जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस आशीष श्रोती की एकलपीठ ने एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति प्रमोशन के मामले में डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन और बिरसा मुंडा शासकीय मेडिकल कालेज शहडोल को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिये है. मामला सीधी भर्ती का नियम प्रमोशन पर लागू किये जाने के रवैये को चुनौती से संबंधित है.
याचिकाकर्ता शहडोल निवासी डॉ. देबरंजन दत्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आदित्य संघी ने पक्ष रखा. उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है. उक्त कालेज की ओर से आठ फरवरीए 2025 को एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर भर्ती के लिये इन-हाउस विज्ञापन जारी किया गया.
कालेज प्रशासन ने नेशनल मेडिकल कमीशन टीचर एलिजिबिलिटी क्वालिफिकेशन रूल के एक प्रविधान का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता को अपात्र घोषित कर दिया. उक्त नियम सीधी भर्ती पर लागू होता है, जबकि याचिकाकर्ता का मामला प्रमोशन का है. हाईकोर्ट ने तर्क से सहमत होकर जवाब पेश करने के निर्देश दिये है.