चेन्नई, 28 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हमें एक उत्पाद और स्टार्टअप-केंद्रित राष्ट्र बनने की आवश्यकता है। यह बयान इंडस्ट्री लीडर्स ने शुक्रवार को दिया।
आईइन्वेनटिव-2025 में समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए आईआईटी मद्रास के डायरेक्टर प्रोफेसर वी. कामकोटि ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हमें एक उत्पादन और स्टार्टअप केंद्रित राष्ट्र बनने की आवश्यकता है।
उन्होंने भारत के सबसे बड़े अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) मेले आईइन्वेनटिव-2025 पर कहा कि इसकी शुरुआत हमने 2023 में की थी। यह तीसरा संस्करण है। इसमें 86 से ज्यादा एजुकेशनल संस्थान भाग ले रहे हैं, जिनमें 50 से ज्यादा एनआईआरएफ, आईआईटी और आईआईएससी शामिल हैं। इसमें 185 स्टॉल लगाए गए हैं। यह फेयर निवेशकों और इंडस्ट्री के लिए खुला हुआ है। इसमें 2,500 से 3,000 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
आरएंडडी फेयर में भाग ले रहे आईआईटी धनबाद के ब्रायन एशर ने कहा कि हमने एक सैन्य उद्देश्य के लिए ऐसा रोबोट बनाया है, जो लैंडमाइन, अंडर ग्राउंड लैंडमाइन और उबड़-खाबड़ जगहों की पहचान कर सकता है। इसके अलावा हम भविष्य में इसे स्पेस एक्सप्लोरेशन के लिए बनाने जा रहे हैं, जहां रोवर्स के पहिए आसानी से खराब हो जाते हैं।
एनआईटी अगरतला से आए डॉ.सुमन देब ने कहा कि हमने एक इनहाउस रोबोट बनाया है और इसकी मैन्युफैक्चरिंग से लेकर एल्गोरिदम तक इनहाउस ही की गई है। इस रोबोट का उद्देश्य मैपिंग, स्थानीयकरण और एक्सपेरिमेंट के लिए किया जा सकता है। साथ ही, इसमें कस्टमाइजेशन का भी विकल्प दिया गया है।
देश के सबसे बड़े अनुसंधान एवं विकास मेले का उद्घाटन आज भारत सरकार के शिक्षा राज्य मंत्री माननीय डॉ. सुकांत मजूमदार ने आईआईटी मद्रास के डायरेक्टर प्रोफेसर वी. कामकोटि के साथ किया।
इस आयोजन का तीसरा संस्करण 28 फरवरी और 1 मार्च 2025 को आईआईटी मद्रास द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इसमें देश की शीर्ष अनुसंधान टीमों की लगभग 185 इंडस्ट्री-रेडी प्रदर्शनी शामिल होंगी, जिनमें टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की संभावना है।
–आईएएनएस
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