कुआलालंपुर, 2 फरवरी (आईएएनएस)। तृषा गोंगाडी ने अंडर-19 महिला टी20 विश्व कप खेलने के लिए रवाना होने से पहले आईएएनएस से कहा था कि वह इस टूर्नामेंट को शानदार तरीके से खत्म करना चाहती हैं और पूरी तरह से भरोसा है कि भारतीय टीम मलेशिया में खिताब जीत लेगी।
अब जब टूर्नामेंट खत्म हो चुका है, तो उनकी यह बात सही साबित हुई। तृषा ने फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 3 विकेट लिए (15 रन देकर) और 44 रन नाबाद बनाए, जिससे भारत ने सिर्फ एक विकेट खोकर शानदार जीत दर्ज की और लगातार दूसरी बार खिताब अपने नाम किया।
भारत को बिना एक भी मैच हारे खिताब दिलाने की खुशी में डूबी तृषा ने कहा, “यह मेरे लिए सब कुछ है। अभी मैं कुछ कह नहीं पा रही हूं।”
उन्होंने अपनी टीम और सहयोगी स्टाफ का आभार जताया और बताया कि उन्होंने अपनी ताकत के हिसाब से गेंदबाजी की। उन्होंने कहा, “जो रणनीति बाकी मैचों में अपनाई थी, वही इस मैच में भी दोहराई। मैं मिताली दी को आदर्श मानती हूं। उम्मीद है कि आने वाले वर्ल्ड कप भी भारत ही जीतेगा।”
इतना ही नहीं, त्रिशा को टूर्नामेंट में 309 रन बनाने और 7 विकेट लेने के लिए ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ भी चुना गया। स्कॉटलैंड के खिलाफ उनके शतक ने सभी को चौंका दिया था। उन्हें यह पुरस्कार पूर्व भारतीय क्रिकेटर और आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल नीतू डेविड ने दिया, जो वर्तमान में भारतीय महिला टीम की मुख्य चयनकर्ता हैं।
त्रिशा ने यह पुरस्कार अपने पिता को समर्पित किया, जो स्टेडियम में मौजूद थे। उन्होंने कहा, “अगर पापा नहीं होते तो मैं यहां तक नहीं पहुंच पाती। मैं अपने पावर गेम पर काम कर रही थी। हमारे बल्लेबाजी कोच अपूर्व देसाई सर ने मुझसे कहा था कि मैं ओपनिंग करूंगी, इसलिए तैयार रहूं। मैं हमेशा से ऑलराउंडर रही हूं और अपने देश के लिए खेलकर लगातार जीत दिलाना चाहती हूं।”
फाइनल जीतने के बाद विकेटकीपर जी कमलिनी ने खुशी में कहा, “लड़कियों, कप जीत लिया!” भारत की उप-कप्तान सानिका चालके के लिए यह सपना सच होने जैसा था। उन्होंने कहा, “यह अविश्वसनीय अहसास है। मैंने दो साल से इसका सपना देखा था। यकीन नहीं हो रहा कि मैंने विजयी रन बनाए। हमें ज्यादा बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला, इसलिए मैंने फील्डिंग में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की। यह हमारी टीम के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।”
–आईएएनएस
एएस/