चेन्नई, 3 मार्च (आईएएनएस)। मॉर्गन स्टेनली ने एक रिपोर्ट में कहा कि फैक्टर्स के संयोजन के कारण वित्त वर्ष 2024 में भारत के व्यापक आर्थिक स्थिरता संकेतक धीरे-धीरे सुधरेंगे।
मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 में कुछ ऊंचे स्तरों से वित्त वर्ष 2024 में मैक्रो स्थिरता संकेतक धीरे-धीरे सुधरेंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक कॉमोडिटी कीमतों में कमी (वर्ष-दर-वर्ष टर्म्स), स्वस्थ विकास मिश्रण (अधिक कैपेक्स संचालित) और एक समेकित पथ पर राजकोषीय और मौद्रिक नीति का एक संयोजन मैक्रो स्थिरता संकेतकों में सुधार के लिए प्रवृत्ति के लिए आधार बनाता है।
हम उम्मीद करते हैं कि सीपीआई मुद्रास्फीति औसत 5.5 प्रतिशत (वित्त वर्ष 2023 अनुमानों में 6.7 प्रतिशत) और चालू खाता घाटा वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी के 2.5 प्रतिशत (वित्त वर्ष 2023 अनुमानों में 2.9 प्रतिशत) पर नजर रखेगा।
रेपो दरों के संबंध में, मॉर्गन स्टेनली को उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक अप्रैल में बढ़ोतरी करेगा और टर्मिनल रेपो रेट को 6.75 प्रतिशत पर आंका जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है, वैश्विक कमोडिटी की कीमतों में बदलाव, घरेलू या ग्लोबल एक्सोजिनस वेदर की घटनाओं और विकास की गति में बदलाव के कारण हम वृहद स्थिरता के जोखिम को देखते हैं।
मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि मुद्रास्फीति में स्थिर रुझान और ऊंचे व्यापार घाटे ने भारत के मैक्रो स्थिरता ²ष्टिकोण पर कुछ चिंताएं बढ़ा दी हैं।
–आईएएनएस
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