तेहरान, 14 फरवरी (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में ईरान के स्थायी मिशन ने अमेरिका के इस आरोप को खारिज कर दिया कि तेहरान यमन स्थित हूती विद्रोहियों को वित्तीय संसाधन, हथियार सहायता और सैन्य प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है
इससे पहले गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र में कार्यवाहक अमेरिकी राजदूत डोरोथी शीया ने यमन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग में तेहरान पर निशाना साधा।
शीया ने कहा, “ईरान की तरफ से एक दशक से अधिक समय से हूती समूह को हथियार, वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता का निरंतर और अभूतपूर्व प्रवाह, इस परिषद द्वारा इस समूह पर लगाए गए हथियार प्रतिबंध का उल्लंघन है।”
शीया ने सुरक्षा परिषद के सदस्यों से ईरान पर ‘हूती समूह को हथियार, वित्त और प्रशिक्षण देना बंद करने’ के लिए दबाव डालने की अपील की।
ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी आईआरएनए के मुताबिक शीया की टिप्पणियों के जवाब में ईरान के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने गुरुवार को यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और फरवरी के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष फू कांग को एक पत्र सौंपा।
पत्र में ईरानी मिशन ने अमेरिका के आरोप को ‘निराधार’ बताते हुए इस बात पर जोर दिया कि ईरान की सैद्धांतिक नीति हमेशा यमन में शांति, स्थिरता का समर्थन करने और अरब राज्य के संकट का राजनीतिक समाधान करने पर आधारित रही है।
पत्र में यह भी कहा गया कि ईरान पर आरोप लगाकर वाशिंगटन इजरायल के ‘अपराधों’ में अपनी संलिप्तता को नहीं छिपा सकता। इसमें यह भी कहा गया कि ईरान ‘हमेशा से अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मूल सिद्धांतों के साथ-साथ सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के प्रति प्रतिबद्ध रहा है और रहेगा।’
मिशन ने कहा कि ईरान का मानना है कि यमन के संकट को एक व्यापक राजनीतिक प्रक्रिया के माध्यम से हल किया जाना चाहिए जो यमन की स्वतंत्रता, राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की गारंटी देता हो।
–आईएएनएस
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