महाकुंभ नगर, 11 जनवरी (आईएएनएस)। ‘महाकुंभ 2025’ की शुरुआत सोमवार को हो रही है। दुनिया को त्याग- समर्पण के जरिए मानव उत्थान का संदेश देने वाले महाकुंभ में जनकल्याण का अनुष्ठान किया जाएगा। इसमें आकर्षण का मुख्य केंद्र 52 फीट लंबा और चौड़ा महामृत्युंजय यंत्र रहेगा।
संगम की रेती पर विश्व का पहला अलौकिक महामृत्युंजय यंत्र स्थापित किया जा रहा है। वही, यंत्र के 52 अक्षरों के आधार पर उसे आकार दिया गया है। इसकी चौड़ाई और लंबाई 52-52 फीट है। ऊंचाई भी 52 फीट रखी गई है। वही प्रकांड पंडितों द्वारा महामृत्युंजय मंत्रों से अभिमंत्रित यह यंत्र पूरे विश्व में सकारात्मक वातावरण का संचार करेगा।
महामृत्युंजय यंत्र संस्थान के पीठाधीश्वर स्वामी सहजानंद सरस्वती ने आईएएनएस को बताया, “विश्व का सबसे बड़ा महामृत्युंजय यंत्र 2025 में प्रयागराज की पावन धरा पर स्थापित होने जा रहा है। इस अभूतपूर्व आयोजन के दौरान सच में सब लोगों को एक अलौकिक अनुभूति देगा। पूरे विश्व से यहां पर संत महात्मा आ रहे हैं। भारत और पूरे विश्व से लोग इसके साक्षी बनने के लिए आ रहे हैं। 52 फीट ऊंचा महामृत्युंजय यंत्र 52 इसलिए है, क्योंकि हमारे सिद्ध पीठ भी 52 हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि साथी लोगों को संदेश देते हुए और प्रधानमंत्री के आवाहन के तहत यहां पर लाखों की संख्या में थैले बांटे जाएंगे जिससे कुंभ में किसी भी प्रकार से गंदगी न हो सके।
उल्लेखनीय है कि सनातन धर्म के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन ‘महाकुंभ-2025’ की तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। आगामी 13 जनवरी (सोमवार) से शुरू हो रहे महाकुंभ में अब कुछ समय ही बचा है। इस बड़े धार्मिक आयोजन में करीब 40 से 45 लाख लोगों के आस्था की डुबकी लगाने का अनुमान लगाया जा रहा है।
–आईएएनएस
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