जबलपुर, देशबन्धु. बीएड के बाद शैक्षणिक कार्य कर रहे शिक्षकों के लिए यह खबर राहत भरी हो सकती हैं कि अब वे अपने शैक्षणिक कार्य के साथ-साथ एमएड का अंशकालिक कोर्स भी कर अपनी शैक्षणिक योग्यता को बढ़ा सकते हैं.
लगभग 11 साल बाद मास्टर आफ एज्युकेशन (एमएड) के अंशकालिक (पार्ट टाईम) कोर्स एक बार फिर शुरू हो रहा हैं. इसे लेकर नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एज्युकेशन (एनसीटीई) नए नियम जारी किए गए. एनसीटीई द्वारा 2025 के लिए जारी नए शिक्षण नियमों के ड्राफ्ट में 11 साल बाद अंशकालिक एमएड कोर्स की वापसी के साथ ही आईटीईपी में 4 नई विशेष स्पेशलाइज्ड स्ट्रीम जोड़ी जाएंगी.
एनईपी की सिफारिश पर हुआ ड्राफ्ट जारी-बताया जा रहा हैं कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सिफारिशों के आधार पर, नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने 2025 के लिए नए नियमों का ड्राफ्ट जारी किया है. इन नए नियमों में कुल 9 टीचिंग कोर्सेज को शामिल किया गया है. ज्ञात हो कि 2026 के बैच से ये नए कोर्स लागू होंगे. इसके अंतर्गत एक साल का बीएड और एमएड कोर्स भी शुरू किया जाएगा. इसके साथ ही 11 साल बाद एमएड के पार्ट टाइम कोर्स की भी वापसी होगी. इस फैसले से उन शिक्षकों को फायदा मिलेगा जो नौकरी के साथ उच्च शिक्षा लेना चाहते हैं.
2014 में बंद हुआ था अंशकालिक कोर्स- ज्ञात हो कि वर्ष 2014 में दिल्ली विश्वविद्यालय सहित कुछ अन्य शिक्षण संस्थानों में अंतिम बार एमएड पार्ट टाइम कोर्स में दाखिले हुए थे. यह उस समय एक उच्च मांग वाला कोर्स था और इसे बड़ी संख्या में शिक्षक करना चाहते थे. अब 2026 से इसे फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है ताकि शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता बनाए रखी जा सके.
शुरू होंगे नए टीचिंग कोर्स-एनसीटीई द्वारा जारी किए गए नए नियमों के मुताबिक, 2026 से कुल 9 नए टीचिंग कोर्स शुरू किए जाएंगे. इनमें बीएड और एमएड के अलावा, 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) में नई स्ट्रीम जोड़ी गई हैं.
ये स्ट्रीम शिक्षकों को विशेष क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करने का मौका देंगी जिसमें आईटीईपी योगा, फिजिकल, संस्कृत और आर्ट एजुकेशन के कार्स प्रमुख होंगे. ये नई स्पेशलाइज्ड स्ट्रीम देशभर के 64 शिक्षण संस्थानों में संचालित होंगी और आगे इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी.