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Home ताज़ा समाचार

सभी को राष्ट्रीय परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

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January 5, 2025
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 5 जनवरी (आईएएनएस)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को दिल्ली छावनी में ‘राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) गणतंत्र दिवस शिविर-2025’ का औपचारिक उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने देशभर के कैडेट्स से राष्ट्रीय परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया।

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इस साल के गणतंत्र दिवस शिविर में 17 एनसीसी निदेशालयों के 917 महिला सहित कुल 2,361 कैडेट भाग ले रहे हैं। शिविर का समापन 27 जनवरी को प्रधानमंत्री की रैली के साथ होगा, जिसमें सभी कैडेट्स को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा। शिविर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और संस्थागत प्रशिक्षण प्रतियोगिताओं सहित कई अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यह शिविर कैडेट्स के लिए एक अनूठा अवसर है, जिसमें उन्हें देशभक्ति, अनुशासन और नेतृत्व के गुणों को अपनाने का अवसर मिलेगा।

उपराष्ट्रपति के आगमन पर सेना, नौसेना और वायु सेना के तीनों अंगों से आए एनसीसी कैडेट्स की एक टुकड़ी ने उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया। यह सम्मान कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसमें कैडेट्स ने अपने अनुशासन और समर्पण का प्रदर्शन किया।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनसीसी कैडेट्स से देश के विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह समय है जब सभी को राष्ट्रीय परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए और इसके लिए पांच बुनियादी स्तंभों पर आधारित दृष्टिकोण को अपनाना आवश्यक है। ये स्तंभ हैं- सामाजिक सद्भाव, जमीनी स्तर पर देशभक्ति के मूल्यों को बढ़ावा देकर पारिवारिक ज्ञान, पर्यावरण संरक्षण, हमारी सभ्यता के लोकाचार में गहराई से उतरकर भारत मां का सम्मान करना और स्वदेशी एवं आत्मनिर्भरता।

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि ये पंच-प्रण हमारे समाज की रगों में प्रवाहित होकर अजेय राष्ट्रवादी भावना का निर्माण करते हैं। ये मूल्य सांस्कृतिक गौरव, एकता और आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा को गति देंगे।

उपराष्ट्रपति ने एनसीसी कैडेट्स से आह्वान किया कि वह अपनी मातृभूमि के प्रति समर्पण और निष्ठा को सर्वोपरि मानें। मातृभूमि के प्रति हमारा समर्पण दृढ़, अडिग और अटल होना चाहिए, क्योंकि यही हमारे अस्तित्व की नींव है। आपकी पीढ़ी ही वह शक्ति होगी, जो 2047 तक भारत को उसके गौरवपूर्ण भविष्य की ओर ले जाएगी।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ कैडेट्स द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखा, जिसमें युवाओं ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया।

इस कार्यक्रम में पारंपरिक संगीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। उपराष्ट्रपति ने सभी एनसीसी कैडेट्स को ‘गणतंत्र दिवस शिविर- 2025’ के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह शिविर न केवल कैडेट्स को अनुशासन, नेतृत्व और सामूहिक कार्य की भावना सिखाता है, बल्कि यह देश के प्रति उनके कर्तव्यों को निभाने के लिए भी प्रेरित करता है।

–आईएएनएस

पीएसके/एबीएम

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नई दिल्ली, 5 जनवरी (आईएएनएस)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को दिल्ली छावनी में ‘राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) गणतंत्र दिवस शिविर-2025’ का औपचारिक उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने देशभर के कैडेट्स से राष्ट्रीय परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया।

इस साल के गणतंत्र दिवस शिविर में 17 एनसीसी निदेशालयों के 917 महिला सहित कुल 2,361 कैडेट भाग ले रहे हैं। शिविर का समापन 27 जनवरी को प्रधानमंत्री की रैली के साथ होगा, जिसमें सभी कैडेट्स को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा। शिविर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और संस्थागत प्रशिक्षण प्रतियोगिताओं सहित कई अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यह शिविर कैडेट्स के लिए एक अनूठा अवसर है, जिसमें उन्हें देशभक्ति, अनुशासन और नेतृत्व के गुणों को अपनाने का अवसर मिलेगा।

उपराष्ट्रपति के आगमन पर सेना, नौसेना और वायु सेना के तीनों अंगों से आए एनसीसी कैडेट्स की एक टुकड़ी ने उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया। यह सम्मान कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसमें कैडेट्स ने अपने अनुशासन और समर्पण का प्रदर्शन किया।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनसीसी कैडेट्स से देश के विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह समय है जब सभी को राष्ट्रीय परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए और इसके लिए पांच बुनियादी स्तंभों पर आधारित दृष्टिकोण को अपनाना आवश्यक है। ये स्तंभ हैं- सामाजिक सद्भाव, जमीनी स्तर पर देशभक्ति के मूल्यों को बढ़ावा देकर पारिवारिक ज्ञान, पर्यावरण संरक्षण, हमारी सभ्यता के लोकाचार में गहराई से उतरकर भारत मां का सम्मान करना और स्वदेशी एवं आत्मनिर्भरता।

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि ये पंच-प्रण हमारे समाज की रगों में प्रवाहित होकर अजेय राष्ट्रवादी भावना का निर्माण करते हैं। ये मूल्य सांस्कृतिक गौरव, एकता और आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा को गति देंगे।

उपराष्ट्रपति ने एनसीसी कैडेट्स से आह्वान किया कि वह अपनी मातृभूमि के प्रति समर्पण और निष्ठा को सर्वोपरि मानें। मातृभूमि के प्रति हमारा समर्पण दृढ़, अडिग और अटल होना चाहिए, क्योंकि यही हमारे अस्तित्व की नींव है। आपकी पीढ़ी ही वह शक्ति होगी, जो 2047 तक भारत को उसके गौरवपूर्ण भविष्य की ओर ले जाएगी।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ कैडेट्स द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखा, जिसमें युवाओं ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया।

