नई दिल्ली, 7 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक महिला को 27 सप्ताह के गर्भ को खत्म करने की अनुमति दे दी, क्योंकि भ्रूण में हृदय संबंधी असामान्यता पाई गई थी।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह की एकल न्यायाधीश की पीठ ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट को देखने के बाद निर्देश पारित किया, जिसमें बर्खास्तगी की सिफारिश की गई थी।
न्यायमूर्ति सिंह ने याचिकाकर्ता महिला को नौ मार्च को एम्स में भर्ती कराने का निर्देश दिया।
एम्स में गठित छह सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने रिपोर्ट दाखिल की।
एम्स ने सोमवार को अदालत को सूचित किया कि 27 सप्ताह के असामान्य गर्भावस्था को खत्म करने की मांग कर रही 32 वर्षीय महिला की चिकित्सा जांच की जा रही है।
एक अंतरिम रिपोर्ट के जरिए एम्स ने जस्टिस सिंह को सूचित किया था कि याचिकाकर्ता महिला की जांच की गई थी और और परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं।
न्यायाधीश ने इसे अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।
पिछले हफ्ते अदालत ने याचिकाकर्ता की जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया था।
अल्ट्रासाउंड के जरिए भ्रूण में कुछ असामान्यता का पता चलने के बाद महिला ने गर्भपात की अनुमति मांगी।
पीठ ने कहा, असामान्यता की प्रकृति को देखते हुए एम्स को एक मेडिकल बोर्ड का गठन करने दें।
अदालत ने 17 फरवरी के अल्ट्रासाउंड के परिणाम को ध्यान में रखते हुए मामले को एक भ्रूण चिकित्सा विशेषज्ञ के पास भेज दिया था।
25 फरवरी को हृदय संबंधी असामान्यता पाई गई और अदालत ने रिपोर्ट का अवलोकन किया।
महिला ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट, 1971 (एमटीपी अमेंडमेंट एक्ट, 2021 द्वारा संशोधित) की धारा 3(2बी) के तहत गर्भपात कराने का निर्देश देने के लिए हाईकोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की थी।
–आईएएनएस
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