गांधीग्राम, देशबन्धु. मंगलवार को सुबह 6 बजे के लगभग सिहोरा से जबलपुर की ओर जा रही भूसा की ओवरलोड वाहन परियट के पास अनियंत्रित होकर बीच सड़क में पलट गया.भूसा वाहन पलटने से सिहोरा से जबलपुर की ओर जाने वाले वाहनों के लिये व्यवधान उत्पन्न हो गया. वनवे सड़क से वाहनों का जाना होता रहा.
प्राप्त जानकारी के अनुसार ओवरलोड भूसा से भरा वाहन अनियंत्रित होकर पलट जाने वा,पाखरी फटने से सड़क पर भूसा बिखर गया.जिससे सुबह 6 बजे से दोपहर 9 बजे तक इस स्थान से शेष बची सड़क से होता रहा. सड़क की टर्निग पर पलटने के कारण सिहोरा से जबलपुर की ओर जाने आने वाले वाहनों के आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा.
वाहन पलटते ही लगी भीड़-ओवरलोड भूसा वाहन चलते चलते अनियंत्रित होकर पलट गया. पलटते ही उसमें सवार भूसा खाली करने वाली लेबर जान बचाकर वाहन कूदकर अपनी जान बचाई वाहन पलटने से भूसा की पाखरी फट गई औऱ भूसा सड़क मार्ग पर फैल गया.पिकअप में सवार लोगों ने सड़क पर बिखरे भूसे को समेटकर एक तरफ किया था.
वर्तमान में देखा जा रहा है कि इन दिनों भूसा, ट्रक, ट्रैक्टर ट्राली में ओवरलोड कर ढोया जा रहा है. इन वाहनों पर पुलिस प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है. इस कारण वाहन चालक खतरा उठाने से भी बाज नहीं आ रहे हैं. पुलिस महकमे द्वारा ओवरलोड भूसे के वाहनों पर कार्रवाई नहीं करना पुलिस के दावों की पोल खोल रहा.
नियमो को ठेंगा दिखा रहे-व्यवसायिक वाहनों के चालकों ने तो नियम कायदों को तोड़ने की परंपरा सी बना ली है. लेकिन कृषि कार्य करने वाले वाहन भी इसमें पीछे नहीं हैं. भूसे के एजेंट द्वारा बकायदा किसानों के खेतों पर पहुंचकर भूसे मशीनों से भूसा बनाकर किसानों को मोटी रकम देकर परिवहन किया जा रहा है.
*जरा सी लापरवाही से बड़ा खतरा-रोजाना सुबह, दोपहर व रात में ऐसे कई वाहन सड़क मार्ग से गुजरते हैं. जिसमें ट्राली में भूसा खचाखच भरा रहता है. इस तरह जरा सी लापरवाही से कोई बड़ी सड़क दुर्घटना हो सकती है. लेकिन बेपरवाह चालक तेज गति से वाहन दौड़ाकर निकल रहे हैं.
कोई नहीं करता जांच
एनएच-30 सड़क मार्ग से गांधीग्राम से जबलपुर निकलकर जा रहे हैं. इन वाहनों की जांच एवं दस्तावेजों को देखने के लिए सिहोरा से जबलपुर परियट तक यातायात पुलिस का अमला मौजूद नहीं रहता. सूत्रों के मुताबिक पुलिस शहर के बाहर ही इन वाहन चालकों को समझ लेती है.
वाहन से जुड़े जानकारों का कहना है कि बड़े व्यवसायिक वाहनों की अपेक्षा ट्रैक्टर ट्राली में ओवरलोडिंग करने के खतरे ज्यादा हैं. क्योंकि इसमें कंट्रोल समय पर नहीं हो पाता और भूसे से भरी टै्?क्टर-ट्रॉली पलटने की स्थिति में पहुंच जाती है. इसके अलावा व्यस्तम मार्ग पर भूसे की ट्रॉली निकलने यातायात भी बाधित होने लगता है. शहर में भूसे से भरी ट्रॉली धड़ल्ले से गुजर रही हैं.