जबलपुर. अपने बच्चों के भविष्य के लिए नामी कोचिंग सेंटरों में किसी भी कीमत पर बच्चों का दाखिला कराने वाले अभिभावकों के लिए यह खबर चौंकाने वाली हैं कि इंदौर के बाद भोपाल के प्रतिष्ठित फिटजी कोचिंग सेंटर पर अचानक ताला लग गया हैं. इससे शहर के वे अभिभावक सकते में हैं जिनके बच्चे शहर से वहां बड़ी उम्मीद लेकर अध्ययन करने गए थे.
पीड़ित अभिभावकों की मानें तो उनके तनाव की वजह न सिर्फ यह हैं कि परीक्षा को कम समय रह जाने पर संस्था ने इस तरह का कदम उठा लिया बल्कि यह भी एक वजह हैं कि करीब 7 सौ से अधिक बच्चों की फीस संस्था प्रबंधन लौटाने से भी इंकार कर रहा हैं. इस संस्था में शहर ही नहीं बल्कि प्रदेश भर के अभिभावकों 12 करोड़ रुपए से अधिक की फीस फंसी हुई है और फिटजी प्रबंधन अभिभावकों को फीस वापस करने से इनकार किया गया है.
इंदौर के बाद अचानक भोपाल का सेंटर बंद होने के बाद शहर के अभिभावक संस्था के खिलाफ पुलिस के साथ ही उपभोक्ता फोरम और न्यायालय की शरण लेने की तैयारी कर रहे हैं.
प्रशासन और पुलिस के पास पहुंच रही शिकायतें
भोपाल के फिटजी कोचिंग सेंटर ने दिसंबर के पहले सप्ताह में अचानक अपनी सेवाएं बंद कर दीं. लगभग 700 छात्रों का भविष्य अधर में है, और 12-15 करोड़ रुपए की फीस फंसी हुई है. इनमें शहर के अभिभावकों ने इस मुद्दे पर स्थानीय कलेक्टर और पुलिस से शिकायत की हैं.
परीक्षा के पहले बंद कर दिया केंद्र
अभिभावकों ने बताया कि उन्हें हरगिज अंदेशा नहीं था कि एन परीक्षा के पहले नामी कोचिंग सेंटर इस तरह बंद हो जाएगा. फिटजी कोचिंग संस्था ने हर छात्र से 1.5 से 3 लाख रुपए फीस ली थी. इनमें से कई छात्रों ने 4 साल के सुप्रीम प्रोग्राम के लिए फीस जमा की थी. फिटजी ने न सिर्फ कक्षाएं बंद कर दीं, बल्कि फीस लौटाने से भी मना कर दिया. इस घटना से छात्रों की पढ़ाई बाधित हुई है, और कई छात्र अवसाद में चले गए हैं. इनमें उन अभिभावकों की स्थिति काटों तो खून नहीं जैसी हो गई हैं जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी और उन्होंने कर्ज लेकर बच्चों को यहां भेजा.
धोखाधड़ी का आरोप
अभिभावकों के अनुसार फिटजी भोपाल सेंटर के हेड ने एक पत्र जारी कर कहा हैं कि फीस वापस करने का निर्णय उनके नियंत्रण में नहीं है. उन्होंने अभिभावकों को सलाह दी कि वे दिल्ली के मुख्यालय से संपर्क करें. यह उत्तर न केवल अभिभावकों को निराश कर रहा है, बल्कि उनकी चिंताओं को और बढ़ा रहा है.
शिक्षकों का इस्तीफा और वेतन विवाद
बताया जा रहा हैं कि फिटजी के अधिकतर शिक्षकों ने वेतन न मिलने के कारण इस्तीफा दे दिया था. अभिभावकों को दिसंबर तक ऑनलाइन कक्षाओं का आश्वासन दिया गया था लेकिन यह भी बंद कर दिया गया. फिटजी ने आर्थिक संकट और शिक्षकों के वेतन विवाद के कारण भोपाल सेंटर बंद कर दिया हैं.