जबलपुर, देशबन्धु. नगर निगम के गढ़ा जोन कार्यालय में दस ग्यारह मार्च की दरमियानी रात भड़की आग तो बही मशक्कत के बाद काबू में कर ली गई, लेकिन जोनकार्यालय में भड़को आग और उस पर काबू पाने में आई समस्याएं कई जरूरी सवाल सुलगा गई. यह सवाल भी उठा कि पूर्व में हरजोन कार्यालयों में फायर ब्रिगाह की तैनाती की गई थी, लेकिन यह वाकय इटाली गई.
किसके कहने पर हटा ली गई. इसका जवान नहित अधिकारियों के पास नहीं है. उधर जोन कार्यालय की आग पुझाने में ऐसी अड़चने आई कि जो आम आदमी को डरा गई गनीमत थी हादसा रात को हुआ, कहीं दिल मेंमें हुआ होता तो कल्पना ही रोगटे खड़ा कर देती है कि इस भीड़ भरे कार्यालय का क्या हाल होता.
सड़कों पर बिल्डिंग मटेरियल और मशीनी उपकरण बन रहे हैं आवागमन में बड़ी बाधा
जोन कार्यालय के भारी और अतिक्रमण गमे पड़े हैं. और ऐसी बाधा बने कि फायरबिग्रेड की गाड़ी ही अंदर नहीं जा पा रही थी. ऐसी और भी मुश्किले हैं, जिन पर अब गंभीरता से विचार को जरूरत यह आँग कांत बता गया है.
गौरतलब है कि पूर्व में तत्कालोन महापौर विश्वनाथ दुबे के कार्यकाल में सभागीय जोन कार्यालयों में दो फापर बहन बड़े कराये जाने की बात कही गई है. इससे इस तरह के हादसे होने पर आसानी से कम समय में आंध्रशमन वाहन मंकि पर पहुंच जाते थे जिसमे त्वरित मदद या अग बुझाने में मदद मिलती थी.
इसके अलामा जोन कार्यालयों में फापर सुरक्षा में जुड़े उपकरण भी नहीं रखे जाते हैं. यहां पर इसी तरह की स्थिति बन गई थी. इस तरफ नगर सरकार के जवाबदार लोगों को ध्यान देने की जरूरत है. राधा जोन कार्यालय में आग लगने से कई तरह दस्तावेज और अन्य उपयोगी सामान जल कर खाक हो गया.
अग्नि दुर्घटना की जांच के लिए समिति का गठन
निगमायुक्त प्राति यादव द्वारा संभागाय कार्यालय सभाग क्रमांक हा में 10 मार्च को रात्रि में हुई औरत दुर्घटना की जान हेतु समिति का गठन किया गया है. उन्होंन चताया कि पाँच सदस्यीय जाँच समिति में प्रभारी अपर आयुक्त (त्रित) विद्वानंद बाजपेयों आध्यक्ष कार्यस्तन पंत्री नवोन लोन नेहन सिंह मरावी, सहायक आयुक किता बर्मन एवं प्रभारी अग्नि शमन अधिकारीकर के नाम है. उस टित दल 15 दिवस में अपनी संयुक्त रिपोर्ट मरे समक्ष प्रस्तुत करेंगे.