नई दिल्ली, 24 जनवरी (आईएएनएस)। भारत ने एक बड़ी कूटनीतिक सफलता हासिल की है। नई दिल्ली की इस कामयाबी ने इस्लामाबाद को टेंशन दे दी है। यह पूरा मामला इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोलो सुबियंतो की भारत यात्रा से जुड़ा है जो कि देश के 76 वें गणतंत्र दिवस में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेने नई दिल्ली पहुंच चुके हैं।
राष्ट्रपति सुबियंतो भारत की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर गुरुवार रात नई दिल्ली पहुंचे, जहां पर उनका स्वागत विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गरेटा ने किया।
मीडिया रिपोट्स के मुताबिक इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुबियंतो भारत के गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में शामिल होने के बाद पाकिस्तान की यात्रा करने वाले थे, जबकि भारत नहीं चाहता था कि वो भारत की यात्रा के बाद सीधे पाकिस्तान जाएं।
भारत ने इसे काफी गंभीरता से लिया राजनयिक चैनल के माध्यम से यह मुद्दा उठाया। नई दिल्ली ने जकार्ता को समझाया कि अपने किसी भी कार्यक्रम में पाकिस्तान कनेक्शन नहीं चाहता है।
भारत की कोशिश रंग लाई और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुबियंतो अब नई दिल्ली की यात्रा के बाद पाकिस्तान नहीं जा रहे हैं। अब वह 26 जनवरी के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद मलेशिया की यात्रा पर रवाना होंगे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुबियंतो प्रबोवो ने खुद यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, “मैं भारत में अपना कार्यक्रम पूरा करने के बाद अपनी मलेशिया यात्रा जारी रखूंगा। एक मजबूत और अधिक समृद्ध क्षेत्र के निर्माण के लिए मित्र देशों के साथ घनिष्ठ सहयोग हमेशा से हमारी प्राथमिकता रही है।”
बता दें कि पीएम मोदी के 2018 में इंडोनेशिया की यात्रा के बाद से दोनों देशों के संबंधों में मजबूती आई है। सुबियंतो भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले चौथे इंडोनेशियाई राष्ट्रपति होंगे। पहली बार 1950 में इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति सुकार्णो मुख्य अतिथि के रूप में भारत आए थे।
इस बार का गणतंत्र दिवस समारोह इसलिए भी खास है, क्योंकि इंडोनेशिया से 352 सदस्यीय मार्चिंग और बैंड दस्ता कर्तव्य पथ पर परेड में भाग लेगा। पहली बार ऐसा होगा जब इंडोनेशियाई मार्चिंग और बैंड दस्ता विदेश में राष्ट्रीय दिवस परेड में भाग लेगा।
–आईएएनएस
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