बेंगलुरू, 3 मार्च (आईएएनएस)। भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा ने अपने बेटे को 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किए जाने के बाद शुक्रवार को कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड (केएसडीएल) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।
इस्तीफे को उनके दोस्तों के जरिए सीएम ऑफिस भेजा गया। भाजपा विधायक ने अपने त्याग पत्र में कहा, लोकायुक्त छापे का मुझसे कोई संबंध नहीं है। यह मेरे परिवार के खिलाफ साजिश है। मैं नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे रहा हूं।
इस बीच, राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि बीजेपी विधायक मदल विरुपाक्षप्पा के बेटे प्रशांत मदल के खिलाफ जांच चल रही है।
सूत्रों ने कहा कि लोकायुक्त के अधिकारी भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा से पूछताछ करने की तैयारी कर रहे हैं।
बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (बीडब्ल्यूएसएसबी) में मुख्य लेखाकार प्रशांत मदल को लोकायुक्त अधिकारियों ने गुरुवार को 40 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा।
आरोप है कि प्रशांत ने एक टेंडर के सिलसिले में 80 लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी और पैसा उनके पिता भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा की ओर से प्राप्त हुआ था, जो कच्चे माल की खरीद के टेंडर के लिए केएसडीएल के अध्यक्ष है।
लोकायुक्त न्यायमूर्ति बी.एस. पाटिल ने कहा था कि छापे के दौरान 2.2 करोड़ और बाद में आवासों से 6.10 करोड़ रुपये बरामद किए गए।
इस घटनाक्रम को सत्तारूढ़ भाजपा के लिए एक गंभीर झटके के रूप में देखा जा रहा है। यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब विपक्ष सरकारी टेंडरों में 40 फीसदी कमीशन और घूसखोरी को लेकर भाजपा सरकार पर हमले कर रहा है।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नलिनकुमार कटील ने कहा है कि किसी को बचाने का कोई सवाल ही नहीं है और दोषी पाए जाने पर विधायक के खिलाफ कार्रवाई होगी।
कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा पर चौतरफा हमला किया और मुख्यमंत्री बोम्मई और राज्य भाजपा प्रमुख नलिनकुमार कटील के इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि इस घटना से उनके 40 प्रतिशत कमीशन और भ्रष्टाचार के आरोप सही साबित हुए हैं।
–आईएएनएस
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