मुंबई, 2 मार्च (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा में सोमवार से बजट सत्र की शुरुआत होने वाली है। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष के लिए शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे का नाम सामने आ रहे है। इस पर भाजपा विधायक राम कदम ने कहा कि प्रदेश के तीनों विपक्षी दल विपक्ष का दर्जा हासिल करने की क्षमता खो चुके है।
शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे को महाराष्ट्र विधानसभा का नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की चर्चा पर भाजपा विधायक राम कदम ने कहा, “महाराष्ट्र के तीनों विपक्षी दल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा खो चुके हैं। नेता प्रतिपक्ष के लिए जितनी संख्या की जरूरत होती है, उनकी उतनी संख्या भी नहीं आई। ऐसे में आधिकारिक तौर कोई भी नेता प्रतिपक्ष नहीं बन सकता। लेकिन अगर व्यावहारिक तौर पर कहा जाए, तो किसे चुनना है, ये उनकी बात है।”
राम कदम ने सवालिया लहजे में कहा, “महाराष्ट्र के तीनों विपक्षी दल आदित्य ठाकरे के नाम को स्वीकार करेंगे? क्योंकि तीनों दलों को लगता है कि आदित्य ठाकरे में अनुभव की कमी है। जो हारते-हारते बहुत कम वोट से जीतकर आए हैं और जिनके कारण पूरा दल टूट कर एकनाथ शिंदे की ओर चला गया। ऐसे कई आरोप उन पर लगे हैं। हमें नहीं लगता कि उन्हें विपक्ष का नेता चुना जाएगा।”
महाकुंभ पर हो रही राजनीति और इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के नहीं जाने पर राम कदम ने कहा, “जो नहीं गए, वो विपक्ष को दिख रहा है। मोहन भागवत हमारे लिए परम पूज्य और वंदनीय हैं। पर महाकुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत कई सारे नेता गए। महाकुंभ में आस्था का जनसैलाब उमड़ा और करीब 60 करोड़ लोग वहां पर गए। पूरे दुनिया से लोग वहां पर गए। इस धार्मिक आयोजन पर टिप्पणी करने वाले लोगों को समझना चाहिए कि महाकुंभ राजनीति का विषय कभी नहीं हो सकता। राजनेताओं को इसकी चिंता करनी चाहिए कि महाकुंभ कैसे विराट और विशाल हो।”
–आईएएनएस
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