नई दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में अपना दूसरा पूर्ण बजट पेश किया। यह बजट 50.65 लाख करोड़ रुपये का है। बजट में, नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए 12.75 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगाया गया, जिससे मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिली है। अपने 77 मिनट के बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कई सेक्टरों के लिए अनेक घोषणाएं कीं। भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश पचीसिया ने बजट को आम आदमी के लिए फायदेमंद बताया।
उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “आम जनता की एक बड़ी समस्या होती है महंगाई। यह सरकार लंबे समय से राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रख रही है। चुनाव के समय भी, अगर कुछ मुफ्त बांटना पड़ता है, तो भी राजकोषीय घाटे पर कड़ी नजर रखी जाती है, जो बहुत अच्छा है। इस बजट से महंगाई नहीं बढ़ेगी और यह आम आदमी के लिए फायदेमंद है।”
उन्होंने आगे कहा, “इस बजट के पीछे जो पृष्ठभूमि थी, वह धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था की थी, जिसका एक बड़ा कारण शहरी उपभोग में कमी थी। इसका मतलब है कि अगर शहरी मध्यम वर्ग को कुछ छूट दी जाए और उनके पास खर्च करने के लिए अधिक पैसा हो, तो उनके लिए टैक्स में छूट महत्वपूर्ण है। सरकार ने आयकर छूट की सीमा 7.5 लाख से बढ़ाकर 12 लाख कर दी, जिसका मतलब है कि जो लोग एक लाख रुपये महीने कमाते हैं, उन्हें कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। इससे लगभग एक लाख करोड़ रुपये उपभोक्ताओं के हाथ में आएंगे, जो पूरी अर्थव्यवस्था में घूमेगा और इसका मल्टीप्लायर इफेक्ट होगा। मुझे लगता है कि यह सबके लिए बहुत संतोषजनक होना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “मैं यही कहना चाह रहा था कि अगर आप देखें तो सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये की टैक्स छूट देकर जनता के पास पैसा छोड़ा है। इस पैसे को जनता उपभोग में लगा सकती है या निवेश भी कर सकती है। उपभोग जितना बढ़ेगा, उतना ही अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलेगा।”
उन्होंने कहा, “एमएसएमई सेक्टर पर सरकार का फोकस भी बहुत अच्छा और सही दिशा में है। खिलौना उद्योग लंबे समय से इसकी मांग कर रहा था। कुछ साल पहले तक हमारे देश में 90 प्रतिशत खिलौने का आयात होता था, लेकिन अब हम खुद पर निर्भर हो गए हैं। सरकार का लक्ष्य न केवल आत्मनिर्भरता है, बल्कि दुनिया के लिए भी खिलौने बनाना है। इसके लिए पीएलआई योजना और अन्य एमएसएईज के लिए किए गए ऐलान बहुत पॉजिटिव हैं।”
–आईएएनएस
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