नई दिल्ली, 16 मार्च (आईएएनएस)। आयुर्वेद में कई तरह की जड़ी-बूटियां हैं, जो शारीरिक समस्याओं को दूर करने में मदद करती हैं। इनमें मरुआ भी एक ऐसी ही जड़ी-बूटी है। मरुआ का पौधा न केवल सुगंधित होता है, बल्कि इसके पत्ते भी शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी हैं। विशेष रूप से यह पत्तियां पाचन तंत्र, सर्दी-जुकाम, सिरदर्द और मुंह की दुर्गंध जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करती हैं।
शोध में पाया गया है कि मरुआ के पत्तों में पोटैशियम, कार्बोहाइड्रेट, डाइटरी फाइबर, प्रोटीन, विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन, विटामिन बी6 और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के लिए अत्यधिक फायदेमंद होते हैं।
बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में जितिया के मौके पर इसका खास तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। व्रत से पहले महिलाएं इससे बनी रोटी खाती हैं। वजह है इसमें मौजूद पोषक तत्व, जो 24 घंटे से भी ज्यादा के व्रत में ऊर्जावान बनाए रखते हैं।
बच्चों में पेट में कीड़े की समस्या एक सामान्य बात है। यह समस्या अक्सर पेट दर्द और उल्टी जैसी परेशानियों का कारण बनती है। मरुआ के पत्तों का रस इस समस्या को दूर करने में मदद करता है। बताया जाता है कि बच्चों को मरुआ के पत्तों का रस 4-6 बूंद सुबह खाली पेट देने से कीड़े की समस्या ठीक हो जाती है।
इसकी पत्तियां अपच की समस्या को दूर करने में भी सहायक होती हैं। मरुआ की चटनी से न केवल अपच की समस्या दूर होती है, बल्कि यह भूख बढ़ाने में भी मदद करती है। मरुआ का नियमित सेवन पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और पेट संबंधित समस्याओं को कम करता है।
फायदों की लिस्ट यहीं खत्म नहीं होती, बल्कि सर्दी-जुकाम और खांसी जैसी समस्याएं बदलते मौसम में आम हो जाती हैं। मरुआ की पत्तियां सर्दी-जुकाम और खांसी में राहत देती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि मरुआ को मुलेठी के साथ खाने से सर्दी-खांसी में राहत मिलती है। इसका नियमित रूप से सेवन करने से श्वसन तंत्र को भी फायदा होता है।
सिरदर्द और माइग्रेन जैसी समस्याओं में भी ये प्रभावी होते हैं। सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए मरुआ के रस का सेवन किया जा सकता है। यह सिरदर्द के लिए रामबाण की तरह काम करता है। इसके अलावा, मरुआ के पत्तों का लेप भी माथे पर लगाया जा सकता है, जो सिरदर्द और माइग्रेन में आराम देने का एक प्राकृतिक उपाय है।
मरुआ के पत्ते मसूड़ों की समस्याओं और मुंह की बदबू को दूर करने में भी मदद करते हैं। इसके लिए मरुआ की पत्तियों को चबाने की सलाह दी जाती है। साथ ही इसका रस पीने के लिए भी कहा जाता है। यह मुंह की दुर्गंध को दूर करता है और मसूड़ों की सूजन को कम करता है। गले में खराश होने पर मरुआ के पत्तों को पानी में उबालकर गरारे करने से समस्या दूर होती है।
फायदे हैं तो कुछ एहतियात भी जरूरी है। मात्रा कितनी होनी चाहिए, मरीज को क्या सावधानी बरतनी चाहिए, इसे लेकर किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
–आईएएनएस
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