मुंबई, 11 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी नेता और महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार में मंत्री नितेश राणे ने हाल ही में एक बयान में ईवीएम का मतलब “एवरी वोट अगेंस्ट मुल्ला” बताया था। इस पर एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ 20 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, फिर भी महाराष्ट्र सरकार उन्हें गिरफ्तार नहीं करती। यह साफ है कि मुख्यमंत्री और नितेश राणे के बीच कुछ न कुछ संबंध हैं और उनके संरक्षण में यह सब चल रहा है।
वारिस पठान ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “नितेश राणे को ऐसी बेहूदी बातें करने की आदत है। वह पहले भी इस तरह की बकवास करते रहे हैं, मुसलमानों को गालियां देते हैं और उनके खिलाफ गलत बातें करते हैं। यही वही शख्स है जिसे महाराष्ट्र सरकार ने मंत्री बना दिया है, जबकि वह अपनी बातों से समाज को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने पहले भी कहा था कि मुसलमानों को मस्जिदों में घुसकर चुन-चुन कर मारा जाएगा। हमने उस समय कहा था कि अगर वह सच में आएं तो हम मस्जिद में बैठे हैं और हमें विश्वास था कि अगर वह आएंगे तो दो पैरों पर नहीं, स्ट्रेचर पर ही लौटेंगे।”
एआईएमआईएम नेता ने कहा कि नितेश राणे के खिलाफ 20 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, लेकिन फिर भी महाराष्ट्र सरकार उन्हें गिरफ्तार नहीं करती। यह साफ है कि मुख्यमंत्री और नितेश राणे के बीच कुछ न कुछ संबंध हैं और उनके संरक्षण में यह सब चल रहा है। उन पर इलेक्शन कमीशन को कार्रवाई करनी चाहिए। वह ईवीएम की छवि खराब कर रहे हैं। इलेक्शन कमिश्नर को चुप नहीं रहना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा, “अब वह ईवीएम पर बेहूदी बातें कर रहे हैं और वोटर्स का अपमान कर रहे हैं, जिसे चुनाव आयोग को गंभीरता से लेना चाहिए। हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री इस पर कार्रवाई करें, क्योंकि नितेश राणे महाराष्ट्र का माहौल खराब कर रहे हैं और हिंदू-मुसलमानों के बीच नफरत फैलाना चाहते हैं। हमें यह समझना चाहिए कि हर किसी को शांति और प्यार के साथ रहना चाहिए, न कि किसी भी तरह का ध्रुवीकरण करने की कोशिश की जाए।”
–आईएएनएस
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