नई दिल्ली, 4 फरवरी (आईएएनएस)। मोटापा आज एक प्रमुख स्वास्थ्य चुनौती बन गया है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक वैश्विक महामारी घोषित किया है। यह समस्या न सिर्फ लोगों की जीवनशैली को प्रभावित करती है, बल्कि जानलेवा बीमारियों को भी जन्म दे सकती है। इस पर देश की राजधानी दिल्ली में एम्स में मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर डाॅक्टर नवल किशोर विक्रम और एम्स में ही डायटीशियन डॉक्टर मोनिता गहलोत ने मोटापे से बचाव के तरीके बताए हैं।
डॉक्टर नवल किशोर विक्रम ने कहा, “मोटापा कई बीमारियों से जुड़ा हुआ है, जैसे इंसुलिन प्रतिरोध और सूजन, जो मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और कुछ प्रकार के कैंसर का कारण बन सकता है। यही कारण है कि मोटापे को गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि यह गैर-संचारी रोगों का मूल है। वयस्कों में, मोटापा पूरी तरह रोका जा सकता है, क्योंकि इसके आनुवंशिक कारण बहुत कम हैं और ये आमतौर पर छोटे बच्चों में ही देखे जाते हैं। इसलिए वयस्कों के लिए, मोटापा रोकथाम योग्य है और इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व आहार और शारीरिक गतिविधि है।”
उन्होंने आगे कहा, “अपने आहार पर नज़र रखें, स्वस्थ खाएं और सक्रिय रहें। अगर आपका काम बैठकर होता है, तो आपको कम कैलोरी की जरूरत होगी, जबकि सक्रिय लोगों को अधिक कैलोरी की आवश्यकता हो सकती है। हम अक्सर अपनी ज़रूरत से ज़्यादा खा लेते हैं, जिससे मोटापा बढ़ता है। इसलिए, सक्रिय रहना ज़रूरी है। चाहे आपका काम कुछ भी हो, रोज़ाना कम से कम 60 मिनट व्यायाम के लिए समय निकालें। यह व्यायाम कोई भी हो सकता है जैसे दौड़ना, साइकिलिंग या जॉगिंग।”
उन्होंने कहा, “सक्रिय रहने के छोटे-छोटे उपाय भी मदद कर सकते हैं, जैसे लिफ्ट की बजाय सीढ़ियां चढ़ना या पास के बाजार जाने के लिए गाड़ी की बजाय पैदल जाना। यदि आहार और गतिविधि से मोटापा कम नहीं होता, तो दवाएं मदद कर सकती हैं। अगर फिर भी कोई लाभ नहीं होता, तो बाद में सर्जरी की बात आ सकती है, लेकिन यह आखिरी विकल्प है।”
डॉक्टर मोनिता गहलोत ने कहा, “हमें देश की जनता के बारे में सोचना होगा कि वे इतने मोटापे के शिकार क्यों हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण हमारी खानपान और जीवनशैली की आदतें हैं। हम जरूरी चीजें कम खा रहे हैं और जो उतनी जरूरी नहीं हैं, उन्हें ज्यादा खा रहे हैं, जैसे कि अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड, हाई फैट और हाई शुगर वाले आइटम।”
उन्होंने आगे कहा, “मोटापा को कम करने के लिए, हमें विविध आहार लेना होगा, जिसमें विभिन्न खाद्य समूह शामिल हों, लेकिन कैलोरी की मात्रा को भी कम करना होगा। प्रोसेस्ड फूड जैसे पैकेज्ड और फ्राइड आइटम्स कम करने होंगे। फल और सब्जियां, कम से कम आधा किलो रोज़ आपके आहार में शामिल होनी चाहिए। वसा की मात्रा को नियंत्रित करें, घर में खाना बनाते समय तेल का इस्तेमाल तीन से चार चम्मच तक सीमित रखें। प्रोटीन का सेवन बढ़ाने के लिए, दाल की तीन कटोरियां रोज़ शामिल करें। अनाज जैसे रोटी या चावल, जितना आपका हेल्थकेयर प्रोवाइडर बताता है, उतना ही लें। अतिरिक्त भूख लगने पर, नॉन-कैलोरी वाले पोषक पेय जैसे छाछ, हरी चाय, सादा पानी या नारियल पानी पीएं। स्नैक्स के रूप में प्रोसेस्ड आइटम्स की बजाय एक मुट्ठी बादाम या अखरोट या फिर दाल की एक कटोरी, जिसमें बहुत सारी सब्जियां मिली हों, लें।”
उन्होंने कहा, “इन आदतों के साथ-साथ व्यायाम भी महत्वपूर्ण है। पार्क में घूमना, खुले जिम में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज करना, कैलोरी बर्न करना, और आहार से कुछ कैलोरी कम करने से कैलोरी डेफिसिट बनेगा, जिससे आप महीने में दो से तीन किलो वजन कम कर सकते हैं।”
–आईएएनएस
पीएसएम/सीबीटी