इस कार्यक्रम में पारंपरिक संगीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। उपराष्ट्रपति ने सभी एनसीसी कैडेट्स को ‘गणतंत्र दिवस शिविर- 2025’ के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह शिविर न केवल कैडेट्स को अनुशासन, नेतृत्व और सामूहिक कार्य की भावना सिखाता है, बल्कि यह देश के प्रति उनके कर्तव्यों को निभाने के लिए भी प्रेरित करता है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 5 जनवरी (आईएएनएस)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को दिल्ली छावनी में ‘राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) गणतंत्र दिवस शिविर-2025’ का औपचारिक उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने देशभर के कैडेट्स से राष्ट्रीय परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया।

इस साल के गणतंत्र दिवस शिविर में 17 एनसीसी निदेशालयों के 917 महिला सहित कुल 2,361 कैडेट भाग ले रहे हैं। शिविर का समापन 27 जनवरी को प्रधानमंत्री की रैली के साथ होगा, जिसमें सभी कैडेट्स को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा। शिविर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और संस्थागत प्रशिक्षण प्रतियोगिताओं सहित कई अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यह शिविर कैडेट्स के लिए एक अनूठा अवसर है, जिसमें उन्हें देशभक्ति, अनुशासन और नेतृत्व के गुणों को अपनाने का अवसर मिलेगा।

उपराष्ट्रपति के आगमन पर सेना, नौसेना और वायु सेना के तीनों अंगों से आए एनसीसी कैडेट्स की एक टुकड़ी ने उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया। यह सम्मान कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसमें कैडेट्स ने अपने अनुशासन और समर्पण का प्रदर्शन किया।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनसीसी कैडेट्स से देश के विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह समय है जब सभी को राष्ट्रीय परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए और इसके लिए पांच बुनियादी स्तंभों पर आधारित दृष्टिकोण को अपनाना आवश्यक है। ये स्तंभ हैं- सामाजिक सद्भाव, जमीनी स्तर पर देशभक्ति के मूल्यों को बढ़ावा देकर पारिवारिक ज्ञान, पर्यावरण संरक्षण, हमारी सभ्यता के लोकाचार में गहराई से उतरकर भारत मां का सम्मान करना और स्वदेशी एवं आत्मनिर्भरता।

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि ये पंच-प्रण हमारे समाज की रगों में प्रवाहित होकर अजेय राष्ट्रवादी भावना का निर्माण करते हैं। ये मूल्य सांस्कृतिक गौरव, एकता और आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा को गति देंगे।

उपराष्ट्रपति ने एनसीसी कैडेट्स से आह्वान किया कि वह अपनी मातृभूमि के प्रति समर्पण और निष्ठा को सर्वोपरि मानें। मातृभूमि के प्रति हमारा समर्पण दृढ़, अडिग और अटल होना चाहिए, क्योंकि यही हमारे अस्तित्व की नींव है। आपकी पीढ़ी ही वह शक्ति होगी, जो 2047 तक भारत को उसके गौरवपूर्ण भविष्य की ओर ले जाएगी।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ कैडेट्स द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखा, जिसमें युवाओं ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया।

इस कार्यक्रम में पारंपरिक संगीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। उपराष्ट्रपति ने सभी एनसीसी कैडेट्स को ‘गणतंत्र दिवस शिविर- 2025’ के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह शिविर न केवल कैडेट्स को अनुशासन, नेतृत्व और सामूहिक कार्य की भावना सिखाता है, बल्कि यह देश के प्रति उनके कर्तव्यों को निभाने के लिए भी प्रेरित करता है।

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नई दिल्ली, 5 जनवरी (आईएएनएस)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को दिल्ली छावनी में ‘राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) गणतंत्र दिवस शिविर-2025’ का औपचारिक उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने देशभर के कैडेट्स से राष्ट्रीय परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया।

इस साल के गणतंत्र दिवस शिविर में 17 एनसीसी निदेशालयों के 917 महिला सहित कुल 2,361 कैडेट भाग ले रहे हैं। शिविर का समापन 27 जनवरी को प्रधानमंत्री की रैली के साथ होगा, जिसमें सभी कैडेट्स को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा। शिविर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और संस्थागत प्रशिक्षण प्रतियोगिताओं सहित कई अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यह शिविर कैडेट्स के लिए एक अनूठा अवसर है, जिसमें उन्हें देशभक्ति, अनुशासन और नेतृत्व के गुणों को अपनाने का अवसर मिलेगा।

उपराष्ट्रपति के आगमन पर सेना, नौसेना और वायु सेना के तीनों अंगों से आए एनसीसी कैडेट्स की एक टुकड़ी ने उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया। यह सम्मान कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसमें कैडेट्स ने अपने अनुशासन और समर्पण का प्रदर्शन किया।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनसीसी कैडेट्स से देश के विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह समय है जब सभी को राष्ट्रीय परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए और इसके लिए पांच बुनियादी स्तंभों पर आधारित दृष्टिकोण को अपनाना आवश्यक है। ये स्तंभ हैं- सामाजिक सद्भाव, जमीनी स्तर पर देशभक्ति के मूल्यों को बढ़ावा देकर पारिवारिक ज्ञान, पर्यावरण संरक्षण, हमारी सभ्यता के लोकाचार में गहराई से उतरकर भारत मां का सम्मान करना और स्वदेशी एवं आत्मनिर्भरता।

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि ये पंच-प्रण हमारे समाज की रगों में प्रवाहित होकर अजेय राष्ट्रवादी भावना का निर्माण करते हैं। ये मूल्य सांस्कृतिक गौरव, एकता और आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा को गति देंगे।

उपराष्ट्रपति ने एनसीसी कैडेट्स से आह्वान किया कि वह अपनी मातृभूमि के प्रति समर्पण और निष्ठा को सर्वोपरि मानें। मातृभूमि के प्रति हमारा समर्पण दृढ़, अडिग और अटल होना चाहिए, क्योंकि यही हमारे अस्तित्व की नींव है। आपकी पीढ़ी ही वह शक्ति होगी, जो 2047 तक भारत को उसके गौरवपूर्ण भविष्य की ओर ले जाएगी।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ कैडेट्स द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखा, जिसमें युवाओं ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया।

