महाकुंभ नगर, 7 फरवरी (आईएएनएस)। महाकुंभ इस बार न केवल आध्यात्मिक आस्था का प्रतीक होगा, बल्कि यह प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होने जा रहा है। यहां 200 प्रजातियों के पक्षियों का महाकुंभ होने जा रहा है।
इनकी सर्वश्रेष्ठ फोटो, नारा लेखन से लेकर पेंटिंग और तमाम प्रतियोगिताएं होंगी, जिसमें विजेताओं को योगी सरकार 10,000 से लेकर 5 लाख तक कुल 21 लाख रुपए के पुरस्कार प्रदान करेगी। यहां साइबेरिया, मंगोलिया, अफगानिस्तान समेत 10 से अधिक देशों से साइबेरियन पक्षी पहुंच चुके हैं। आप यहां पर लुप्तप्राय इंडियन स्कीमर, फ्लेमिंगो और साइबेरियन क्रेन तक का दीदार कर सकेंगे। सीएम योगी के निर्देश पर श्रद्धालुओं के लिए इको टूरिज्म का विशेष प्लान तैयार किया गया है।
श्रद्धालुओं में पक्षियों के संरक्षण के प्रति जागरूकता विकसित करने के उद्देश्य से 16 फरवरी से इंटरनेशनल बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। 18 फरवरी तक चलने वाले इस आयोजन में प्रसिद्ध राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संरक्षण वादी, वैज्ञानिक, पक्षी विज्ञानी, पारिस्थितिकी और पर्यावरण प्रकृति संरक्षण के क्षेत्र में तकनीकी विशेषज्ञ पक्षी प्रेमी और स्कूल तथा कॉलेज के शिक्षक और छात्र भी भाग लेंगे।
प्रयागराज में वन विभाग के आईटी हेड आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि अधिक जानकारी के लिए व्हाट्सएप के माध्यम से 93 192 77 004 पर जुड़ सकते हैं।
डीएफओ प्रयागराज अरविंद कुमार यादव के अनुसार यह प्रतियोगिताएं महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होंगी। इंटरनेशनल बर्ड फेस्टिवल का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि पक्षियों और उनके प्राकृतिक आवास के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी है। इस अवसर पर विशेषज्ञों द्वारा पर्यावरण संतुलन और जैव विविधता के महत्व पर प्रकाश डाला जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को पक्षियों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए प्रेरित किया जाएगा।
इस तरह की विभिन्न प्रतियोगिताएं –
तकनीकी सत्र एवं पैनल चर्चा – विशेषज्ञों द्वारा पक्षियों और पर्यावरण संरक्षण पर विचार-विमर्श।
फोटोग्राफी प्रतियोगिता – पक्षियों की सुंदर तस्वीरें खींचने का अवसर।
पेंटिंग प्रतियोगिता – बच्चों और कलाकारों के लिए रचनात्मकता दिखाने का मंच।
नारा लेखन – संरक्षण और पर्यावरण से जुड़े जागरूकता संदेशों का संकलन।
वाद-विवाद और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता – पक्षी संरक्षण से जुड़े विषयों पर छात्रों की भागीदारी।
बर्ड वॉक और नेचर वॉक – विशेषज्ञों के साथ पक्षियों को करीब से देखने और उनके बारे में जानने का अनुभव।
प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रम – नुक्कड़ नाटक, चित्रकला प्रदर्शनी और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियां।
–आईएएनएस
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