नई दिल्ली, 5 मार्च (आईएएनएस)। पूर्वोत्तर भारत के तीनों राज्यों – त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में भाजपा गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। वैसे तो इन तीनों राज्यों के चुनावी नतीजे भाजपा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन नागालैंड की जीत कई मायनों में काफी अहम है।
नागालैंड में लगातार दूसरी बार भाजपा अपने सहयोगी एनडीपीपी के साथ मिलकर जोरदार और दमदार तरीके से सरकार बनाने जा रही है। सीटों के लिहाज से देखा जाए तो भाजपा को 2018 में भी 12 सीटों पर जीत हासिल हुई थी और इस बार भी भाजपा को 20 सीटों पर चुनाव लड़कर 12 पर जीत हासिल हुई है। वहीं, 40 सीटों पर चुनाव लड़ने वाले उसके सहयोगी मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की पार्टी एनडीपीपी को 25 सीटों पर जीत हासिल हुई है। दोनों दलों को मिलाकर इस बार गठबंधन को 37 सीटों पर जीत हासिल हुई है जो 2018 में मिले 30 सीटों के मुकाबले कहीं ज्यादा है।
आईएएनएस से बात करते हुए नागालैंड भाजपा के प्रभारी नलिन कोहली ने कहा कि भाजपा गठबंधन की यह जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक्ट ईस्ट पॉलिसी की जीत है और नागालैंड के लोगों ने शांति, विकास और भाजपा के सकारात्मक एजेंडे के लिए वोट किया है।
कोहली ने भाजपा के शानदार प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि इस जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक्ट ईस्ट पॉलिसी को जाना चाहिए। प्रधानमंत्री जबसे केंद्र की सरकार में आए हैं तबसे ही नॉर्थ ईस्ट में सड़क और हाईवे से लेकर एयरपोर्ट तक हर क्षेत्र में तेजी से विकास के बहुत सारे काम हुए हैं। केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का फायदा सीधे लाभार्थियों तक पहुंचा है।
स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 51 बार पूर्वोत्तर आए हैं। जबकि इनसे पहले के सारे पूर्व प्रधानमंत्री मिलकर भी 51 बार यहां नहीं आए थे। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री मोदी के आदेश पर केंद्र सरकार के मंत्री भी हर 15 दिन में यहां आते हैं।
अब तक केंद्रीय मंत्रियों की 4 सौ से अधिक बार पूर्वोत्तर की यात्राएं हो चुकी है। इससे कामकाज में तेजी आती है और योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुंचता है। इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है कि सौ वर्षों के बाद नागालैंड को अपना दूसरा रेलवे स्टेशन मिला है। आजाद भारत में इससे पहले किसी सरकार ने नागालैंड के लिए यह नहीं किया था।
नागालैंड की जीत भाजपा गठबंधन के लिए इस लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है कि इस बार भाजपा गठबंधन 51 प्रतिशत मतों के साथ सरकार बनाने जा रहा है। एनडीपीपी को 32.2 प्रतिशत और भाजपा को 18.8 प्रतिशत यानी गठबंधन को कुल मिलाकर 51 प्रतिशत वोट मिला है।
नागालैंड भाजपा के प्रभारी नलिन कोहली ने बताया कि कई वजहों से भाजपा गठबंधन को नागालैंड के 51 प्रतिशत मतदाताओं ने आशीर्वाद दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा का नेतृत्व विश्वसनीय है। लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के- सबका साथ- सबका विकास – सबका विश्वास और सबका प्रयास के सकारात्मक एजेंडे पर भरोसा किया। संगठनात्मक रूप से भाजपा ने पूरे प्रदेश में बूथ स्तर तक जाकर संगठन को मजबूत किया।
हर घर तिरंगा अभियान जैसे कार्यक्रमों के जरिए सीधे लोगों के साथ संपर्क स्थापित किया। कोविड महामारी के संकट काल में भाजपा कार्यकर्ताओं ने लोगों की सहायता की। इसके अलावा चुनाव के समय पर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो के साथ संयुक्त रैली और संयुक्त प्रचार अभियान को लॉन्च करने से यह स्पष्ट संदेश गया कि हमारे 60 उम्मीदवार प्रदेश में चुनाव लड़ रहे हैं और गठबंधन बहुत मजबूत है।
कोहली ने आगे बताया कि गृह मंत्री अमित शाह दो दिन के लिए इस्टर्न नागालैंड आए थे और वे देश के पहले ऐसे गृह मंत्री बन गए जिन्होंने ईस्टर्न नागालैंड में एक रात बिताई हो क्योंकि उनसे पहले भारत सरकार के किसी गृह मंत्री ने ऐसा नहीं किया था।
उन्होंने कहा कि दीमापुर में प्रधानमंत्री मोदी की जो अंतिम रैली हुई थी उसका प्रभाव यह रहा कि उस इलाके की सभी पांचों सीटों पर भाजपा- एनडीपीपी के उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई। नागालैंड राज्य बनने के बाद से पहली बार दो महिलाएं चुनाव जीत कर विधान सभा में पहुंची हैं। दोनों ही उम्मीदवार सहयोगी एनडीपीपी से है। भाजपा की तीसरी महिला प्रत्याशी सिर्फ 6 सौ वोट से हार गईं।
नागालैंड सहित पूर्वोत्तर राज्यों में आए चुनावी नतीजों को पूरे देश की राजनीति के लिए बड़ा संदेश बताते हुए कोहली ने कहा कि इससे यह स्पष्ट हो गया है कि विकास की राजनीति को पूरे देश में अपनाया जा रहा है। कांग्रेस नेशनल नहीं नोशनल पार्टी बन गई है।
कांग्रेस जो नकारात्मक और भ्रम फैलाने की राजनीति कर रही है, प्रधानमंत्री को लेकर अपशब्दों का प्रयोग कर रही है, उससे उसे कोई लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि जनता शांति, विकास और सकारात्मक एजेंडे को पसंद करते हुए भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना आशीर्वाद दे रही है।
–आईएएनएस
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