सतना, देशबंधु. अगले नए शैक्षणिक सत्र में कई प्राइवेट स्कूलों में खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि नियमों के अनुसार नवीनीकरण एवं नवीन मान्यता जारी न होने से निजी स्कूलों में ताले लटकना तय है।
अभी तक चली हुई मान्यता की इस प्रक्रिया में लगभग 29 निजी स्कूलों की मान्यता निरस्त कर दी गई है वहीं 100 से अधिक प्राइवेट स्कूल संचालकों ने आवेदन की लेट फीस अंतिम तिथि बीत जाने के बाद भी मान्यता के संबंध में जानकारी प्राप्त होने के बाद भी आवेदन ही नहीं किए हैं।
उल्लेखनीय है कि कक्षा 1 से 8वीं तक के प्राइवेट स्कूल संचालकों को जिला शिक्षा केन्द्र से मान्यता लेना अनिवार्य है। निःशुल्क और बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार समस्त अशासकीय शालाओं द्वारा मान्यता प्राप्त करने के उपरांत ही स्कूल का संचालन किया जा सकेगा।
इसके लिए अधिनियम की मंशानुसार राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क और बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2010 के नियम 11 के तहत मान्यता के प्रावधान किया है।
जानकारों के अनुसार सतना-मैहर जिले में लगभग 700 प्राइवेट स्कूलों का नवीनीकरण एवं नवीन मान्यता जारी की जानी थी जिसमें अभी तक 104 सतना में तो मैहर में लगभग 40 स्कूलों की नवीन मान्यता जारी की जा चुकी है। बताया गया कि सतना में 27 तो मैहर में 2 स्कूलों की मान्यता बीआरसी स्तर पर निरस्त की गई है।
खटखटा सकते है कलेक्टर कोर्ट का दरवाजा
बताया गया कि निरस्त किए गए आवेदनों में कई दस्तावेजों की कमी है, जिसमें रजिस्टर्ड किरायानामा न होना, त्रुटियुक्त एफडी, आरटीई की शर्तों के अनुसार शिक्षक संख्या न होना आदि बिंदुओं पर मान्यता आवेदन निरस्त किए गए हैं। हालांकि अपील कलेक्टर कोर्ट में एवं उसके बाद संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र में की जा सकती है। अपील नहीं होने की स्थिति में ये स्कूलें अगले शैक्षणिक सत्र में एडमिशन नहीं दे पाएगी।
आरटीई में दाखिले का संकट
जानकारों के अनुसार स्कूलों की मन्यता समय पर पूरी न होने से अब आरटीई में दाखिले के लिए संकट खड़ा होता दिख रहा है। 1 अप्रैल से नया सत्र शुरू हो रहा है। बताया गया कि पिछले सत्र तक फरवरी-मार्च में आरटीई प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो जाती थी लेकिन इस बार स्कूलों की मान्यता के चलते प्रवेश प्रक्रिया कब से शुरू होगी यह अभी तक तय नहीं किया गया। 15 मार्च तक स्कूलों की मान्यता की प्रक्रिया परी कर ली जाएगी।