इस कार्यक्रम में पारंपरिक संगीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। उपराष्ट्रपति ने सभी एनसीसी कैडेट्स को ‘गणतंत्र दिवस शिविर- 2025’ के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह शिविर न केवल कैडेट्स को अनुशासन, नेतृत्व और सामूहिक कार्य की भावना सिखाता है, बल्कि यह देश के प्रति उनके कर्तव्यों को निभाने के लिए भी प्रेरित करता है।

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नई दिल्ली, 5 जनवरी (आईएएनएस)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को दिल्ली छावनी में ‘राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) गणतंत्र दिवस शिविर-2025’ का औपचारिक उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने देशभर के कैडेट्स से राष्ट्रीय परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया।

इस साल के गणतंत्र दिवस शिविर में 17 एनसीसी निदेशालयों के 917 महिला सहित कुल 2,361 कैडेट भाग ले रहे हैं। शिविर का समापन 27 जनवरी को प्रधानमंत्री की रैली के साथ होगा, जिसमें सभी कैडेट्स को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा। शिविर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और संस्थागत प्रशिक्षण प्रतियोगिताओं सहित कई अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यह शिविर कैडेट्स के लिए एक अनूठा अवसर है, जिसमें उन्हें देशभक्ति, अनुशासन और नेतृत्व के गुणों को अपनाने का अवसर मिलेगा।

उपराष्ट्रपति के आगमन पर सेना, नौसेना और वायु सेना के तीनों अंगों से आए एनसीसी कैडेट्स की एक टुकड़ी ने उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया। यह सम्मान कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसमें कैडेट्स ने अपने अनुशासन और समर्पण का प्रदर्शन किया।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनसीसी कैडेट्स से देश के विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह समय है जब सभी को राष्ट्रीय परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए और इसके लिए पांच बुनियादी स्तंभों पर आधारित दृष्टिकोण को अपनाना आवश्यक है। ये स्तंभ हैं- सामाजिक सद्भाव, जमीनी स्तर पर देशभक्ति के मूल्यों को बढ़ावा देकर पारिवारिक ज्ञान, पर्यावरण संरक्षण, हमारी सभ्यता के लोकाचार में गहराई से उतरकर भारत मां का सम्मान करना और स्वदेशी एवं आत्मनिर्भरता।

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि ये पंच-प्रण हमारे समाज की रगों में प्रवाहित होकर अजेय राष्ट्रवादी भावना का निर्माण करते हैं। ये मूल्य सांस्कृतिक गौरव, एकता और आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा को गति देंगे।

उपराष्ट्रपति ने एनसीसी कैडेट्स से आह्वान किया कि वह अपनी मातृभूमि के प्रति समर्पण और निष्ठा को सर्वोपरि मानें। मातृभूमि के प्रति हमारा समर्पण दृढ़, अडिग और अटल होना चाहिए, क्योंकि यही हमारे अस्तित्व की नींव है। आपकी पीढ़ी ही वह शक्ति होगी, जो 2047 तक भारत को उसके गौरवपूर्ण भविष्य की ओर ले जाएगी।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ कैडेट्स द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखा, जिसमें युवाओं ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया।

इस कार्यक्रम में पारंपरिक संगीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। उपराष्ट्रपति ने सभी एनसीसी कैडेट्स को ‘गणतंत्र दिवस शिविर- 2025’ के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह शिविर न केवल कैडेट्स को अनुशासन, नेतृत्व और सामूहिक कार्य की भावना सिखाता है, बल्कि यह देश के प्रति उनके कर्तव्यों को निभाने के लिए भी प्रेरित करता है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 5 जनवरी (आईएएनएस)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को दिल्ली छावनी में ‘राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) गणतंत्र दिवस शिविर-2025’ का औपचारिक उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने देशभर के कैडेट्स से राष्ट्रीय परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया।

इस साल के गणतंत्र दिवस शिविर में 17 एनसीसी निदेशालयों के 917 महिला सहित कुल 2,361 कैडेट भाग ले रहे हैं। शिविर का समापन 27 जनवरी को प्रधानमंत्री की रैली के साथ होगा, जिसमें सभी कैडेट्स को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा। शिविर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और संस्थागत प्रशिक्षण प्रतियोगिताओं सहित कई अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यह शिविर कैडेट्स के लिए एक अनूठा अवसर है, जिसमें उन्हें देशभक्ति, अनुशासन और नेतृत्व के गुणों को अपनाने का अवसर मिलेगा।

उपराष्ट्रपति के आगमन पर सेना, नौसेना और वायु सेना के तीनों अंगों से आए एनसीसी कैडेट्स की एक टुकड़ी ने उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया। यह सम्मान कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसमें कैडेट्स ने अपने अनुशासन और समर्पण का प्रदर्शन किया।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनसीसी कैडेट्स से देश के विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह समय है जब सभी को राष्ट्रीय परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए और इसके लिए पांच बुनियादी स्तंभों पर आधारित दृष्टिकोण को अपनाना आवश्यक है। ये स्तंभ हैं- सामाजिक सद्भाव, जमीनी स्तर पर देशभक्ति के मूल्यों को बढ़ावा देकर पारिवारिक ज्ञान, पर्यावरण संरक्षण, हमारी सभ्यता के लोकाचार में गहराई से उतरकर भारत मां का सम्मान करना और स्वदेशी एवं आत्मनिर्भरता।

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि ये पंच-प्रण हमारे समाज की रगों में प्रवाहित होकर अजेय राष्ट्रवादी भावना का निर्माण करते हैं। ये मूल्य सांस्कृतिक गौरव, एकता और आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा को गति देंगे।

उपराष्ट्रपति ने एनसीसी कैडेट्स से आह्वान किया कि वह अपनी मातृभूमि के प्रति समर्पण और निष्ठा को सर्वोपरि मानें। मातृभूमि के प्रति हमारा समर्पण दृढ़, अडिग और अटल होना चाहिए, क्योंकि यही हमारे अस्तित्व की नींव है। आपकी पीढ़ी ही वह शक्ति होगी, जो 2047 तक भारत को उसके गौरवपूर्ण भविष्य की ओर ले जाएगी।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ कैडेट्स द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखा, जिसमें युवाओं ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया।

