महाकुंभ, 2 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के अवसर पर आयोजित खादी मेला लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। खादी के प्रति बढ़ती रुचि इस मेले में साफ देखने को मिल रही है, जहां लोग बड़ी संख्या में खरीदारी कर रहे हैं। यह मेला न केवल खादी को बढ़ावा देने का माध्यम बना है, बल्कि इससे जुड़े कामगारों को भी प्रोत्साहित करने का कार्य किया जा रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों से आए दुकानदार अपने विशिष्ट उत्पादों के साथ इस प्रदर्शनी का हिस्सा बने हैं।
नागालैंड से आए दिनेश कुमार चौधरी इस मेले में अपनी भागीदारी को लेकर गर्व महसूस कर रहे हैं। वे बताते हैं कि उनकी संस्था उत्तर-पूर्व की एकमात्र ऐसी संस्था है, जो महाकुंभ में अपनी उपस्थिति दर्ज कर रही है। उन्होंने बताया कि वे लगभग 20 वर्षों से इस आयोजन में हिस्सा ले रहे हैं और हर बार यहां से बेहतरीन प्रतिक्रिया मिलती है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तर-पूर्व के प्रति विशेष झुकाव का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से इस क्षेत्र को राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान मिल रही है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री की अपील के बाद खादी की खरीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और खासकर युवा पीढ़ी इसमें दिलचस्पी दिखा रही है। यह खादी उद्योग के लिए एक सकारात्मक संकेत है और इससे कामगारों को भी नई ऊर्जा मिल रही है।
मेले में आई कृष्णा देवी ने खादी उत्पादों की सराहना करते हुए कहा कि यह देश की समृद्धि के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि इस तरह के आयोजनों से देश के उत्पादों को बढ़ावा मिलता है और स्वदेशी वस्तुओं की मांग बढ़ती है। वे मानती हैं कि भारतीय उत्पादों को ही भारत में प्राथमिकता मिलनी चाहिए और विदेशी सामान को सीमित रखना चाहिए, ताकि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से न केवल कामगारों को रोजगार मिलता है, बल्कि उपभोक्ताओं को भी उच्च गुणवत्ता वाले स्वदेशी उत्पाद खरीदने का अवसर मिलता है।
उन्होंने आगे कहा कि खादी केवल एक कपड़ा नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और देशभक्ति का प्रतीक बन चुका है। सरकार की ओर से इसे प्रोत्साहित करने के प्रयासों के चलते लोगों का झुकाव लगातार बढ़ रहा है।
एक अन्य दुकानदार ने कहा, “इस मेले के जरिए खादी उद्योग से जुड़े लोगों को एक बड़ा मंच मिल रहा है, जिससे वे अपने उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला रहे हैं। यह मेला न केवल व्यापार का माध्यम है, बल्कि देश के सांस्कृतिक और आर्थिक विकास का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता जा रहा है।”
–आईएएनएस
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