नई दिल्ली, 11 जनवरी (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के ताजा विश्व आर्थिक स्थिति और संभावना (डब्ल्यूईएसपी) 2025 रिपोर्ट में भारत की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि विश्व अर्थव्यवस्था केवल 2.8 प्रतिशत, अमेरिका की 1.9 प्रतिशत और चीन की 4.8 प्रतिशत पर रहेगी। इस पर प्रमुख अर्थशास्त्री डॉ. एस.पी. शर्मा ने शनिवार को कहा कि देश की उच्च विकास दर पिछले कई साल के सरकार के विभिन्न प्रयासों पर आधारित है।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के मुख्य अर्थशास्त्री और उप महासचिव डॉ. एस.पी. शर्मा ने आईएएनएस से कहा, “संयुक्त राष्ट्र विश्व आर्थिक संभावना 2025 की रिपोर्ट बहुत प्रेरणादायक है क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जबकि विश्व अर्थव्यवस्था 2.8 प्रतिशत और अमेरिका 1.9 प्रतिशत और चीन 4.8 प्रतिशत पर है।”
उन्होंने कहा कि भारत की उच्च विकास दर पिछले कई साल के दौरान सरकार द्वारा किए गए विभिन्न सुधारों का परिणाम है। भारत की विकास दर कोरोना वायरस के तुरंत बाद 2021-22 में 9.7 प्रतिशत और उसके बाद 2022-23 में सात प्रतिशत थी। पिछले साल 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। ऐसे में भारतीय अर्थव्यवस्था की औसत विकास दर आठ प्रतिशत से अधिक है, जो बहुत ही प्रेरणादायक है। और लोगों को विकसित भारत की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती है। भारत 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। इसलिए सुधारों को बढ़ावा देने से भारतीय अर्थव्यवस्था को बहुत लाभ मिल रहा है।
एसपी शर्मा ने कहा, “कई अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं और जी 20 में शामिल देशों में भारत की विकास दर सबसे आगे है। न सिर्फ विकास में बल्कि विचार में भी नीतिगत दृष्टिकोण से विकास की शानदार संभावनाएं प्रदान की हैं। विशेष रूप से साउथ एशिया में क्षेत्रीय विकास मुख्य रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था के कारण है।”
–आईएएनएस
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