नई दिल्ली, 2 मार्च (आईएएनएस)। 2017 चुनाव आयोग रिश्वत मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर से कहा कि वह धनशोधन रोधी कानून के तहत आरोप तय किए जाने को चुनौती देने याचिका पर लिखित जवाब दाखिल करें।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की पीठ ने मामले की लंबी सुनवाई के बाद कहा कि इस मामले पर और विचार करने की आवश्यकता है और इसे 5 अप्रैल को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
उन्होंने कहा, आप दोनों लिखित दलीलें दाखिल करें। मैं (इस स्तर पर) नोटिस जारी नहीं कर रहा हूं।
यह याचिकाकर्ता का मामला है कि चूंकि अनुसूचित अपराध मामले में कार्यवाही पर रोक है, धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के आरोप इस मामले में जारी नहीं रह सकते हैं, जैसा कि राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल द्वारा तय किया गया है।
याचिकाकर्ता के वकील अनंत मलिक ने कहा, जैसा कि अनुसूचित अपराध आधार है और यदि आधार गिरता है तो संरचना स्वाभाविक रूप से गिर जाएगी। अनुसूचित अपराध कार्यवाही में रहने के कारण, यह ग्रहण लगा हुआ है और आगे नहीं बढ़ रहा है।
मलिक ने कहा, इस प्रकार आरोप तय करने के समय अदालत के समक्ष न्यायिक तथ्य मौजूद नहीं थे और अदालत ने इन कार्यवाही को जारी रखने की अनुमति देकर गलती की है।
हालांकि, ईडी के वकील ने कहा कि याचिका एक लंबी चाल थी और अगर याचिकाकर्ता के तर्क को स्वीकार किया जाता है, तो इसका व्यापक प्रभाव होगा।
ईडी द्वारा यह तर्क दिया गया था कि कानून के तहत, अनुसूचित अपराध के संबंध में किसी भी सुरक्षा का पीएमएलए अपराधों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, सिवाय कुछ मामलों में जैसे दोषमुक्ति या आरोपमुक्ति।
आरोप तब लगाए जाते हैं जब गंभीर संदेह होता है और एक स्थगन आदेश एक अनुसूचित अपराध को मिटा नहीं सकता है।
–आईएएनएस
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