नूंह, 8 जनवरी (आईएएनएस)। नूंह जिले के तावड़ू के कांगरका गांव में करीब सात साल पहले पुलिस टीम पर हमला करने के आरोपी चार भाइयों को अतिरिक्त सत्र न्यायधीश सुशील कुमार की अदालत ने दोषी करार दिया है।
इन चारों भाइयों को सात-सात साल की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही उन्हें 22,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यदि दोषी जुर्माना नहीं भरते हैं, तो उन्हें एक महीने की अतिरिक्त जेल की सजा काटनी होगी। साल 2018 में दोषियों ने सीआईए नूंह टीम पर हमला कर हत्या के एक आरोपी को छुड़ा लिया था।
हरिंदर कुमार डीएसपी नूंह ने पत्रकारों को जानकारी दी कि 12 जनवरी 2018 को हत्या के एक मामले में आरोपी जाकिर को सीआईए नूंह टीम ने उसके घर से गिरफ्तार किया था। जो कांगरका गांव का निवासी था। जाकिर के शोर मचाने पर उसके परिजन मौके पर पहुंचे और उन्होंने पुलिस पर हमला कर दिया।
इस दौरान फायरिंग भी की गई। हमले में जाकिर के परिवार के सदस्य शामिल थे। हमले में एसआई भगत सिंह गंभीर रूप से घायल हुए थे। जिनके बयान पर तावडू सदर थाना पुलिस ने दस आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। जिनमें चार महिलाओं सहित छह को पुलिस जांच में निर्दोष पाया गया। वहीं जाकिर, खुर्शीद, शरीफ और ताहिर उर्फ छोटा की गिरफ्तारी हुई।
डीएसपी नूंह के बयान के अनुसार पुलिस ने शुरुआत में ही हमले से संबंधित सभी आवश्यक सबूत एकत्रित कर लिए थे, जिसमें हमले के दौरान उपयोग किए गए हथियार और लाठियां शामिल थी। इन जुटाए गए साक्ष्यों को अदालत में पेश किया गया और मामले की सुनवाई में मजबूती से पैरवी की गई। करीब सात साल तक मामले की सुनवाई हुई।
बीते तीन जनवरी को अतिरिक्त सत्र न्यायधीश सुशील कुमार की अदालत ने आरोपी जाकिर, खुर्शीद, शरीफ और ताहिर को दोषी ठहराया। मंगलवार को अदालत ने चारों भाइयों को अलग-अलग धाराओं के तहत दोषी मानते हुए सात वर्ष कारावास सहित 22500- 22500 हजार रुपए का जुर्माना भरने का फैसला सुनाया। जुर्माना नहीं भरने पर सभी को सजा के तौर पर एक महीना जेल में बिताना होगा।
–आईएएनएस
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