नई दिल्ली, 3 मार्च (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अब रद्द की जा चुकी आबकारी नीति के सिलसिले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत में जमानत याचिका दायर की।
विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने सोमवार को सिसोदिया को पांच दिनों के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में भेज दिया था। हिरासत 4 मार्च को समाप्त हो रही है। जांच एजेंसी ने सिसोदिया को आठ घंटे की पूछताछ के बाद 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था।
सिसोदिया ने मंगलवार को सीबीआई द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। हालांकि, उनकी याचिका को मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने खारिज कर दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि सिसोदिया के पास दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष वैकल्पिक उपाय उपलब्ध हैं। शीर्ष अदालत ने इस बात पर भी जोर दिया कि वह शीर्ष अदालत से जो राहत मांग रहे हैं, उसके लिए या तो निचली अदालत या उच्च न्यायालय का रुख करें।
सीबीआई ने रविवार को कहा था कि सिसोदिया को इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि उन्होंने टालमटोल भरे जवाब दिए और जांच में सहयोग नहीं किया। जांच एजेंसी ने यह भी कहा कि वर्तमान मामला सिसोदिया और 14 अन्य के खिलाफ 2021-22 के लिए आबकारी नीति को तैयार करने और लागू करने में कथित अनियमितताओं के मामले की जांच के लिए दर्ज किया गया था, और निजी व्यक्तियों को निविदा के बाद के लाभों का विस्तार किया गया था।
मुंबई की एक निजी कंपनी के तत्कालीन सीईओ और छह अन्य के खिलाफ 25 दिसंबर, 2022 को चार्जशीट दायर की गई थी।
–आईएएनएस
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