इस कार्यक्रम में पारंपरिक संगीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। उपराष्ट्रपति ने सभी एनसीसी कैडेट्स को ‘गणतंत्र दिवस शिविर- 2025’ के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह शिविर न केवल कैडेट्स को अनुशासन, नेतृत्व और सामूहिक कार्य की भावना सिखाता है, बल्कि यह देश के प्रति उनके कर्तव्यों को निभाने के लिए भी प्रेरित करता है।

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इस साल के गणतंत्र दिवस शिविर में 17 एनसीसी निदेशालयों के 917 महिला सहित कुल 2,361 कैडेट भाग ले रहे हैं। शिविर का समापन 27 जनवरी को प्रधानमंत्री की रैली के साथ होगा, जिसमें सभी कैडेट्स को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा। शिविर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और संस्थागत प्रशिक्षण प्रतियोगिताओं सहित कई अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यह शिविर कैडेट्स के लिए एक अनूठा अवसर है, जिसमें उन्हें देशभक्ति, अनुशासन और नेतृत्व के गुणों को अपनाने का अवसर मिलेगा।

उपराष्ट्रपति के आगमन पर सेना, नौसेना और वायु सेना के तीनों अंगों से आए एनसीसी कैडेट्स की एक टुकड़ी ने उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया। यह सम्मान कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसमें कैडेट्स ने अपने अनुशासन और समर्पण का प्रदर्शन किया।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनसीसी कैडेट्स से देश के विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह समय है जब सभी को राष्ट्रीय परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए और इसके लिए पांच बुनियादी स्तंभों पर आधारित दृष्टिकोण को अपनाना आवश्यक है। ये स्तंभ हैं- सामाजिक सद्भाव, जमीनी स्तर पर देशभक्ति के मूल्यों को बढ़ावा देकर पारिवारिक ज्ञान, पर्यावरण संरक्षण, हमारी सभ्यता के लोकाचार में गहराई से उतरकर भारत मां का सम्मान करना और स्वदेशी एवं आत्मनिर्भरता।

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि ये पंच-प्रण हमारे समाज की रगों में प्रवाहित होकर अजेय राष्ट्रवादी भावना का निर्माण करते हैं। ये मूल्य सांस्कृतिक गौरव, एकता और आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा को गति देंगे।

उपराष्ट्रपति ने एनसीसी कैडेट्स से आह्वान किया कि वह अपनी मातृभूमि के प्रति समर्पण और निष्ठा को सर्वोपरि मानें। मातृभूमि के प्रति हमारा समर्पण दृढ़, अडिग और अटल होना चाहिए, क्योंकि यही हमारे अस्तित्व की नींव है। आपकी पीढ़ी ही वह शक्ति होगी, जो 2047 तक भारत को उसके गौरवपूर्ण भविष्य की ओर ले जाएगी।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ कैडेट्स द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखा, जिसमें युवाओं ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया।

इस कार्यक्रम में पारंपरिक संगीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। उपराष्ट्रपति ने सभी एनसीसी कैडेट्स को ‘गणतंत्र दिवस शिविर- 2025’ के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह शिविर न केवल कैडेट्स को अनुशासन, नेतृत्व और सामूहिक कार्य की भावना सिखाता है, बल्कि यह देश के प्रति उनके कर्तव्यों को निभाने के लिए भी प्रेरित करता है।

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इस साल के गणतंत्र दिवस शिविर में 17 एनसीसी निदेशालयों के 917 महिला सहित कुल 2,361 कैडेट भाग ले रहे हैं। शिविर का समापन 27 जनवरी को प्रधानमंत्री की रैली के साथ होगा, जिसमें सभी कैडेट्स को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा। शिविर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और संस्थागत प्रशिक्षण प्रतियोगिताओं सहित कई अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यह शिविर कैडेट्स के लिए एक अनूठा अवसर है, जिसमें उन्हें देशभक्ति, अनुशासन और नेतृत्व के गुणों को अपनाने का अवसर मिलेगा।

उपराष्ट्रपति के आगमन पर सेना, नौसेना और वायु सेना के तीनों अंगों से आए एनसीसी कैडेट्स की एक टुकड़ी ने उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया। यह सम्मान कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसमें कैडेट्स ने अपने अनुशासन और समर्पण का प्रदर्शन किया।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनसीसी कैडेट्स से देश के विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह समय है जब सभी को राष्ट्रीय परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए और इसके लिए पांच बुनियादी स्तंभों पर आधारित दृष्टिकोण को अपनाना आवश्यक है। ये स्तंभ हैं- सामाजिक सद्भाव, जमीनी स्तर पर देशभक्ति के मूल्यों को बढ़ावा देकर पारिवारिक ज्ञान, पर्यावरण संरक्षण, हमारी सभ्यता के लोकाचार में गहराई से उतरकर भारत मां का सम्मान करना और स्वदेशी एवं आत्मनिर्भरता।

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि ये पंच-प्रण हमारे समाज की रगों में प्रवाहित होकर अजेय राष्ट्रवादी भावना का निर्माण करते हैं। ये मूल्य सांस्कृतिक गौरव, एकता और आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा को गति देंगे।

उपराष्ट्रपति ने एनसीसी कैडेट्स से आह्वान किया कि वह अपनी मातृभूमि के प्रति समर्पण और निष्ठा को सर्वोपरि मानें। मातृभूमि के प्रति हमारा समर्पण दृढ़, अडिग और अटल होना चाहिए, क्योंकि यही हमारे अस्तित्व की नींव है। आपकी पीढ़ी ही वह शक्ति होगी, जो 2047 तक भारत को उसके गौरवपूर्ण भविष्य की ओर ले जाएगी।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ कैडेट्स द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखा, जिसमें युवाओं ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया।

