। सिर्फ ट्वीट करने से काम नहीं चलेगा।
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प्रशांत किशोर ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि हमें उनके पीछे चलने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन घर से तो निकलना पड़ेगा। राहुल गांधी आएं। लेकिन वो तो नए साल की छुट्टी मनाने के लिए विदेश में हैं। पिछली बार वह बिहार तब आए थे जब उन्हें वोट की जरूरत थी। अब अगली बार फिर तब आएंगे, जब वोट की जरूरत होगी। अगर तेजस्वी यादव नेतृत्व करना चाहते हैं तो उन्हें बंगले से निकलकर यहां आना होगा। सिर्फ ट्वीट करने से काम नहीं चलेगा।
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एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे ‘किशोर कहने वाले व्यक्ति यह भी नहीं समझते कि युवा (किशोर) ही है जो वयस्क बनता है। जो पहले से ही वयस्क हैं और उम्र बढ़ने के साथ जीवन के पतन की ओर बढ़ रहे हैं। मुझे ‘किशोर’ कहकर वे मेरी युवावस्था को स्वीकार करते हैं, जो एक अच्छी बात है। आखिरकार, यह युवा ही हैं जो विकसित होंगे और भविष्य को आकार देंगे, जबकि उम्र बढ़ने वाले लोग अनिवार्य रूप से अंत की ओर बढ़ रहे हैं।
ठंड पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ठंड है तो क्या कर सकते हैं। इस ठंड में बीपीएससी के छात्रों को पीटा गया। उन पर पानी की बौछारें की गईं। बिहार में 50 लाख से ज्यादा लोग फैक्ट्री व खेतों में काम कर रहे हैं। अगर यह व्यवस्था बदलनी है, तो कुछ लोगों को ठंडी और गर्मी से हटकर खड़ा होना होगा, इसलिए यहां पर खड़े हैं।
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प्रशांत किशोर ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि हमें उनके पीछे चलने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन घर से तो निकलना पड़ेगा। राहुल गांधी आएं। लेकिन वो तो नए साल की छुट्टी मनाने के लिए विदेश में हैं। पिछली बार वह बिहार तब आए थे जब उन्हें वोट की जरूरत थी। अब अगली बार फिर तब आएंगे, जब वोट की जरूरत होगी। अगर तेजस्वी यादव नेतृत्व करना चाहते हैं तो उन्हें बंगले से निकलकर यहां आना होगा। सिर्फ ट्वीट करने से काम नहीं चलेगा।
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एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे ‘किशोर कहने वाले व्यक्ति यह भी नहीं समझते कि युवा (किशोर) ही है जो वयस्क बनता है। जो पहले से ही वयस्क हैं और उम्र बढ़ने के साथ जीवन के पतन की ओर बढ़ रहे हैं। मुझे ‘किशोर’ कहकर वे मेरी युवावस्था को स्वीकार करते हैं, जो एक अच्छी बात है। आखिरकार, यह युवा ही हैं जो विकसित होंगे और भविष्य को आकार देंगे, जबकि उम्र बढ़ने वाले लोग अनिवार्य रूप से अंत की ओर बढ़ रहे हैं।
ठंड पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ठंड है तो क्या कर सकते हैं। इस ठंड में बीपीएससी के छात्रों को पीटा गया। उन पर पानी की बौछारें की गईं। बिहार में 50 लाख से ज्यादा लोग फैक्ट्री व खेतों में काम कर रहे हैं। अगर यह व्यवस्था बदलनी है, तो कुछ लोगों को ठंडी और गर्मी से हटकर खड़ा होना होगा, इसलिए यहां पर खड़े हैं।
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प्रशांत किशोर ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि हमें उनके पीछे चलने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन घर से तो निकलना पड़ेगा। राहुल गांधी आएं। लेकिन वो तो नए साल की छुट्टी मनाने के लिए विदेश में हैं। पिछली बार वह बिहार तब आए थे जब उन्हें वोट की जरूरत थी। अब अगली बार फिर तब आएंगे, जब वोट की जरूरत होगी। अगर तेजस्वी यादव नेतृत्व करना चाहते हैं तो उन्हें बंगले से निकलकर यहां आना होगा। सिर्फ ट्वीट करने से काम नहीं चलेगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह छात्रों के हित के लिए आमरण अनशन पर बैठे हैं, जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता, अनशन जारी रहेगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे ‘किशोर कहने वाले व्यक्ति यह भी नहीं समझते कि युवा (किशोर) ही है जो वयस्क बनता है। जो पहले से ही वयस्क हैं और उम्र बढ़ने के साथ जीवन के पतन की ओर बढ़ रहे हैं। मुझे ‘किशोर’ कहकर वे मेरी युवावस्था को स्वीकार करते हैं, जो एक अच्छी बात है। आखिरकार, यह युवा ही हैं जो विकसित होंगे और भविष्य को आकार देंगे, जबकि उम्र बढ़ने वाले लोग अनिवार्य रूप से अंत की ओर बढ़ रहे हैं।
ठंड पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ठंड है तो क्या कर सकते हैं। इस ठंड में बीपीएससी के छात्रों को पीटा गया। उन पर पानी की बौछारें की गईं। बिहार में 50 लाख से ज्यादा लोग फैक्ट्री व खेतों में काम कर रहे हैं। अगर यह व्यवस्था बदलनी है, तो कुछ लोगों को ठंडी और गर्मी से हटकर खड़ा होना होगा, इसलिए यहां पर खड़े हैं।
