मुंबई, 25 जनवरी (आईएएनएस)। मुंबई 26/11 हमले के दोषी तहव्वुर राणा को भारत लाया जाएगा। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा के प्रत्यर्पण के लिए मंजूरी दे दी है।
अमेरिकी कोर्ट के इस फैसले पर 26/11 हमले के चश्मदीद मोहम्मद तौफीक शेख ने कहा कि सबसे पहले मैं इस प्रमुख मास्टरमाइंड को भारत को सौंपने के लिए अमेरिकी सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं। भारत सरकार को उसके आने के दो से तीन महीने के भीतर तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि उस दिन को मैं कैसे भूल सकता हूं। इंडिया बनाम साउथ अफ्रीका का मैच था। मैं चाय का पैसा लेने के लिए गया था। मुझे लगा कि भारत मैच जीत गया है इसलिए पटाखे छोड़े जा रहे हैं। लेकिन, ऐसा नहीं था। वह आतंकवादी हमला था। कई लोगों की जान गई। मैंने कुछ लोगों को बचाया जिसमें रेलवे के कर्मचारी भी थे। मुझे आश्वासन दिया गया था कि मेरे लिए भी कुछ करेंगे। कई निजी संस्थाओं ने कुछ हजार पैसे दिए। लेकिन इतने साल बीतने के बावजूद आज तक मुझे चाय की दुकान का लाइसेंस तक नहीं मिल पाया। महाराष्ट्र सरकार ने मेरे लिए कुछ नहीं किया। मैंने जो किया वह मेरा कर्तव्य था।
चश्मदीद मोहम्मद तौफीक शेख ने कहा कि आतंकवादी कसाब के साथ भी उनका सामना हुआ था। उसने मुझे गंदी गालियां दी थीं। तीन बार उसने मुझ पर फायरिंग की थी। लेकिन, भगवान की कृपा से मेरी जान बच गई। उन्होंने पीएम मोदी से मांग की है कि मुंबई 26/11 के दोषी तहव्वुर राणा को फांसी की सजा दी जाए।
तौफीक शेख ने कहा कि जल्दी उसे सजा नहीं दी गई और उसने किसी और घटना को अंजाम दिया तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। उन्होंने कहा कि आतंकवादी का कोई धर्म और जाति नहीं होती है। उस दिन कई पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी। मैं लोगों से भी कहना चाहता हूं कि हर जगह पुलिस आपकी सुरक्षा के लिए नहीं आ सकती है। अपनी सुरक्षा खुद करनी होगी।
उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई आतंकवादियों की गोलियों की आवाज से कांप उठी थी। आतंकी हमलों में छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोग मारे गए थे, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे।
–आईएएनएस
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