इस कार्यक्रम में पारंपरिक संगीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। उपराष्ट्रपति ने सभी एनसीसी कैडेट्स को ‘गणतंत्र दिवस शिविर- 2025’ के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह शिविर न केवल कैडेट्स को अनुशासन, नेतृत्व और सामूहिक कार्य की भावना सिखाता है, बल्कि यह देश के प्रति उनके कर्तव्यों को निभाने के लिए भी प्रेरित करता है।

–आईएएनएस

पीएसके/एबीएम

नई दिल्ली, 5 जनवरी (आईएएनएस)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को दिल्ली छावनी में ‘राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) गणतंत्र दिवस शिविर-2025’ का औपचारिक उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने देशभर के कैडेट्स से राष्ट्रीय परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया।

इस साल के गणतंत्र दिवस शिविर में 17 एनसीसी निदेशालयों के 917 महिला सहित कुल 2,361 कैडेट भाग ले रहे हैं। शिविर का समापन 27 जनवरी को प्रधानमंत्री की रैली के साथ होगा, जिसमें सभी कैडेट्स को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा। शिविर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और संस्थागत प्रशिक्षण प्रतियोगिताओं सहित कई अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यह शिविर कैडेट्स के लिए एक अनूठा अवसर है, जिसमें उन्हें देशभक्ति, अनुशासन और नेतृत्व के गुणों को अपनाने का अवसर मिलेगा।

उपराष्ट्रपति के आगमन पर सेना, नौसेना और वायु सेना के तीनों अंगों से आए एनसीसी कैडेट्स की एक टुकड़ी ने उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया। यह सम्मान कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसमें कैडेट्स ने अपने अनुशासन और समर्पण का प्रदर्शन किया।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनसीसी कैडेट्स से देश के विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह समय है जब सभी को राष्ट्रीय परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए और इसके लिए पांच बुनियादी स्तंभों पर आधारित दृष्टिकोण को अपनाना आवश्यक है। ये स्तंभ हैं- सामाजिक सद्भाव, जमीनी स्तर पर देशभक्ति के मूल्यों को बढ़ावा देकर पारिवारिक ज्ञान, पर्यावरण संरक्षण, हमारी सभ्यता के लोकाचार में गहराई से उतरकर भारत मां का सम्मान करना और स्वदेशी एवं आत्मनिर्भरता।

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि ये पंच-प्रण हमारे समाज की रगों में प्रवाहित होकर अजेय राष्ट्रवादी भावना का निर्माण करते हैं। ये मूल्य सांस्कृतिक गौरव, एकता और आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा को गति देंगे।

उपराष्ट्रपति ने एनसीसी कैडेट्स से आह्वान किया कि वह अपनी मातृभूमि के प्रति समर्पण और निष्ठा को सर्वोपरि मानें। मातृभूमि के प्रति हमारा समर्पण दृढ़, अडिग और अटल होना चाहिए, क्योंकि यही हमारे अस्तित्व की नींव है। आपकी पीढ़ी ही वह शक्ति होगी, जो 2047 तक भारत को उसके गौरवपूर्ण भविष्य की ओर ले जाएगी।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ कैडेट्स द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखा, जिसमें युवाओं ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया।

इस कार्यक्रम में पारंपरिक संगीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। उपराष्ट्रपति ने सभी एनसीसी कैडेट्स को ‘गणतंत्र दिवस शिविर- 2025’ के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह शिविर न केवल कैडेट्स को अनुशासन, नेतृत्व और सामूहिक कार्य की भावना सिखाता है, बल्कि यह देश के प्रति उनके कर्तव्यों को निभाने के लिए भी प्रेरित करता है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 5 जनवरी (आईएएनएस)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को दिल्ली छावनी में ‘राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) गणतंत्र दिवस शिविर-2025’ का औपचारिक उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने देशभर के कैडेट्स से राष्ट्रीय परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया।

इस साल के गणतंत्र दिवस शिविर में 17 एनसीसी निदेशालयों के 917 महिला सहित कुल 2,361 कैडेट भाग ले रहे हैं। शिविर का समापन 27 जनवरी को प्रधानमंत्री की रैली के साथ होगा, जिसमें सभी कैडेट्स को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा। शिविर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और संस्थागत प्रशिक्षण प्रतियोगिताओं सहित कई अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यह शिविर कैडेट्स के लिए एक अनूठा अवसर है, जिसमें उन्हें देशभक्ति, अनुशासन और नेतृत्व के गुणों को अपनाने का अवसर मिलेगा।

उपराष्ट्रपति के आगमन पर सेना, नौसेना और वायु सेना के तीनों अंगों से आए एनसीसी कैडेट्स की एक टुकड़ी ने उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया। यह सम्मान कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसमें कैडेट्स ने अपने अनुशासन और समर्पण का प्रदर्शन किया।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनसीसी कैडेट्स से देश के विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह समय है जब सभी को राष्ट्रीय परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए और इसके लिए पांच बुनियादी स्तंभों पर आधारित दृष्टिकोण को अपनाना आवश्यक है। ये स्तंभ हैं- सामाजिक सद्भाव, जमीनी स्तर पर देशभक्ति के मूल्यों को बढ़ावा देकर पारिवारिक ज्ञान, पर्यावरण संरक्षण, हमारी सभ्यता के लोकाचार में गहराई से उतरकर भारत मां का सम्मान करना और स्वदेशी एवं आत्मनिर्भरता।

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि ये पंच-प्रण हमारे समाज की रगों में प्रवाहित होकर अजेय राष्ट्रवादी भावना का निर्माण करते हैं। ये मूल्य सांस्कृतिक गौरव, एकता और आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा को गति देंगे।

उपराष्ट्रपति ने एनसीसी कैडेट्स से आह्वान किया कि वह अपनी मातृभूमि के प्रति समर्पण और निष्ठा को सर्वोपरि मानें। मातृभूमि के प्रति हमारा समर्पण दृढ़, अडिग और अटल होना चाहिए, क्योंकि यही हमारे अस्तित्व की नींव है। आपकी पीढ़ी ही वह शक्ति होगी, जो 2047 तक भारत को उसके गौरवपूर्ण भविष्य की ओर ले जाएगी।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ कैडेट्स द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखा, जिसमें युवाओं ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया।

इस कार्यक्रम में पारंपरिक संगीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। उपराष्ट्रपति ने सभी एनसीसी कैडेट्स को ‘गणतंत्र दिवस शिविर- 2025’ के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह शिविर न केवल कैडेट्स को अनुशासन, नेतृत्व और सामूहिक कार्य की भावना सिखाता है, बल्कि यह देश के प्रति उनके कर्तव्यों को निभाने के लिए भी प्रेरित करता है।

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नई दिल्ली, 5 जनवरी (आईएएनएस)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को दिल्ली छावनी में ‘राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) गणतंत्र दिवस शिविर-2025’ का औपचारिक उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने देशभर के कैडेट्स से राष्ट्रीय परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया।

इस साल के गणतंत्र दिवस शिविर में 17 एनसीसी निदेशालयों के 917 महिला सहित कुल 2,361 कैडेट भाग ले रहे हैं। शिविर का समापन 27 जनवरी को प्रधानमंत्री की रैली के साथ होगा, जिसमें सभी कैडेट्स को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा। शिविर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और संस्थागत प्रशिक्षण प्रतियोगिताओं सहित कई अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यह शिविर कैडेट्स के लिए एक अनूठा अवसर है, जिसमें उन्हें देशभक्ति, अनुशासन और नेतृत्व के गुणों को अपनाने का अवसर मिलेगा।

उपराष्ट्रपति के आगमन पर सेना, नौसेना और वायु सेना के तीनों अंगों से आए एनसीसी कैडेट्स की एक टुकड़ी ने उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया। यह सम्मान कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसमें कैडेट्स ने अपने अनुशासन और समर्पण का प्रदर्शन किया।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनसीसी कैडेट्स से देश के विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह समय है जब सभी को राष्ट्रीय परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए और इसके लिए पांच बुनियादी स्तंभों पर आधारित दृष्टिकोण को अपनाना आवश्यक है। ये स्तंभ हैं- सामाजिक सद्भाव, जमीनी स्तर पर देशभक्ति के मूल्यों को बढ़ावा देकर पारिवारिक ज्ञान, पर्यावरण संरक्षण, हमारी सभ्यता के लोकाचार में गहराई से उतरकर भारत मां का सम्मान करना और स्वदेशी एवं आत्मनिर्भरता।

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि ये पंच-प्रण हमारे समाज की रगों में प्रवाहित होकर अजेय राष्ट्रवादी भावना का निर्माण करते हैं। ये मूल्य सांस्कृतिक गौरव, एकता और आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा को गति देंगे।

उपराष्ट्रपति ने एनसीसी कैडेट्स से आह्वान किया कि वह अपनी मातृभूमि के प्रति समर्पण और निष्ठा को सर्वोपरि मानें। मातृभूमि के प्रति हमारा समर्पण दृढ़, अडिग और अटल होना चाहिए, क्योंकि यही हमारे अस्तित्व की नींव है। आपकी पीढ़ी ही वह शक्ति होगी, जो 2047 तक भारत को उसके गौरवपूर्ण भविष्य की ओर ले जाएगी।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ कैडेट्स द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखा, जिसमें युवाओं ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया।

इस कार्यक्रम में पारंपरिक संगीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। उपराष्ट्रपति ने सभी एनसीसी कैडेट्स को ‘गणतंत्र दिवस शिविर- 2025’ के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह शिविर न केवल कैडेट्स को अनुशासन, नेतृत्व और सामूहिक कार्य की भावना सिखाता है, बल्कि यह देश के प्रति उनके कर्तव्यों को निभाने के लिए भी प्रेरित करता है।

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इस साल के गणतंत्र दिवस शिविर में 17 एनसीसी निदेशालयों के 917 महिला सहित कुल 2,361 कैडेट भाग ले रहे हैं। शिविर का समापन 27 जनवरी को प्रधानमंत्री की रैली के साथ होगा, जिसमें सभी कैडेट्स को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा। शिविर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और संस्थागत प्रशिक्षण प्रतियोगिताओं सहित कई अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यह शिविर कैडेट्स के लिए एक अनूठा अवसर है, जिसमें उन्हें देशभक्ति, अनुशासन और नेतृत्व के गुणों को अपनाने का अवसर मिलेगा।

उपराष्ट्रपति के आगमन पर सेना, नौसेना और वायु सेना के तीनों अंगों से आए एनसीसी कैडेट्स की एक टुकड़ी ने उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया। यह सम्मान कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसमें कैडेट्स ने अपने अनुशासन और समर्पण का प्रदर्शन किया।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनसीसी कैडेट्स से देश के विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह समय है जब सभी को राष्ट्रीय परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए और इसके लिए पांच बुनियादी स्तंभों पर आधारित दृष्टिकोण को अपनाना आवश्यक है। ये स्तंभ हैं- सामाजिक सद्भाव, जमीनी स्तर पर देशभक्ति के मूल्यों को बढ़ावा देकर पारिवारिक ज्ञान, पर्यावरण संरक्षण, हमारी सभ्यता के लोकाचार में गहराई से उतरकर भारत मां का सम्मान करना और स्वदेशी एवं आत्मनिर्भरता।

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि ये पंच-प्रण हमारे समाज की रगों में प्रवाहित होकर अजेय राष्ट्रवादी भावना का निर्माण करते हैं। ये मूल्य सांस्कृतिक गौरव, एकता और आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा को गति देंगे।

उपराष्ट्रपति ने एनसीसी कैडेट्स से आह्वान किया कि वह अपनी मातृभूमि के प्रति समर्पण और निष्ठा को सर्वोपरि मानें। मातृभूमि के प्रति हमारा समर्पण दृढ़, अडिग और अटल होना चाहिए, क्योंकि यही हमारे अस्तित्व की नींव है। आपकी पीढ़ी ही वह शक्ति होगी, जो 2047 तक भारत को उसके गौरवपूर्ण भविष्य की ओर ले जाएगी।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ कैडेट्स द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखा, जिसमें युवाओं ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया।

इस कार्यक्रम में पारंपरिक संगीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। उपराष्ट्रपति ने सभी एनसीसी कैडेट्स को ‘गणतंत्र दिवस शिविर- 2025’ के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह शिविर न केवल कैडेट्स को अनुशासन, नेतृत्व और सामूहिक कार्य की भावना सिखाता है, बल्कि यह देश के प्रति उनके कर्तव्यों को निभाने के लिए भी प्रेरित करता है।

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नई दिल्ली, 5 जनवरी (आईएएनएस)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को दिल्ली छावनी में ‘राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) गणतंत्र दिवस शिविर-2025’ का औपचारिक उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने देशभर के कैडेट्स से राष्ट्रीय परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया।

इस साल के गणतंत्र दिवस शिविर में 17 एनसीसी निदेशालयों के 917 महिला सहित कुल 2,361 कैडेट भाग ले रहे हैं। शिविर का समापन 27 जनवरी को प्रधानमंत्री की रैली के साथ होगा, जिसमें सभी कैडेट्स को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा। शिविर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और संस्थागत प्रशिक्षण प्रतियोगिताओं सहित कई अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यह शिविर कैडेट्स के लिए एक अनूठा अवसर है, जिसमें उन्हें देशभक्ति, अनुशासन और नेतृत्व के गुणों को अपनाने का अवसर मिलेगा।

उपराष्ट्रपति के आगमन पर सेना, नौसेना और वायु सेना के तीनों अंगों से आए एनसीसी कैडेट्स की एक टुकड़ी ने उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया। यह सम्मान कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसमें कैडेट्स ने अपने अनुशासन और समर्पण का प्रदर्शन किया।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनसीसी कैडेट्स से देश के विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह समय है जब सभी को राष्ट्रीय परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए और इसके लिए पांच बुनियादी स्तंभों पर आधारित दृष्टिकोण को अपनाना आवश्यक है। ये स्तंभ हैं- सामाजिक सद्भाव, जमीनी स्तर पर देशभक्ति के मूल्यों को बढ़ावा देकर पारिवारिक ज्ञान, पर्यावरण संरक्षण, हमारी सभ्यता के लोकाचार में गहराई से उतरकर भारत मां का सम्मान करना और स्वदेशी एवं आत्मनिर्भरता।

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि ये पंच-प्रण हमारे समाज की रगों में प्रवाहित होकर अजेय राष्ट्रवादी भावना का निर्माण करते हैं। ये मूल्य सांस्कृतिक गौरव, एकता और आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा को गति देंगे।

उपराष्ट्रपति ने एनसीसी कैडेट्स से आह्वान किया कि वह अपनी मातृभूमि के प्रति समर्पण और निष्ठा को सर्वोपरि मानें। मातृभूमि के प्रति हमारा समर्पण दृढ़, अडिग और अटल होना चाहिए, क्योंकि यही हमारे अस्तित्व की नींव है। आपकी पीढ़ी ही वह शक्ति होगी, जो 2047 तक भारत को उसके गौरवपूर्ण भविष्य की ओर ले जाएगी।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ कैडेट्स द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखा, जिसमें युवाओं ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया।

इस कार्यक्रम में पारंपरिक संगीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। उपराष्ट्रपति ने सभी एनसीसी कैडेट्स को ‘गणतंत्र दिवस शिविर- 2025’ के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह शिविर न केवल कैडेट्स को अनुशासन, नेतृत्व और सामूहिक कार्य की भावना सिखाता है, बल्कि यह देश के प्रति उनके कर्तव्यों को निभाने के लिए भी प्रेरित करता है।

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इस साल के गणतंत्र दिवस शिविर में 17 एनसीसी निदेशालयों के 917 महिला सहित कुल 2,361 कैडेट भाग ले रहे हैं। शिविर का समापन 27 जनवरी को प्रधानमंत्री की रैली के साथ होगा, जिसमें सभी कैडेट्स को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा। शिविर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और संस्थागत प्रशिक्षण प्रतियोगिताओं सहित कई अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यह शिविर कैडेट्स के लिए एक अनूठा अवसर है, जिसमें उन्हें देशभक्ति, अनुशासन और नेतृत्व के गुणों को अपनाने का अवसर मिलेगा।

उपराष्ट्रपति के आगमन पर सेना, नौसेना और वायु सेना के तीनों अंगों से आए एनसीसी कैडेट्स की एक टुकड़ी ने उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया। यह सम्मान कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसमें कैडेट्स ने अपने अनुशासन और समर्पण का प्रदर्शन किया।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनसीसी कैडेट्स से देश के विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह समय है जब सभी को राष्ट्रीय परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए और इसके लिए पांच बुनियादी स्तंभों पर आधारित दृष्टिकोण को अपनाना आवश्यक है। ये स्तंभ हैं- सामाजिक सद्भाव, जमीनी स्तर पर देशभक्ति के मूल्यों को बढ़ावा देकर पारिवारिक ज्ञान, पर्यावरण संरक्षण, हमारी सभ्यता के लोकाचार में गहराई से उतरकर भारत मां का सम्मान करना और स्वदेशी एवं आत्मनिर्भरता।

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि ये पंच-प्रण हमारे समाज की रगों में प्रवाहित होकर अजेय राष्ट्रवादी भावना का निर्माण करते हैं। ये मूल्य सांस्कृतिक गौरव, एकता और आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा को गति देंगे।

उपराष्ट्रपति ने एनसीसी कैडेट्स से आह्वान किया कि वह अपनी मातृभूमि के प्रति समर्पण और निष्ठा को सर्वोपरि मानें। मातृभूमि के प्रति हमारा समर्पण दृढ़, अडिग और अटल होना चाहिए, क्योंकि यही हमारे अस्तित्व की नींव है। आपकी पीढ़ी ही वह शक्ति होगी, जो 2047 तक भारत को उसके गौरवपूर्ण भविष्य की ओर ले जाएगी।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ कैडेट्स द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखा, जिसमें युवाओं ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया।

