उमरिया. (देशबन्धु) देश के प्रधानमंत्री और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन सरकार मध्य प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने का दावा कर रहे हैं लेकिन वही प्रदेश के दावे पर हेवी भ्रष्टाचार का जिन्न सरकार के दावे अब सिर्फ कागजों तक ही सीमित है क्योंकि उन्हें के मातहत कर्मचारी ऐसा कोई कोड कसर नहीं छोड़ रहे हैं. जिससे सरकार के दावे सफल हो सके बात करें मध्यप्रदेश के उमरिया-जिले की जहां ग्राम पंचायत में सरपंच सचिव की जुगलबंदी से शासन प्रशासन के सभी नियम कायदों को दरकिनार कर सरकार की लाखों रुपए की राशि का बंदर वाट किया जा रहा है.
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बाकी तस्वीरें खुद बयां करती है कि भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश नहीं भ्रष्टाचार का गढ़ है जहां हर कार्य में गुणवत्ता से नजरें बच बचा कर आंख मिचौली का खेल खेला जा रहा है तभी तो पांच साल पुरे होने के पहले ही निमार्ण कार्यों की धज्जियां उड़ती दिखाई देती है कई कार्यों को चालू तो किया गया राशि भी आहरित हुईं लेकिन कार्य नाम चार कर बन्द कर दिए गए कारण क्या है यह वहीं जाने लेकिन कार्य पुरे नहीं हुएं यह सब जानते हैं.
लेकिन विभाग के जिम्मेदारों को यह नहीं दिखाई दे रहा इससे प्रतीत होता है सम्बंधित जिम्मेदार अधिकारी आंख बंद करके बैठे हैं वहीं पंचायतों में तथा कथित ब्लेन्डर चैन की बंसी बजाते दिखाई दे रहे हैं प्राप्त जानकारी अनुसार पंचायतों में ब्लेन्डर का चयन सबसे कम दूरी का हों यह गाईड लाईन कहती हैं परन्तु सचिव के चहेते ब्लेन्डर बाजार से हट कर 20 किलोमीटर दूर गांव से मैटेरियल सप्लाई कर रहा है यह लोगों को नहीं पच रही लेकिन सचिव का करीबी होने के कारण सब सहीं है.
दुकान चाहें हों या न हो परन्तु सचिव का करीबी होना चाहिए जिससे उल्टे सीधे बीलो का भुगतान आसानी से हो सके अगर ब्लेन्डर की सूक्ष्म जांच हो की कब से आयकर विभाग में रजिस्टर्ड है और रजिस्टर दिनांक से अब तक कहां कहां कितने बील काट चुके हैं शासन प्रशासन को कितना भुगतान हुआ तो सब सच्चाई सामने होगी और पर्दा भी उठ जाएगा इतना नहीं मलियागुडा में मैटेरियल सप्लाई ब्लेन्डर तिमनी का अब जन चर्चा का विषय बना हुआ है कि पाली मार्केट पास है या तिमनी यह??? है.