उमरिया, देशबन्धु. उमरिया जिले के विश्वविख्यात बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लगे भरहुत गांव में एक पालतू कुत्ते ने स्वामिभक्ति और बहादुरी की अनोखी मिसाल पेश की. भरहुत गांव का युवक शिवम बड़गैया अपने पालतू जर्मन शेफर्ड कुत्ते के साथ घर के बाहर टहल रहा था, तभी अचानक जंगल से एक बाघ गांव में घुस आया और शिवम पर हमला करने के लिए झपटा. हालात को भांपते हुए जर्मन शेफर्ड ने अपनी जान की परवाह किए बिना बाघ का सामना किया.
वह जोर-जोर से भौंकने लगा, जिससे बाघ कुछ देर के लिए स्तब्ध हो गया. हालांकि, थोड़ी देर बाद बाघ ने युवक को छोड़कर कुत्ते की ओर दौड़ लगा दी. कुत्ते ने बहादुरी दिखाते हुए बाघ से लड़ने की पूरी कोशिश की, लेकिन बाघ ने उसे जबड़े में दबाकर गांव के बाहर तक घसीट लिया.
कुत्ते की हिम्मत और संघर्ष को देखते हुए बाघ ने थक-हारकर उसे छोड़ दिया और जंगल की ओर लौट गया. इस बीच, कुत्ता गंभीर रूप से घायल हो गया था. मालिक शिवम तुरंत उसे जिला मुख्यालय लेकर पहुंचे, जहां पशु चिकित्सक ने उसका इलाज किया. हालांकि, गहरे जख्मों के कारण कुछ घंटों बाद कुत्ते ने दम तोड़ दिया.इस घटना ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है. जिसने भी इस स्वामिभक्त कुत्ते की बहादुरी की कहानी सुनी, उसने उसकी दिल से सराहना की.
गांव वालों ने कहना है कि इस वफादार कुत्ते ने अपनी जान की परवाह किए बिना मालिक की रक्षा कर यह साबित कर दिया कि इंसान के सच्चे साथी वफादार जानवर ही होते हैं. हम आपको बता दें कि उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में इन दिनों बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसके चलते बाघ अब जंगल से रिहायशी इलाकों की ओर रुख कर रहे हैं. इन घटनाओं के वीडियो भी आए दिन सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं.