शहडोल, देशबन्धु. वन्यप्राणी और मानव द्वंद युद्ध कम होने का नाम नही ले रहा है. बाघ के हमले से मौत की दूसरी घटना है. इस बार जंगल में लकड़ी लेने गए ग्रामीण बाघ का शिकार बन गया, जिले के वन परिक्षेत्र के अंतरा बीट अंतर्गत पंचगांव बिरहुलिया मार्ग पर जंगल लकड़ी बिनने गए एक ग्रामीण को बाघ ने अपना निवाला बना लिया.
बाघ अधेड़ को जंगल में घसीट कर ले गया, बाघ के हमले से ग्रामीण की मौत हो गई. सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, सर्च अभियान के बाद ग्रामीण का शव झाड़ियों में मिला पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सौंप दिया गया, शहडोल सर्किल में 100 से अधिक बाघ और तेंदुए का भी मूवमेंट बना हुआ है.
मृतक लकड़ी बिनने गया था जंगल
जानकारी के अनुसार रविवार दोपहर अधेड़ ग्रामीण जमुना बैगा पंचगांव बिरहुलिया मार्ग के जंगल लकड़ी बिनने गया था, इसी दौरान झाड़ी में छिपे बाघ जमुना बैगा पर हमला कर उसे घसीटकर जंगल के अंदर ले गया, जहा वन्यप्राणी और मानव द्वंद युद्ध हुआ इस लड़ाई में ग्रामीण की जान चली गई, बाघ ग्रामीण की कई टुकड़े कर दिया था, जिससे उसका क्षत विक्षत शव जंगल में पड़ा था,सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, सर्च अभियान के बाद ग्रामीण का शव झाड़ियों में मिला.
पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सौंप दिया , वन विभाग ने मुआवजा राशि के लिए शासन को दस्तावेज बनाकर भेज दिया , ग्रामीणों को भी जंगल न जाने की समझाइश दी गई है. शहडोल सर्किल में 100 से अधिक बाघ और तेंदुए का बना हुआ है मूवमेंट प्रदेश के संरक्षित क्षेत्र, उमरिया बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या क्षमता से ज्यादा हो गई है तो सामान्य वनमंडलों में भी बाघ दिखाई देने लगे हैं. शायद यही कारण है कि बाघ रिहायशी इलाकों में विचरण कर रहे है.
इनका कहना है
वन मंडलाधिकारी वन मंडल दक्षिण शहडोल सुश्री श्रद्धा पंद्रे का कहना है कि लकड़ी बिनने गए एक ग्रामीण की बाघ के हमले में मौत होने की सूचना मिली है. सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता राशि 8 लाख रु है, जिसमे से अभी रेंज ऑफिसर द्वारा तत्काल सहायता राशि 10 हजार रु दिया गया है. शेष राशि पीएम रिपोर्ट आने के बाद उपलब्ध कराया जाएगा, लोगो से अपील की गई है ,जंगल क्षेत्र में न जाए और यदि वन्य प्राणी कही दिखाई दे तो उन्हें नुकसान न पहुंचाए.