नागपुर, 7 फरवरी (आईएएनएस)। आईपीएल 2024 में हर्षित राणा बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए, सपनों की एक अलग ही उड़ान भरते हैं, जो फ़िलहाल क्रिकेट रूपी ब्रह्मांड में पूरे मौज से अपनी धुरी तय कर रहा है। लगभग तीन महीनों के अंतराल में हर्षित सभी फॉर्मेट में डेब्यू कर चुके हैं। ऑस्ट्रेलिया में पहले उन्होंने टेस्ट डेब्यू किया और इंग्लैंड की टीम के भारतीय दौरे पर उन्हें पहले टी20 और अब वनडे में भी डेब्यू करने का मौक़ा मिल गया। अपने डेब्यू पर उन्होंने 53 रन देकर तीन विकेट हासिल किए और पहले वनडे में भारत को चार विकेट से मिली जीत में अहम भूमिका निभाई।
हालांकि उनका वनडे डेब्यू उतना आसान नहीं था। कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम में उनके साथ रहे फ़िल सॉल्ट ने वनडे में हर्षित का स्वागत काफ़ी आक्रामक अंदाज़ में किया। उनके स्पैल के तीसरे ओवर में सॉल्ट ने तीन सिक्सर और दो चौके लगाए। उस ओवर में हर्षित ने कुल 26 रन दिए। इस परिस्थिति में किसी भी युवा गेंदबाज़ का आत्मविश्वास डगमगा सकता है लेकिन हर्षित को पता था कि उन्हें क्या करना है और जब वे अपने दूसरे स्पैल में आए तो एक ही ओवर में दो विकेट झटक कर मैच में इंग्लैंड को बैकफ़ुट पर धकेल दिया।
मैच के बाद प्रेस कांफ़्रेंस के दौरान उन्होंने अपनी इस वापसी के बारे में कहा, “क्रिकेट में ऐसे उतार-चढ़ाव चलते रहते हैं। मैं बस अपने फोकस को नहीं खोना चाहता था और कोशिश थी कि मैं जहां गेंद डालना चाह रहा हूं, वहीं डालूं। पहले स्पैल मैं जिस तरह की गेंदबाज़ी करना चाह रहा था, दूसरे स्पैल में भी उन्हीं लेंथ पर गेंदबाज़ी कर रहा था। मैंने कुछ अलग करने का प्रयास नहीं किया। उसी कारण से बाद में मुझे विकेट भी मिला।”
अपने दूसरे स्पैल में हर्षित ने पहले बेन डकेट को एक शॉर्ट गेंद पर और हैरी ब्रूक को शॉर्ट ऑफ़ लेंथ गेंद पर आउट किया। यह विकेट उन्होंने एक ख़ास रणनीति के साथ निकाले। इस बारे में उन्होंने कहा, “पहले मैं उन्हें आगे के लिए सेट अप करना चाह रहा था, फिर मैं शॉर्ट गेंद फेंकना चाह रहा था और उस दौरान मैंने अच्छी शॉर्ट गेंद फेंकी और विकेट मिल गया।”
हर्षित उन चुनिंदा युवा खिलाड़ियों में एक हैं, जिन पर भारतीय टीम तीनों फॉर्मेट में काफ़ी भरोसा जता रही है। चैंपियंस ट्रॉफ़ी में अभी समय है लेकिन उस टूर्नामेंट के लिए भारत के प्रमुख तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह की फ़िटनेस अभी संशय के घेरे में है। ऐसे में हर्षित को अर्शदीप सिंह से पहले वनडे में मौक़ा देना, इस बात के संकेत हो सकते हैं कि अगर बुमराह उपलब्ध नहीं होते हैं तो हर्षित को मौक़ा मिल सकता है।
साथ ही हर्षित ने भी तीनों फॉर्मेट में अपने डेब्यू पर ही यह बता दिया है कि उनमें काफ़ी क्षमता है। अपने टेस्ट डेब्यू पर उन्होंने चार विकेट लिए। उसके बाद इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टी20 सीरीज़ के दौरान पुणे में उन्होंने कनकशन सब्सटीट्यूट के तौर पर 33 रन देकर तीन विकेट लिए और अब वनडे डेब्यू पर भी उन्हें तीन विकेट मिले हैं।
हर्षित को पता है कि वनडे में उनका काम आसान नहीं होने वाला और उसके लिए उन्हें काफ़ी मेहनत करने की ज़रूरत होगी। उन्होंने इस बारे में कहा, ” यह फॉर्मेट अलग है और आपको अलग-अलग फेज़ में अलग-अलग जिम्मेदारियों के साथ गेंदबाज़ी करनी होती है। शुरूआत और बीच में आपको कुछ और करना होता है और फिर डैथ ओवर में अलग रणनीति के साथ गेंदबाज़ी करनी होती है। हालांकि जब आप इसका अभ्यास करते हो तो सब कुछ आसान होता जाता है।”
जब हर्षित को पहली बार भारतीय टेस्ट टीम में मौक़ा मिला था, तब उनके चयन को लेकर काफ़ी बातें हुई थीं। साथ ही जब उन्हें पहले कनकशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर खेलने का मौक़ा मिला तब भी ख़ूब बवाल मचा। हालांकि हर्षित का मानना है कि उन्हें अपने लक्ष्य के बारे में अच्छी तरह से पता है।
उन्होंने कहा, “मेरा यह मानना है कि बाहर काफ़ी सारी बातें होती रहती हैं। लेकिन मुझे कैसे भी कर के अपने देश के लिए अच्छा खेलना है। मैं किसी भी तरह की बात पर कोई ध्यान नहीं देता। मैं मानसिक रूप से ख़ुद को तैयार रखता हूं, ताकि जब भी मौक़ा मिले तब मैं अच्छा प्रदर्शन करूं।”
–आईएएनएस
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