मुंबई, 22 फरवरी (आईएएनएस)। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच यूनिट 12 ने दहिसर इलाके में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, ये लोग अमेरिकी नागरिकों को अपना शिकार बनाकर उनसे धोखाधड़ी कर रहे थे। इस गिरोह ने अमेरिकी नागरिकों को माइक्रोसॉफ्ट विंडोज में समस्या बताकर उनसे धोखाधड़ी की थी।
सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर मुंबई पुलिस ने अर्पण अपार्टमेंट पर रेड की, जहां अवैध कॉल सेंटर चल रहा था। रेड के दौरान पुलिस ने मौके से 6 लैपटॉप, 20 मोबाइल फोन, 2 वाई-फाई राउटर, 6 स्पीकर और करीब 2 लाख 41 हजार रुपये के सामान को जब्त किया।
क्राइम ब्रांच ने इस मामले में आईटी एक्ट और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 24 फरवरी तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है।
बताया गया कि कॉल सेंटर के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों को बताया जाता था कि उनके कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर में कोई बड़ी समस्या है। उन्हें यह यकीन दिलाया जाता था कि वे माइक्रोसॉफ्ट से बात कर रहे हैं और फिर फोन कॉल्स के जरिए उनके बैंक खातों की जानकारी ली जाती थी।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मुख्य आरोपी तिलक जोशी (44 साल), अमीर रेड्डी (25 साल), जीवन नावरकर (23 साल) और प्रथम सोनावाने (22 साल) शामिल हैं। पुलिस ने इस मामले की और जांच शुरू कर दी है और यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह का और कितना बड़ा नेटवर्क है।
–आईएएनएस
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