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प्रशांत किशोर ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि हमें उनके पीछे चलने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन घर से तो निकलना पड़ेगा। राहुल गांधी आएं। लेकिन वो तो नए साल की छुट्टी मनाने के लिए विदेश में हैं। पिछली बार वह बिहार तब आए थे जब उन्हें वोट की जरूरत थी। अब अगली बार फिर तब आएंगे, जब वोट की जरूरत होगी। अगर तेजस्वी यादव नेतृत्व करना चाहते हैं तो उन्हें बंगले से निकलकर यहां आना होगा। सिर्फ ट्वीट करने से काम नहीं चलेगा।
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प्रशांत किशोर ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि हमें उनके पीछे चलने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन घर से तो निकलना पड़ेगा। राहुल गांधी आएं। लेकिन वो तो नए साल की छुट्टी मनाने के लिए विदेश में हैं। पिछली बार वह बिहार तब आए थे जब उन्हें वोट की जरूरत थी। अब अगली बार फिर तब आएंगे, जब वोट की जरूरत होगी। अगर तेजस्वी यादव नेतृत्व करना चाहते हैं तो उन्हें बंगले से निकलकर यहां आना होगा। सिर्फ ट्वीट करने से काम नहीं चलेगा।
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प्रशांत किशोर ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि हमें उनके पीछे चलने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन घर से तो निकलना पड़ेगा। राहुल गांधी आएं। लेकिन वो तो नए साल की छुट्टी मनाने के लिए विदेश में हैं। पिछली बार वह बिहार तब आए थे जब उन्हें वोट की जरूरत थी। अब अगली बार फिर तब आएंगे, जब वोट की जरूरत होगी। अगर तेजस्वी यादव नेतृत्व करना चाहते हैं तो उन्हें बंगले से निकलकर यहां आना होगा। सिर्फ ट्वीट करने से काम नहीं चलेगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह छात्रों के हित के लिए आमरण अनशन पर बैठे हैं, जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता, अनशन जारी रहेगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे ‘किशोर कहने वाले व्यक्ति यह भी नहीं समझते कि युवा (किशोर) ही है जो वयस्क बनता है। जो पहले से ही वयस्क हैं और उम्र बढ़ने के साथ जीवन के पतन की ओर बढ़ रहे हैं। मुझे ‘किशोर’ कहकर वे मेरी युवावस्था को स्वीकार करते हैं, जो एक अच्छी बात है। आखिरकार, यह युवा ही हैं जो विकसित होंगे और भविष्य को आकार देंगे, जबकि उम्र बढ़ने वाले लोग अनिवार्य रूप से अंत की ओर बढ़ रहे हैं।
ठंड पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ठंड है तो क्या कर सकते हैं। इस ठंड में बीपीएससी के छात्रों को पीटा गया। उन पर पानी की बौछारें की गईं। बिहार में 50 लाख से ज्यादा लोग फैक्ट्री व खेतों में काम कर रहे हैं। अगर यह व्यवस्था बदलनी है, तो कुछ लोगों को ठंडी और गर्मी से हटकर खड़ा होना होगा, इसलिए यहां पर खड़े हैं।
–आईएएनएस
डीकेएम/सीबीटी
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पटना, 4 जनवरी (आईएएनएस)। जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने छात्रों के आंदोलन पर कहा, “राहुल गांधी, तेजस्वी यादव यहां पर आएं और आंदोलन को लीड करें, हम उनके पीछे चलने के लिए तैयार हैं।”
प्रशांत किशोर ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि हमें उनके पीछे चलने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन घर से तो निकलना पड़ेगा। राहुल गांधी आएं। लेकिन वो तो नए साल की छुट्टी मनाने के लिए विदेश में हैं। पिछली बार वह बिहार तब आए थे जब उन्हें वोट की जरूरत थी। अब अगली बार फिर तब आएंगे, जब वोट की जरूरत होगी। अगर तेजस्वी यादव नेतृत्व करना चाहते हैं तो उन्हें बंगले से निकलकर यहां आना होगा। सिर्फ ट्वीट करने से काम नहीं चलेगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह छात्रों के हित के लिए आमरण अनशन पर बैठे हैं, जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता, अनशन जारी रहेगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे ‘किशोर कहने वाले व्यक्ति यह भी नहीं समझते कि युवा (किशोर) ही है जो वयस्क बनता है। जो पहले से ही वयस्क हैं और उम्र बढ़ने के साथ जीवन के पतन की ओर बढ़ रहे हैं। मुझे ‘किशोर’ कहकर वे मेरी युवावस्था को स्वीकार करते हैं, जो एक अच्छी बात है। आखिरकार, यह युवा ही हैं जो विकसित होंगे और भविष्य को आकार देंगे, जबकि उम्र बढ़ने वाले लोग अनिवार्य रूप से अंत की ओर बढ़ रहे हैं।
ठंड पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ठंड है तो क्या कर सकते हैं। इस ठंड में बीपीएससी के छात्रों को पीटा गया। उन पर पानी की बौछारें की गईं। बिहार में 50 लाख से ज्यादा लोग फैक्ट्री व खेतों में काम कर रहे हैं। अगर यह व्यवस्था बदलनी है, तो कुछ लोगों को ठंडी और गर्मी से हटकर खड़ा होना होगा, इसलिए यहां पर खड़े हैं।