अहमदाबाद, 21 जनवरी (आईएएनएस)। अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (एईएसएल) ने मंगलवार को कहा कि कंपनी ने 25,000 करोड़ रुपये का भड़ला (राजस्थान)-फतेहपुर (उत्तर प्रदेश) का हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट (एचवीडीसी) ऑर्डर हासिल किया है।
यह एईएसएल द्वारा जीता गया अब तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है।
इस प्रोजेक्ट के कारण एईएसएल की ऑर्डर बुक बढ़कर 54,761 करोड़ रुपये हो गई है। वहीं, ट्रांसमिशन नेटवर्क बढ़कर 25,778 सर्किट किलोमीटर (सीकेएम) हो गया है।
इसके अलावा, कंपनी की ट्रांसफॉर्मेशन कैपेसिटी बढ़कर 84,186 मेगावोल्ट-एम्पियर्स (एमवीए) हो गई है।
एईएसएल के सीईओ कंदर्प पटेल ने कहा, “कंपनी देश के कुछ सबसे दुर्गम क्षेत्रों से रिन्यूएबल एनर्जी की कुशल निकासी करके और उन्हें राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़कर भारत की डीकार्बोनाइजेशन यात्रा में अपनी भूमिका निभा रही है।”
पटेल ने कहा, “हम प्रोजेक्ट को समय पर और न्यूनतम पर्यावरणीय प्रभाव के साथ पूरा करने के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग करेंगे।”
एईएसएल भारत की सबसे बड़ी निजी ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी है और अदाणी समूह का हिस्सा है।
एईएसएल ने टैरिफ-आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) के तहत प्रोजेक्ट जीता है और आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (आरईसीपीडीसीएल) बोली प्रक्रिया की समन्वयक थी।
इस प्रोजेक्ट की एसपीवी आधिकारिक तौर पर एईएसएल को 20 जनवरी, 2025 को ट्रांसफर कर दी गई है।
कंपनी के अनुसार, इस प्रोजेक्ट से भड़ला-III के अलावा राजस्थान के विभिन्न आरईजेड से उत्तर भारत के मांग केंद्रों और राष्ट्रीय ग्रिड तक 6 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी पहुंचाने में मदद मिलेगी। एईएसएल इस प्रोजेक्ट को 4.5 साल में पूरा करेगी।
एईएसएल प्राइवेट सेक्टर की एकमात्र कंपनी है, जिसके पास एचवीडीसी एसेट्स हैं।
भड़ला-फतेहपुर प्रोजेक्ट एईएसएल का तीसरा एचवीडीसी प्रोजेक्ट है, इससे पहले मुंद्रा महेंद्रगढ़ प्रोजेक्ट और निर्माणाधीन आरे-कुदुस प्रोजेक्ट (जिसे सहायक कंपनी एईएमएल द्वारा पूरा किया जा रहा है) शामिल है।
एईएसएल के पास 25,778 सीकेएम का कुल ट्रांसमिशन नेटवर्क और 84,186 एमवीए ट्रांसफॉर्मेशन कैपेसिटी है।
अपने खुदरा बिजली वितरण व्यवसाय में, अब तक, एईएसएल महानगर मुंबई और मुंद्रा एसईजेड के औद्योगिक केंद्र में लगभग 1.3 करोड़ उपभोक्ताओं को सेवा प्रदान करती है।
–आईएएनएस
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