जबलपुर, देशबन्धु. रेलवे में यात्रियों के साथ होने बाली भों और अनुशासनहीनता पर सीबीआई टीम और रेलवे बोर्ड विजिलेंस ने शिकंजा कसना शुरु कर दिया है. इससे हड़कंप मजा हुआ है. यात्रियों से पेन्ट्रीकार में व स्टेशन में पैसे तो पूर लिये जा रहे हैं परंतु यात्रियों को जो भी चाप कोचो परोसी जा रही है वा सही भाग में नहीं दी जा रही है.
सुपरफास्ट ट्रेन में छापामार कार्रवाई करते हुए पेन्ट्रीकार से गिलास जाम किये. इन गिलास पर रेलवे का मोनो लगा था. इस मामले में पेन्ट्रीकार के कर्मचारी को भी उतारा गया. नेकेदार द्वारा यात्रियों की मांग के अनुसार ही खानपान का प्रबंध करता है. एजेंसियों को यही भी शिकायतें मिल रही थी कि पेपर गिलास भी अमानक है.
इसी के साथ ही साथ एक दर्जन स्टॉल और लगभग 2 दर्जन ट्रालियों को भी चैंकिंग की गई. इन स्थानों से भी पेपर गिलास जप किये गये. जब एजेंसियों को यह पता लगा है कि सवाई माधोपुर में ही निजी क्षेत्र में पेपर गिलास को केवटी का गोदाम है. सीबीआई की टीम ने इस पक्षियों को लाने का प्रयास किया परंतु वह सभी यहां महाभागने में सफल हो गए.
सूत्रों से प्राप्त खबर के मुताबिक सीबीआई को काबेस में इन संबंध में शिकायतें हुदा है. ट्रेनों की पेंट्रीकार से दो जाने वाली चाय का गिलास 170 एमएल का होता है परंतु १० एमएल के गिलास के संबंध में शिकायतें प्राप्त हो रही थी. कई यात्री ट्रेनों में इस प्रकार के गिलास नढ़ाए जाते हैं जांच एजेंसी ने कार्रवाई करते हुए इसे जांच में लिया है. सौरभ जैन का कहना है कि कोटा मंडल को ओर से पेपर गिलास आपूर्ति का कोई भी लेका किसी भी फर्म को नहीं दिया गया है.
इस गोरखधंधे में रेलवे के उपक्रम इंडियन रेलवे केटरिंग एवं टुरिजम आईआरसीटीसी को भी मिली भात का मामला हमेशा चर्चा में रहता है. इसमें किसी भी प्रकार को रोक टोक लगाने का प्रयास किये जाने की फुर्सत किसी भी अधिकारी को नहीं है. इस प्रकार की गतिविधियां बीते कई दिये रोक टोक चल रही हैं, इस पर होरो लाने के लिए कोई भी रेलवे अधिकारी पता और उसकी मात्रा को गर्न
पमरे जोनल मुख्यालय जकर सतर्कता अधिकारी सहित दर्जन की पदस्थापना के बाद भी इस टीम को कार्यप्रणालो केवल जून्ग पर अटकी होने को चर्चा है.