इस कार्यक्रम में पारंपरिक संगीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। उपराष्ट्रपति ने सभी एनसीसी कैडेट्स को ‘गणतंत्र दिवस शिविर- 2025’ के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह शिविर न केवल कैडेट्स को अनुशासन, नेतृत्व और सामूहिक कार्य की भावना सिखाता है, बल्कि यह देश के प्रति उनके कर्तव्यों को निभाने के लिए भी प्रेरित करता है।

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इस साल के गणतंत्र दिवस शिविर में 17 एनसीसी निदेशालयों के 917 महिला सहित कुल 2,361 कैडेट भाग ले रहे हैं। शिविर का समापन 27 जनवरी को प्रधानमंत्री की रैली के साथ होगा, जिसमें सभी कैडेट्स को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा। शिविर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और संस्थागत प्रशिक्षण प्रतियोगिताओं सहित कई अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यह शिविर कैडेट्स के लिए एक अनूठा अवसर है, जिसमें उन्हें देशभक्ति, अनुशासन और नेतृत्व के गुणों को अपनाने का अवसर मिलेगा।

उपराष्ट्रपति के आगमन पर सेना, नौसेना और वायु सेना के तीनों अंगों से आए एनसीसी कैडेट्स की एक टुकड़ी ने उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया। यह सम्मान कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसमें कैडेट्स ने अपने अनुशासन और समर्पण का प्रदर्शन किया।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनसीसी कैडेट्स से देश के विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह समय है जब सभी को राष्ट्रीय परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए और इसके लिए पांच बुनियादी स्तंभों पर आधारित दृष्टिकोण को अपनाना आवश्यक है। ये स्तंभ हैं- सामाजिक सद्भाव, जमीनी स्तर पर देशभक्ति के मूल्यों को बढ़ावा देकर पारिवारिक ज्ञान, पर्यावरण संरक्षण, हमारी सभ्यता के लोकाचार में गहराई से उतरकर भारत मां का सम्मान करना और स्वदेशी एवं आत्मनिर्भरता।

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि ये पंच-प्रण हमारे समाज की रगों में प्रवाहित होकर अजेय राष्ट्रवादी भावना का निर्माण करते हैं। ये मूल्य सांस्कृतिक गौरव, एकता और आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा को गति देंगे।

उपराष्ट्रपति ने एनसीसी कैडेट्स से आह्वान किया कि वह अपनी मातृभूमि के प्रति समर्पण और निष्ठा को सर्वोपरि मानें। मातृभूमि के प्रति हमारा समर्पण दृढ़, अडिग और अटल होना चाहिए, क्योंकि यही हमारे अस्तित्व की नींव है। आपकी पीढ़ी ही वह शक्ति होगी, जो 2047 तक भारत को उसके गौरवपूर्ण भविष्य की ओर ले जाएगी।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ कैडेट्स द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखा, जिसमें युवाओं ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया।

इस कार्यक्रम में पारंपरिक संगीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। उपराष्ट्रपति ने सभी एनसीसी कैडेट्स को ‘गणतंत्र दिवस शिविर- 2025’ के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह शिविर न केवल कैडेट्स को अनुशासन, नेतृत्व और सामूहिक कार्य की भावना सिखाता है, बल्कि यह देश के प्रति उनके कर्तव्यों को निभाने के लिए भी प्रेरित करता है।

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इस साल के गणतंत्र दिवस शिविर में 17 एनसीसी निदेशालयों के 917 महिला सहित कुल 2,361 कैडेट भाग ले रहे हैं। शिविर का समापन 27 जनवरी को प्रधानमंत्री की रैली के साथ होगा, जिसमें सभी कैडेट्स को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा। शिविर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और संस्थागत प्रशिक्षण प्रतियोगिताओं सहित कई अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यह शिविर कैडेट्स के लिए एक अनूठा अवसर है, जिसमें उन्हें देशभक्ति, अनुशासन और नेतृत्व के गुणों को अपनाने का अवसर मिलेगा।

उपराष्ट्रपति के आगमन पर सेना, नौसेना और वायु सेना के तीनों अंगों से आए एनसीसी कैडेट्स की एक टुकड़ी ने उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया। यह सम्मान कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसमें कैडेट्स ने अपने अनुशासन और समर्पण का प्रदर्शन किया।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनसीसी कैडेट्स से देश के विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह समय है जब सभी को राष्ट्रीय परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए और इसके लिए पांच बुनियादी स्तंभों पर आधारित दृष्टिकोण को अपनाना आवश्यक है। ये स्तंभ हैं- सामाजिक सद्भाव, जमीनी स्तर पर देशभक्ति के मूल्यों को बढ़ावा देकर पारिवारिक ज्ञान, पर्यावरण संरक्षण, हमारी सभ्यता के लोकाचार में गहराई से उतरकर भारत मां का सम्मान करना और स्वदेशी एवं आत्मनिर्भरता।

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि ये पंच-प्रण हमारे समाज की रगों में प्रवाहित होकर अजेय राष्ट्रवादी भावना का निर्माण करते हैं। ये मूल्य सांस्कृतिक गौरव, एकता और आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा को गति देंगे।

उपराष्ट्रपति ने एनसीसी कैडेट्स से आह्वान किया कि वह अपनी मातृभूमि के प्रति समर्पण और निष्ठा को सर्वोपरि मानें। मातृभूमि के प्रति हमारा समर्पण दृढ़, अडिग और अटल होना चाहिए, क्योंकि यही हमारे अस्तित्व की नींव है। आपकी पीढ़ी ही वह शक्ति होगी, जो 2047 तक भारत को उसके गौरवपूर्ण भविष्य की ओर ले जाएगी।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ कैडेट्स द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखा, जिसमें युवाओं ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया।

इस कार्यक्रम में पारंपरिक संगीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। उपराष्ट्रपति ने सभी एनसीसी कैडेट्स को ‘गणतंत्र दिवस शिविर- 2025’ के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह शिविर न केवल कैडेट्स को अनुशासन, नेतृत्व और सामूहिक कार्य की भावना सिखाता है, बल्कि यह देश के प्रति उनके कर्तव्यों को निभाने के लिए भी प्रेरित करता है।

–आईएएनएस

पीएसके/एबीएम

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