सतना, देशबन्धु। अगर आप मछली खाने के शौकीन हैं तो सावधान हो जाएं क्योंकि मछलियों में थाई मांगुर की प्रजाति आपके सेहत को खाराब कर सकती है। यह हम नहीं बल्कि मत्स्योद्योग के उपसंचालक का कहना है। लोगों के स्वास्थ्य के प्रति चिंतित होकर के मत्स्योद्योग के उपसंचालक डॉ. अंजना सिंह ने बुधवार को जबलपुर-बेला हाईवे पर खाने-पीने की होटल का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने होटल, ढाबा संचालकों एवं मछली विक्रेताओं को जहरीली थाई मांगुर मछली से होने वाले नुकसान के बारे में समझाइश दी।
लगाया जा चुका है प्रतिबंध
मत्स्योद्योग के उपसंचालक ने निरीक्षण के दौरान विक्रेताओं सहित आम जन को जागरूक करते हुए बताया कि जहरीली प्रजाति की इस मछली के विक्रय करने पर भारत सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है। इतना ही नहीं विक्रय करते पाए जाने पर चालान करते हुए जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है।
खर्च कम, इसलिए करते हैं पालन
बताया गया है कि थाई मांगुर मछली एक मांसाहारी मछली है। यह सड़े गले मांस खाकर जल्दी बड़ी होने वाली मछली है। इसलिए मत्स्य पलक इसे आसानी से पाल लेते है। इसको पालने में कम खर्च आता है।
हानिकारक तत्व से अनभिज्ञ
इस मछली में सिंगल कांटा होने के चलते मछली खाने वाले इसे पसंद करते है । परंतु इसके अंदर पाए जाने वाले हानिकारक तत्वों से अनभिज्ञ रहते हैं। थाई मांगुर मछली में हैवी मेटल जिंक लेड क्रोमियम आदि पाए जाते हैं। जो इंसान के शरीर में स्लो पॉयजन की तरह कार्य करते है। इसका असर मानव शरीर में तुरंत नहीं दिखाई देता। परन्तु यह कई प्रकार की जेनेटिक बीमारियों को पैदा करती है।